Tuesday, April 16, 2024

Dairy Farming : जानिए डेयरी फार्मिंग करके कैसे कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

प्राचीन काल से ही डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) ग्रामीणों कि आर्थिक स्थिति को सुधारने मे काफी मददगार साबित हुआ है. हमारे देश के किसान अपने आय को बढ़ाने के लिए प्राचीन काल से ही पशुपालन करते आ रहे है. आज के आधुनिक समय में भी डेयरी फार्मिंग तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे में पशुपालक गाय पालन एवं भैंस पालन की तरफ ज्यादा रूख कर रहे हैं. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय गरीब हो या उधमी सबके लिए है इसमे आपर संभावनाए है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय एक ऐसा बिजनेस है, जिसकी उत्पाद की मांग पूरे साल भर चलती रहती है. इस व्यवसाय को शुरू करने मे शुरुआत के दिनों मे थोङा ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है. ज्यादा लागत लगने का मुख्य कारण डेयरी फार्मिंग मे इस्तेमाल होने वाले पशुओं की कीमत बहुत ज्यादा रहती है. क्योंकि वह पशु अच्छी नस्ल के एवं अधिक पैदावार देने वाले होते हैं. इसलिए उनकी कीमत भी ज्यादा होती है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि डेयरी फार्मिंग की शुरुआत करने के लिए हमें बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत होती है. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को छोटे स्तर एवं छोटे जगह से शुरू किया जा सकता है। 

वैसे हमारे देश में गाय एवं भैस की कई प्रमुख नस्लें पाई जाती हैं जो की डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के उदेश्य से काफी अच्छा माना जाता है लेकिन पशुपालक को गाय एवं भैस की उन्हीं नस्लों का पालन करना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक दूध उत्पादन प्राप्त हो पाए. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को शुरू करने से पहले पशुपालकों को उन्नत नस्ल कि गाय एवं भैस की जानकारी ले लेनी चाहिए. जिससे की उन्हे नस्लों के चुनाव करने मे कोई परेशानी का सामना न करना पङे।

Page Contents

डेयरी फार्मिंग क्या है (dairy farming kya hai in hindi)

डेयरी फार्मिंग मे गाय, भैस, बकरी आदि पशुओ को पालन करना होता है जिससे पशुपालकों को गाय, भैस, बकरी आदि से दूध की प्राप्ति होती है तथा दूध का प्रोसेसिंग करके इससे अनेक प्रकार के उत्पाद जैसे कि दूध से दही, घी, पनीर एवं अनेक प्रकार का मिठाइयाँ का निर्माण किया जाता है। डेयरी फार्मिंग मे पशुपालकों को पशुओ का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। पशुपालकों को पशुओं के प्रजनन, पोषण, रहन-सहन एवं उसके चिकित्सा का अच्छी व्यवस्था करनी होती है।

Dairy Farming Kaise Shuru Kare

डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें (Dairy Farming Kaise Shuru Kare)

डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है जैसे कि पशुओ को रखने के लिए आवास, पशुओ को खिलाने के लिए चारा, आवास मे पानी की अच्छी व्यवस्था, अच्छी नस्ल के पशुओ का चुनाव आदि का इंतजाम पशुपालकों को करना होता है। इन सभी चीजों के बारे मे इस आर्टिकल मे विस्तार से जानकारी दी गई है।

पशुओं के लिए आवास व्यवस्था

डेयरी फार्मिंग मे पशुओ का आवास जहाँ पर पशुओ को रखा जाता है इसकी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. क्योंकि पशुओ के लिए आवास उनके आराम, सुरक्षा, कुशल उत्पादन और सुबिधा के लिए बहुत ही आवश्यक माना गया है. पशु का आवास जितना अधिक स्वच्छ एवं आरामदायक होता है पशु का स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहता है। पशुओ को रखने के लिए अच्छी आवास का होना इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि पशुओ को विभिन्न मौषम के अनुसार सर्दी, गर्मी एवं वर्षा आदि से आसानी से बचाया जा सके।

पशुपालकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कौन से नस्ल के पशु का पालन करना चाहते है क्योंकि संकर नस्ल के गाय एवं भैस गर्मियों के प्रति अधिक संवेदनशील होती है इसलिए पशुपालकों को पशुशाला का निर्माण करते समय इस बात का खास ध्यान देना चाहिए कि एक अच्छा पशु आवास पशुओ को न केवल अनुकूल वातावरण प्रदान करता है बल्कि पशुओ को परभक्षियों तथा विपरीत मौसम से भी सुरक्षा प्रधान करता है तथा पशुपालकों को ये भी ध्यान देना चाहिए कि पशु का आवास बिल्कुल साफ-सुथरा एवं हवादार हो।

Dairy Farming
Dairy Farming

आवास मे पानी की अच्छी व्यवस्था

पशुपालकों को पशु के आवास मे पानी की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे की पशुओ को पानी देने एवं स्नान कराने मे सुबिधा हो एवं पानी के निकाशी का भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए. पशुपालकों को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि पशु के रहने के जगह पर पानी न लगे।

पशुओ को खिलाने के लिए चारा

डेयरी फार्मिंग शुरू करने से पहले पशुओ को खिलाने के लिए चारे का इंतजाम कर लेना चाहिए. चारे के रूप मे पशुओ को खिलाने के लिए सूखा चारा, हरा चारा आदि की व्यवस्था करनी चाहिए तथा इसके अतिरिक्त भी पशुओ को खिलाने के लिए पशु आहार, दाना एवं चोकर आदि की भी व्यवस्था कर लेनी चाहिए।

पशुओ को सूखा चारे के रूप मे गेहूँ का भूसा, धान के पुआल का भूसा, बरसिम या रिजका का सूखा चारा तथा हरे चारे के रूप मे बरसिम घास, रिजका, लोबिया आदि के हरे चारे का इस्तेमाल करना चाहिए. पशुओ के आहार मे हरे चारे का विशेष महत्व है इसमे पोषक तत्व के रूप मे प्रोटीन, खनिज, लवण और विटामिन भरपूर मात्रा मे पाया जाता है. जो की पशुओ के वृद्धि विकाश के लिए अच्छा माना जाता है। अगर पशुपालक पशुओ के सूखे भूसे के साथ-साथ थोङा मात्रा मे दाना, पशु आहार या चोकर का उपयोग करते है तो पशु इसे भी खूब पसंद करती है. सूखा चारा के साथ-साथ दाना, पशु आहार या चोकर का मिश्रण देना अच्छा माना जाता है. इसमे प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण भरपूर मात्रा मे होने के कारण ये पशुओ के स्वस्थ के लिए अच्छा होता है।

पशुओ के नस्ल का चुनाव

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे पशुओ के नस्लों का चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है नस्लों का चुनाव पूरी तरह से पशुपालकों पर निर्भर करता है क्योंकि पशुपालक किस उदेश्य से डेयरी फार्मिंग व्यवसाय करना चाहते है. यदि कोई पशुपालक ज्यादा दूध उत्पादन के दृष्टि से डेयरी फार्मिंग करता है तो उन्हे ज्यादा दूध देने वाली गाय या भैस के नस्लों का चयन करना चाहिए. अभी कुछ दिनों से A1 और A2 मिल्क के बारे मे भी काफी सुनने को मिल रहा है. पशुपालक A1 और A2 मिल्क देने वाले नस्लों का भी चुनाव करके डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को शुरू कर सकते है. नीचे मे गाय एवं भैस के कुछ नस्लों की जानकारी दी गई।

गाय की प्रमुख नस्लें

  • ब्राउन स्विस
  • गिर
  • हरियाणा नस्ल
  • राठी
  • थारपारकर
  • जर्सी
  • साहिवाल
  • लाल सिन्धी
  • होल्स्टेन फेशियन
  • देओनी
  • कांकरेज
  • ओन्गोले
  • करन फ्राइ

भैंस की प्रमुख नस्लें

  • नील रवि
  • नागपुरी
  • ज़फराबादी
  • सुरती
  • मेहसाना
  • मुर्रा
  • भाद्वारी

पढ़िये..

कहाँ से खरीदे पशु

इंटरनेट के इस दौर मे ऑनलाइन खरीद-बिक्री करना बहुत ही आसान हो गया है स्मार्टफोन, कंप्युटर, लैपटॉप के आ जाने से खरीद-बिक्री का काम चुटकियों मे किया जा सकता है. आज के इस आधुनिक युग मे ई-कॉमर्स वेबसाइट से अपने जरूरत के सामनों को शहर के लोग ही नहीं बल्कि गाँव के लोग भी इसकी मदद से आसानी से अपनी जरूरत के सामनों को खरीद रहे है. लेकिन अगर हम आपसे कहे कि आप अपनी जरूरत के सामनों को जिस तरह से खरीदारी करते है ठीक उसी प्रकार से ई-कॉमर्स वेबसाइट से अपने पसंदीदा नस्ल की गाय या भैंस खरीद सकते हैं तो आप कहेगे कि क्या यह संभव है ?

आज से कुछ समय पहले तक की ही बात है कि पसंदीदा नस्ल की गाय या भैंस को खरीदने के लिए पशुपालकों को पुष्कर पशु मेला, सोनपुर पशु मेला, नागपुर का पशु मेला, आगरा का पशु मेला आदि का इंतजार करना पङता था. जो कि साल मे एक या दो बार इस मेले का योजन होता था जिससे पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना परता था. पशुपालकों के पास एक और विकल्प होता था कि वो खुद जाकर जो दूसरे पशुपालक जो कि गाय या भैंस को पालते है अगर वो किसी गाय या भैंस को बेचना चाहते है तो उनसे बात करके गाय या भैंस की खरीदारी कर सकते है।

अच्छी नस्ल के दुधारू पशु की खरीदी बिक्री के लिए भारत सरकार ने ई पशु हाट पोर्टल की शुरुआत की है. इस बेवसाइट https://www.epashuhaat.gov.in/ के माध्यम से विभिन्न नस्ल की गाय, भैस आदि कि खरीदी बिक्री आसानी से की जा सकती है. किसान घर बैठे सही कीमत पर अच्छी नस्ल के मनचाहे पशु इस बेवसाइट के मदद से खरीद सकते है।

Dairy Farming
Dairy Farming

पशुओ की खास देख भाल

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे पशुओ की खास देखभाल की आवश्यकता होती है यहाँ पर देखभाल से यह मतलब है कि पशुओ की आवास की साफ-सफाई समय-समय पर करते रहना चाहिए. ताकि पशुशाला मे गंदगी एकत्रित न हो पाए, और समय-समय पर पशुओ के मल-मूत्र को भी साफ करते रहना चाहिए. इसके साथ ही इसमे खास ध्यान देने योग्य बात ये भी है की पशुओ को समय-समय पर खाना, पानी तथा अगर कोई पशु बीमार है तो उसपर भी खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है एवं समय-समय पर पशुओ की स्नान कराने की भी व्यवस्था करनी चाहिए. अच्छी उत्पादकता और सेहत के लिए उन्हें उच्च गुणवत्ता और पोषण युक्त चारा पशु को देते रहना चाहिए।

दूध निकालने का कार्य

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे दूध निकालने का कार्य भी काफी मसकक्त भारा है दूध निकालने का कार्य मे साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है दूध निकालते समय ये समस्या आम है कि गाय या भैस अपनी पैरों को आगे पीछे करती रहती है जिससे कभी-कभी दूध निकालने वाली बाल्टी मे ही पशुओ का पैर आ जाता है जिससे कि या तो दूध गिर जाता है या दूध मे गोबर आदि के छीटे आ जाते है. अब तो दूध निकालने का कार्य के लिए मशीन भी बाजार मे आ गया है जिससे कि दूध निकालना काफी आसान हो गया है इस मशीन को मिल्किंग मशीन के नाम से जानते है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत

ऐसा माना जाता है कि डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है इसलिए जो भी इस व्यवसाय कि शुरुआत करना चाहते है उन्हे पहले छोटे स्तर से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. छोटे स्तर से इसकी शुरुआत करने से पशुपालकों को इसमे होने वाली परेशनियों का भी पता चलेगा तथा इसमे प्रत्येक पशु पर कितना खर्च आता है और कितना मुनाफा आता है इसका भी पता चलता है जिससे पशुपालकों को इस बात का पता चलेगा कि इस व्यवसाय मे कितना फायदा है क्या इस व्यवसाय को बङे पैमाने पर करने मे ज्यादा मुनाफा हो सकता है।

Dairy Farming
Dairy Farming

छोटे स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत

किसी भी व्यवसाय को बङे पैमाने पर शुरू करने से पहले छोटे पैमाने पर इसकी शुरुआत करके देख लेना काफी अच्छा माना जाता है ऐसा इसलिए भी अच्छा माना जाता है कि इस व्यवसाय मे क्या-क्या परेशनियों आती है तथा कौन-कौन से चीजों की आवश्यकता होती है, व्यवसाय मे प्रति पशु पर कितना लागत आती है तथा प्रत्येक पशुओ से कितना मुनाफा होती है इसका पता चल जाता है जिससे कि इस व्यवसाय को बङे पैमाने पर शुरू करने मे कितना लागत आयेगा, कितना मुनाफा कमाने को मिलेगा एवं इस व्यवसाय मे किन-किन परेशानियों का सामना करना पङ सकता है इसका मूल्यांकन छोटे स्तर पर इस व्यवसाय को शुरू करके पता किया जा सकता है।

बङे स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत

बङे स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत करने पर जाहीर सी बात है कि इसमे ज्यादा लागत की आवश्यकता होगी. एवं पशुओ के रख-रखाव के लिए भी ज्यादा जगह की जरूरत होती है। इसमे ज्यादा लागत पशुओ की खरीदारी मे ही होती है क्योंकि डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे अच्छी नस्ल के पशुओ कि कीमत ज्यादा होता है तथा इसके साथ ही पशुओ का आहार पर भी खर्च आता है। जिसकी वजह से बङे स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत करने पर ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है।

डेयरी फार्मिंग से प्राप्त उत्पाद की मार्केटिंग

डेयरी फार्मिंग से प्राप्त उत्पाद की मार्केटिंग सही तरीके से नहीं किया जाए तो इस व्यवसाय मे भी नुकशान का सामना करना पङ सकता है. किसी भी व्यवसाय से अच्छे मुनाफे कमाने के लिए अपने उत्पाद की मार्केटिंग सही तरीके से एवं सही जगह पे करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है यहाँ पर सही जगह से मतलब ये है कि जिस जगह पर उस उत्पाद की मांग ही नहीं है उस जगह पर उस उत्पाद की मार्केटिंग करने से कोई फायदा नहीं होता है।

वैसे तो डेयरी फार्मिंग से प्राप्त उत्पाद की मांग पूरे साल रहती है डेयरी फार्मिंग से प्राप्त होने वाले उत्पाद दूध, दही, पनीर, खोआ, घी, मक्खन आदि जैसे कई उत्पाद हैं जिनकी मांग भारत में तो है ही तथा इसके साथ ही इसकी मांग विदेश में भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए डेयरी फार्मिंग से प्राप्त उत्पाद के लिए हमें ज्यादा मार्केटिंग करने की भी आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन आपने कभी न कभी ये कहावत सुना ही होगा कि “जो दिखता है वही बिकता है” तो इस कहावत से यही सीखने को मिलता है कि आज के इस जमाने मे अपने उत्पाद की मार्केटिंग करना बहुत जरूरी है। वैसे अगर आप अपने डेयरी फार्मिंग से प्राप्त उत्पाद की मार्केटिंग करना चाहते है तो आप नीचे दिए गए तरीकों को अपना सकते है।

बैनर व पोस्टर लगवाकर मार्केटिंग 

बहुत साल पहले से ही इस तरह के प्रचार अपने उत्पाद को बेचने के लिए किया जा रहा है जिसमे की आकर्षक पोस्टर्स एवं बैनर लगाकर अपने उत्पाद की प्रचार किया जाता है. इसमे एक बात का खास ध्यान देना होता है कि आप जिस स्थान पर अपने उत्पाद को बेचना चाहते है उन्ही क्षत्रों मे पोस्टर्स एवं बैनर लगाकर अपने उत्पाद की प्रचार करें। जिससे आपको अपने उत्पाद को बेचने के लिए ज्यादा दूर जाने की आवश्यकता नहीं होता है एवं जो Delivery पर खर्च आता है उसमे भी बचत आएगी।

पेम्पलेट बंटवाकर मार्केटिंग

पेम्पलेट बंटवाकर अपने उत्पाद की मार्केटिंग करना भी काफी कारगर मार्केटिंग है इसमे आपको अपने उत्पाद की पेम्पलेट छपवाकर बटवाना होता है. जिस क्षेत्र मे आप उत्पाद की मार्केटिंग करना चाहते है उस क्षेत्र मे घर-घर जाकर अपने उत्पाद के बारे मे बताए एवं उन्हे आप अपना पेम्पलेट भी दे. जिससे कि आपके उत्पाद का प्रचार हो सके।

अगर आप घर-घर नहीं जाना चाहते है तो इसका भी उपाय है। जो उस क्षेत्र मे अखबार बाटने का काम करता आप उससे बात करके इस काम को कर सकते है. आप अखबार बाटने वाले को कुछ पैसे देकर उस क्षेत्र के सभी अखबार मे पेम्पलेट डालकर बंटवा दे जिससे प्रत्येक घर मे आपका पेम्पलेट चला जाएगा। इससे जिस किसी को भी आपके उत्पाद की जरूरत होगी वो आपसे बात कर लेगा. इस तरह से कम खर्चे मे अपने उत्पाद की अच्छी मार्केटिंग कर पायेगे।

व्यापार का पंजीकरण

अगर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को एक अच्छे तरीके से और अपनी कंपनी का नाम देकर चलाना चाहते है तो आपको इसके लिए कंपनी का पंजीकरण एवं कुछ लाइसेंस की आवश्यकता होती है जिसमे की आपको कंपनी का पंजीकरण करने एवं लाइसेंस के लिए आवेदन करने मे कुछ खर्चा आता है।

अगर आप दूध या दूध से बने अन्य उत्पाद को बेचना चाहते है तो इसके लिए आपको FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) का लाइसेंस लेना होता है इस लाइसेंस को लेने के लिए FSSAI ने कुछ मापदंड निर्धारित किया है जिसका अगर आप पालन करते है तब आपको ये FSSAI का लाइसेंस मिल जायेगा। जिससे की आप दूध या दूध से बने अन्य उत्पाद को FSSAI लाइसेंस कि मदद से आसानी से बेच सकते है।

Dairy Farming
Dairy Farming

डेयरी फार्मिंग से जुड़े अन्य व्यवसाय 

1. गोबर और गोउमूत्र से व्यवसाय

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय मे गोबर का निपतारण करने का कार्य काफी समस्या भरा है लेकिन अगर पशुपालक चाहे तो गाय या भैंस के गोबर और गोउमूत्र से अच्छे मुनाफे कमा सकते है गोबर किसानों के लिए बड़े काम का है. खेतों में रासायनिक उर्वरक की जगह गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद होता है। गोमूत्र और गोबर से जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, संजीवक, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेफ कंपोस्ट आदि बनाया जा सकता है. जो कि किसानों की खेत की भूमि को बिना नुकसान पहुंचाए फसल से अच्छी पैदावार लेने मे भी मदद करती है। प्राचीन काल से ही पशुओ के गोमूत्र से फसलों के लिए कीटनाशक बनाए जाते आ रहे हैं।

अगर पशुपालक चाहे तो डेयरी फार्मिंग के साथ-साथ डेयरी फार्मिंग से प्राप्त गोबर से जैविक खाद बनाकर इससे अच्छे मुनाफे कमा सकता है क्योंकि डेयरी फार्मिंग मे काफी मात्रा मे गोबर प्राप्त होता है अगर पशुपालक इस गोबर का सही तरीके से इस्तेमाल करें और इससे जैविक खाद तैयार कर ले. और फिर इस जैविक खाद को किसानों से बेच दे तो इससे अतिरिक्त मुनाफा कमाया जा सकता है।

2. दूध से बने अन्य उत्पाद कि व्यवसाय

डेयरी फार्मिंग करने का मुख्य उदेश्य दुग्ध उत्पादन करना ही होता है लेकिन इसके अतिरिक्त भी दूध से बने अन्य उत्पाद कि व्यवसाय भी डेयरी फार्मिंग की मदद से किया जा सकता है जैसे कि दूध से दही, घी, मक्खन, खोआ, पनीर, मिठाइयाँ आदि का भी व्यवसाय डेयरी फार्मिंग की मदद से विकशित किया जा सकता है क्योंकि इसकी नींव डेयरी फार्मिंग ही है।

डेयरी फार्मिंग से लाभ (Dairy Farming se labh)

  • डेयरी फार्मिंग से उत्पादित दूध या दूध से बने अन्य उत्पाद को बेचने मे कोई समस्या का सामना नहीं करना पङता है क्योंकि इसकी उत्पाद की मांग पूरे साल भर चलती रहती है जिससे की इसकी मार्केटिंग पर कोई असर नहीं पङता है।
  • इस व्यवसाय को छोटे स्तर एवं कम लागत से भी शुरू किया जा सकता है।
  • किसान इस व्यवसाय को खेती-किसानी को करते हुए भी आसानी से कर सकते है और इससे अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है।  
  • इस व्यवसाय को महिलायें भी आसानी से कर सकती है कई महिलाये ऐसे भी है जो इस व्यवसाय से अच्छे मुनाफे कमा रही है। 
  • सरकार की तरफ से भी डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर अनुदान, लोन और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है जिसका लाभ लेकर डेयरी फार्मिंग का व्यवशाय आसानी से शुरू कर सकते है। 
  •  यह व्यवसाय खेती-किसानी के साथ-साथ एक अतिरिक्त आय का साधन हो सकता है।
  • पशुओ से प्राप्त गोमूत्र और गोबर से जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, संजीवक, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेफ कंपोस्ट आदि बनाया जा सकता है. जिसे किसानों से बेच दे तो इससे अतिरिक्त मुनाफा कमाया जा सकता है। 
  • पशुओं से प्राप्त गोबर से गोबर गैस बना सकते है, जिसको ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • यह व्यवसाय अगर छोटे स्तर पर किया जा रहा है तो इसका सबसे बङा लाभ यह है कि इस व्यवसाय मे कुशल मज़दूरों की आवश्यकता नहीं होती है. घर के लोग भी इसको आसानी से कर सकते हैं।

व्यवसाय के बारे मे जानकारी

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उस क्षेत्र के बारे मे पूरी जानकारी ले लेना काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि आपको ये पता होना चाहिए कि जो व्यवसाय आप शुरू करने जा रहे है उसमे क्या समस्या आने वाला है और इसका क्या समाधान हो सकता है एवं इस व्यवसाय से प्राप्त उत्पाद की मार्केटिंग कहाँ और कैसे करना है इसकी पूरी जानकारी होना चाहिए। क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है कि जानकारी के आभाव मे कई व्यवसाय डूब गए है।

बहुत से लोग ऐसे भी है. जो डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू तो कर लेते हैं लेकिन उन्हें पर्याप्त जानकारी ना होने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है इसलिए डेयरी फार्मिंग शुरू करने से पहले इसकी प्रशिक्षण ले लेना काफी अच्छा माना जाता है। सरकार एवं क़ृषि विश्वविद्यालय तथा सरकारी पशुपालन केंद्रों के माध्यम से समय-समय पर डेयरी फार्मिंग कि प्रशिक्षण दिया जाता है जिसका लाभ लेकर डेयरी फार्मिंग से जुङी सारी जानकारियाँ प्राप्त किया जा सकता है।


तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे डेयरी फार्मिंग से जुङी अनेकों जानकारी दी गई है. अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी डेयरी फार्मिंग से जुङी जानकारी पहुंचाने मे मदद करें।

यह भी पढे..

धन्यबाद

spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

B.Sc Agriculture – Scope and Career Opportunities –Post/Qualification की पूरी जानकारी हिन्दी मे

B.Sc Agriculture के बारे में (About B.Sc Agriculture) भारत एक कृषि प्रधान देश देश है. जिसके कारण यहाँ के ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर रहते...

Desi Cow : भारतीय देसी गाय की नस्लें एवं उनकी विशेषता, यहां से जानें। 10+ Indian Desi Cow Breeds in India in Hindi

प्राचीन काल से ही पशुपालन होते आ रहा हैं कोई पशुपालन व्यवसाय के रूप मे कर रहा हैं तो कोई अपने घर के दूध...

मधुमक्खी पालन करके कैसे कमा सकते हैं मुनाफा – Bee keeping and Honey Processing business

मधुमक्खी पालन (Bee keeping) एक ऐसा घरेलू उधोग है जिसे हर वर्ग के किसान या व्यवसाय करने वाले लोग आसानी से कर सकते है।...

Gehu Katne ki Machine : सबसे सस्ती गेहूं काटने की मशीन, जानें मशीन की विशेषताएं और उपयोग- Brush Cutter Machine

समय पर फसल कटाई के लिए मजदूर न मिलने से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पङता है। कृषि के क्षेत्र मे नियमित...

Bakri Palan : बकरी पालन से कम खर्च में पाएं अधिक मुनाफा – Goat Farming Business in hindi

गरीब हो या उधमी सबके लिए है बकरी पालन (Goat Farming) मे आपर संभावनाए है। प्राचीन काल से ही बकरी पालन ग्रामीणों कि आर्थिक...

Mushroom ki kheti : मशरूम की खेती कैसे करें, जानिए इसकी खेती की पूरी जानकारी। 🍄

मशरूम (Mushroom) एक प्रकार का फूफूँद (कवक) हैं जो वर्षा ऋतु मे छतरी नुमा आकार के विभन्न प्रकार एवं विभिन्न रंगों की पौधों जैसी...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

  • Connect with us
error: Content is protected !! Do\'nt Copy !!