मधुमक्खी पालन (Bee keeping) एक ऐसा घरेलू उधोग है जिसे हर वर्ग के किसान या व्यवसाय करने वाले लोग आसानी से कर सकते है। मधुमक्खी पालन करने का तरीका बिल्कुल ही आसान है इसकी शुरुआत कम लागत और कम समय मे इससे अच्छे मुनाफे कमाया जा सकता है। कई राज्यों के किसान खेती-किसानी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का भी कार्य शुरू किए है जिनसे उन्हे अतिरिक्त लाभ प्राप्त हुआ है।
अगर कोई किसान मधुमक्खी पालन करने की सोच रहा है तो इसके लिए सरकार भी कई तरह की मदद करती है। समय-समय पर किसानों के लिए मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी सरकार के माध्यम से कराया जाता है। जिसका लाभ उठाकर किसान मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकता है। इसमे शारीरिक परिश्रम अधिक न लगने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिलाये एवं बच्चे भी अपने घरेलू काम के साथ मे इस व्यवसाय को आसानी से कर सकते है। मधुमक्खी पालन की खास बात यह है की इसमे ज्यादा पूँजी नहीं लगने के कारण इसे बेरोजगार नवयुवक भी इसे अपनाकर रोजगार का साधन बना सकते है मधुमक्खी पालन देश में एक बड़े स्वरोजगार के रूप में उभरा है।
मधुमक्खी पालन को बढ़वा मिलने के कारण मधुमक्खी पालन से संबंधित उपकरण बनाने वाले छोटे उधोगों को भी बढ़वा मिला है। मतलब ये की मधुमक्खी पालन स्वरोजगार एवं अतिरिक्त आय का उत्तम घरेलू उधोग है।
अगर मधुमक्खी पालन सही तरीके से किया जाए और बङे स्तर पर इसकी शुरुआत की जाए तो कुछ ही सालों मे उद्यमी लखपति बन सकते है। सरकार भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के योजनाये चलाती है और सरकार की तरफ से इसके लिए लोन की भी व्यवस्था की गई है जिसका लाभ उठाकर मधुमक्खी पालन की शुरुआत किया जा सकता है।
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मधुमक्खी पालन क्या है (Madhumakhi palan kya hai)
मधुमक्खी पालन को Apiculture के नाम से भी जाना जाता है मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स की आवश्यकता होती है इस बॉक्स मे फ्रेम लगे होते है जिसमे मधुमक्खी रहती है। इस बॉक्स को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहाँ पर साफ एवं स्वच्छ पानी का अच्छा व्यवस्था हो और मधुमक्खी का भोजन का स्त्रोत उपलब्ध हो। अगर आप सरसों, लीची, सहजन, जामुन, सूर्यमुखी एवं मूंग आदि के फसलों के पास मधुमक्खी के बक्से को रखते है तो इससे आपको अच्छी मात्रा मे मधू(शहद) की प्राप्ति हो सकती है।
अक्टूबर-नवम्बर इस समय मे सरसों जाति के मौनचर प्रचुर मात्रा मे लंबे समय तक उपलब्ध होती है मौनों को इस फसल से पराग एवं पुष्प रस दोनों उपलब्ध हो जाने से मौने अपना प्रजनन कार्य काफी तेजी से करने लगती है। एवं अपनी संख्या को बढ़ाने के लिए भी तैयार हो जाती है।
पहले के समय मे मधुमक्खी पालन करने के लिए मिट्टी के घङो, लकङी के संदूकों, पेङ के तने आदि मे मधुमक्खी पालन की जाती थी। लेकिन अब के आधुनिक युग मे मधुमक्खी पालन करने के लिए नई-नई तरीके विकसित हो गई है जिसकी मदद से मधुमक्खी पालन करना काफी आसान हो गया है।
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मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक उपकरण
मधुमक्खी पालन के लिए कुछ आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से मधुमक्खी पालन किया जा सकता है इन उपकरणों मे लोंगस्ट्राथ मधुमक्खी पेटिया, स्टैन्ड, नकाब, बकछुट थैला, धुआँकर, रानी पिंजरा, चाकू, रानी रोकपट, रानीकोष्ठ रक्षक, मधू निष्कासन यंत्र, बक्सा औजार, आधार छत्ता आदि जैसे उपकरणों की आवश्यकता होती है। मधुमक्खी पालन के लिए।
मधुमक्खियों की किस्मे (varieties of bees)
भारत में मुख्य रूप से मधुमक्खी की चार प्रजातियाँ पाई जाती है जो कि नीचे दी गई है।
- एपिस डोरसेटा
- एपिस फ्लोरिया
- एपिस इंडिका
- एपिस मैलिफेरा
एपिस डोरसेटा – एपिस डोरसेटा के छत्ते से वर्ष भर मे 20 से 25 किलो ग्राम शहद की प्राप्ति होती है। इसकी स्वभाव की बात करें तो ये मधुमक्खी की प्रजाति बहुत की गुस्सैल प्रवर्ती की होती है। यह बङे आकार की मधुमक्खी होती है। एपिस डोरसेटा मधुमक्खी उच्चाई पर छत्ता बनती है।
एपिस मैलिफेरा – एपिस मैलिफेरा के छत्ते से वर्ष भर मे करीब 60 से 80 किलो ग्राम शहद की प्राप्ति होती है। इसे इटालियन मधुमक्खी के नाम से भी जाना जाता है, यह आकार एवं स्वभाव मे एपिस इंडिका का गुण इसमे पाया जाता है। इस प्रजाति के मधुमक्खी की खास बात ये है कि इसकी रानी मक्खी के अंडे देने की क्षमता बहुत ही अधिक होती है रानी मक्खी के अंडे अधिक देने से मधुमक्खियों की वंश की बढ़ोतरी भी अधिक होता है इसलिए इस मधुमक्खी के प्रजाति को व्यवसायिक पालन के दृष्टि से अच्छा माना जाता है। क्योंकि इससे हमे ज्यादा शहद की प्राप्ति होती है।
इससे शहद के अतिरिक्त इसमे मोम, मौनविष, राज अवलेह, पराग, मधुमक्खी गोंद आदि बहुमूल्य एवं पौष्टिक पदार्थ इससे प्राप्त होता है यह मधुमक्खी की प्रजाति शांत स्वभाव की होती है तथा इसपर रोग एवं शत्रु का आक्रमण देशी मधुमक्खी की तुलना मे कम होती है।
एपिस इंडिका – एपिस इंडिका के छत्ते से वर्ष भर मे करीब 3 से 6 किलो ग्राम शहद की प्राप्ति होती है। एपिस इंडिका पहाङी एवं मैदानी क्षेत्रों मे पाई जाती है।
एपिस फ्लोरिया – एपिस फ्लोरिया के छत्ते से वर्ष भर मे करीब 200 ग्राम से 2 किलो ग्राम शहद की प्राप्ति होती है। यह मधुमक्खी की प्रजाति सबसे छोटे आकार की होती है यह मधुमक्खी की प्रजाति मैदानी भागों मे पाई जाती है।
मधुमक्खी का भोजन स्त्रोत (bee food source)
मधुमक्खी अपना भोजन पौधे एवं फसल से प्राप्त करती है ये फल फसले, सब्जी फसले, तिलहनी फसले, मसाला फसले, दलहनी फसले, चारा फसले आदि से भोजन की प्राप्ति करती है।
मधुमक्खी पालन के लिए कैसी जगह होनी चाहिए
मधुमक्खी पालन के लिए अच्छी जगह का चुनाव करना बहुत ही आवश्यक होता है जगह का चुनाव करने के लिए आप इस बात का ध्यान रखे की आप जिस जगह का चुनाव कर रहे है वहाँ पर साफ एवं स्वच्छ पानी का अच्छा व्यवस्था हो और मधुमक्खी का भोजन का स्त्रोत उपलब्ध हो। मधुमक्खी फल फसले, सब्जी फसले, तिलहनी फसले, मसाला फसले, दलहनी फसले, चारा फसले आदि से भोजन की प्राप्ति करती है। आप इस बात का हमेशा ध्यान रखे की वहाँ पर मधुमक्खी के भोजन का स्त्रोत अच्छा हो।
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मधुमक्खी के परिवार (family of bees)
मधुमक्खी के एक परिवार में एक रानी कई हजार श्रमिक तथा 100-200 नर होते है ।
रानी मधुमक्खी – रानी मधुमक्खी परिवार की जननी होती है इसका कार्य अंडे देना है तथा इसकी औसतन आयु 2 से 3 साल होता है। रानी मधुमक्खी आकार मे सबसे बङी होती है।
श्रमिक मधुमक्खी – श्रमिक मधुमक्खी जैसा इसका नाम है ठिक वैसा ही इसका काम भी है मधुमक्खी परिवार के सारे कार्य इनके द्वारा ही किया जाता है। इसका कार्य मधू को इकट्ठा करने से लेकर, अंडों की देखभाल करना, शत्रुओ से रक्षा करना, भोजन का प्रबंध करना, पानी का प्रबंध करना आदि कार्य श्रमिक मधुमक्खी ही करती है। यह आकार मे अन्य मधुमखियों की तुलना मे सबसे छोटा है इसका जीवनकाल 2 से 3 माह का ही होता है।
नर मधुमक्खी – नर मधुमक्खी आकार मे रानी मधुमक्खी से थोङे छोटे होते है नर मधुमक्खी का कार्य सिर्फ रानी मधुमक्खी के साथ सम्भोग करना तथा सम्भोग करने के ठीक बाद ही नर मधुमक्खी की मृत्यु हो जाती है इसके अलावा नर मधुमक्खी और कोई कार्य नहीं करता है सिर्फ यही काम करता है।
कैसे तैयार होती है शहद (How is honey prepared)
मधुमक्खियों को शहद तैयार करने के लिए कई तरह के काम करने होते है इसमे मधुमक्खी परिवार के सारे सदस्य मिलकर कार्य करते है। एक बक्से मे करीब पाँच से सात हजार मधुमक्खी रहती है इसमे कुछ नर मधुमक्खी होते है। और इसमे एक रानी मधुमक्खी होती है और श्रमिक मधुमक्खी भी इसमे होती है।
मधुमक्खी के बक्से को बगीचों या खेतो के पगडंडियों पर रखी जाती है जिससे मधुमक्खी तीन किलोमीटर के आस पास के क्षेत्र से भोजन एकत्र करती है। मधुमक्खियां फूलों से रस लाकर बक्से के छत्ते में भरती हैं श्रमिक मधुमखियाँ लाए रस को मधुमक्खियां उस पदार्थ को मधुकोषों में डाल देती है। जिससे शहद का निर्माण होता है इसके बाद फिर शहद निष्कासन यंत्र की मदद से शहद को निकाल लिया जाता है। इन्ही सभी प्रक्रिया से शहद का निर्माण होता है।
मधुमक्खी पालन से लाभ (Madhumakhi palan se labh)
- मधुमक्खी पालन कम लागत मे अच्छा मुनाफा कमाने का एक अच्छा ही व्यवसाय है इसमे ज्यादा लागत की आवश्यकता नहीं होती है।
- मधुमक्खी पालन मे शारीरिक परिश्रम अधिक न लगने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिलाये एवं बच्चे भी अपने घरेलू काम के साथ मे इस व्यवसाय को आसानी से कर सकते है।
- मधुमक्खी पालन से प्राप्त शहद की कीमत भी बाजार मे अच्छी मिलती है।
- अधिक पूँजी न लगने के कारण बेरोजगार नवयुवक भी मधुमक्खी पालन करके रोजगार का एक अच्छा साधन बना सकते है।
- मधुमक्खी पालन के बढ़वा और बङे स्तर पर होने से मधुमक्खी पालन से संबंधित उपकरण बनाने वाले छोटे उधोगों को भी बढ़ावा मिला है।
- मधुमक्खी पालन से न केवल शहद व मोम ही प्राप्ति होती है बल्कि इससे मोनविष, राज अवलेह, पराग, मधुमक्खी गोंद आदि बहुमूल्य एवं पौष्टिक पदार्थ प्राप्त होते है।
- मधुमक्खी पालन के लिए अधिक श्रमिकों की भी आवश्यकता नहीं होती है। जिससे लागत मे कमी आती है।
- मधुमक्खी पालन करने से हमारे पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव पङता है मधुमक्खियाँ कई फूल वाले पौधों से परागण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह से विभिन्न फलों और फूलों की उत्पादकता मे बढ़ोतरी होती है।
- बाजार मे मोम और शहद की काफी मात्रा मे मांग है जो की मधुमक्खी पालन करने वाले के लिए अच्छी बात है।
मधुमक्खी पालन से कैसे करें कमाई (how to earn from beekeeping)
मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले इसमे होने वाले खर्च से संबंधित जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है। इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले इसमे होने वाले खर्च जैसे कि मधुमक्खी परिवार की खरीदारी करना, मधुमक्खी पालन से संबंधित यंत्र तथा इसमे पूरे साल मे कितना खर्च है इसकी पूरी जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है जानकारी के अभाव मे कोई भी व्यवसाय से अच्छा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है। तथा इसके साथ ही शहद, मोम एवं मधुमक्खी परिवार की बिक्री एवं इसके बहुमूल्य उत्पाद से होने वाले लाभ की जानकारी होना भी आवश्यक होता है।
अगर आप चाहे तो मधुमक्खी पालन की शुरुआत आप पहले छोटे स्तर से शुरू कर सकते है और जब आपको ये लगे की इसमे मुनाफा है तो आप इसे बङे पैमाने पर कर सकते है। आप शुरू मे पाँच या दस बॉक्स लेकर भी मधुमक्खी पालन कर सकते हैं।
अगर आपने पाँच बॉक्स लेकर शुरू किया है तो इसमे आपको करीब मधुमक्खी परिवार से लेकर मधुमक्खी पालन के उपकरण को खरीदने मे एक बॉक्स पर करीब 3500 रुपये का खर्च आता है इस तरह आपको कुल पाँच बॉक्स खरीदना है जिसमे कुल खर्च 17,500 रुपये आते है। आपको एक बॉक्स से करीब 30 से 35 किलोग्राम शहद की प्राप्ति होती है अगर 30 किलोग्राम भी हर बॉक्स से शहद प्राप्त होती है तो हमे कुल 150 किलो ग्राम शहद की प्राप्ति होती है। शहद की बाजार भाव की बात करे तो इसकी कीमत 400 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम होती ही है। अगर आपका शहद 400 रुपये प्रति किलोग्राम भी बिका तो आपको इससे 60,000 हजार रुपये प्राप्त हुए जिसमे की आपका कुल लागत 17,500 रुपये थे। यानि की आपको इससे शुद्ध लाभ 42,500 रुपये की हुई ये सिर्फ शहद से लाभ हुआ। नाकी की मोम एवं मधुमक्खी परिवार एवं इसके बहुमूल्य उत्पाद से इससे भी कुछ पैसे कमाए जा सकते है।
अगर आप मधुमक्खी पालन को बङे स्तर पर शुरू करना चाहते है तो आप 100 बॉक्स को लेकर इसे शुरू कर सकते है प्रत्येक बॉक्स से 30 किलोग्राम शहद मिलता है तो आपको 3000 किलोग्राम शहद की प्राप्ति होती है और आप इसे 400 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचते है तब आपको 12 लाख इससे प्राप्त होंगे। आपका प्रत्येक बॉक्स पर खर्च आता है 3500 रुपये यानि की 3,50,000 रुपये + मजदूर + अन्य खर्च मे मिलकर कुल 1,50,000 यानि की आपका कुल लागत हुआ 5 लाख रुपये. आपको सिर्फ शहद से प्राप्त हुए 12 लाख रुपये यानि की इससे शुद्ध लाभ हुआ 7 लाख रुपये हुए।
मधुमक्खी पालन से सिर्फ शहद व मोम की ही प्राप्ति नहीं होती है बल्कि इससे मोनविष, राज अवलेह, पराग, मधुमक्खी गोंद आदि बहुमूल्य एवं पौष्टिक पदार्थ प्राप्त होते है। जिसकी कीमत भी अच्छी होती है इससे भी कुछ पैसे कमाए जा सकते है। जैविक शहद की मांग बाजार मे काफी होती है 1 किलोग्राम जैविक शहद की कीमत 400 से 800 रुपये तक की होती है।
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शहद का बाजार (honey market)
मधुमक्खी पालन करने से पहले मधुमक्खी पलकों को इसकी बाजार की जानकारी होनी चाहिए क्योंकि आपको पता होना चाहिए की आपके शहद का अच्छा भाव कहा मिलेगा और कौन से मार्केट मे शहद को बेचा जा सकता है कौन से मार्केट मे इसका भाव अच्छा मिलता है। आप अपने शहद की जांच सरकारी खाद्य विभाग में FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) से करा सकते है यदि आपका शहद FSSAI के सभी मापदंडों पर खाङा उतरता है तो आपको FSSAI का लाइसेंस मिल जाएगा जिससे की आपको आपकी शहद को बेचने मे और आसानी हो जाएगा।
शहद खाने के फायदे (benefits of eating honey)
- शहद का सेवन करना मानव शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है शहद मे कई रोगों से लङने की क्षमता होती है। शहद इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए शहद रामबाण की तरह कार्य करती है।
- शहद में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि गुणकारी तत्व होते हैं, जो आपको बीमारियों से महफूज रखने मे मदद करती है।
- शहद का सेवन करने से आँखों की रोशनी अच्छी रहती है तथा यह अनिद्रा को दूर करने मे भी मदद करती है।
- शहद के सेवन से पाचन क्रिया भी अच्छी होती है इसके सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
- हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए भी शहद का सेवन करना अच्छा होता है इसके सेवन करने से हड्डियों मे अगर कोई नुकसान हुआ हो तो उसकी भी भरपाई करने मे मदद करती है।
- शहद का प्रतिदिन सेवन करने से शारीरिक और मानसिक क्षमता मे वृद्धि होती है।
- शहद थकान मिटाने, सिर दर्द को दूर करने, खासी से छुटकारा दिलाने, अनिद्रा को दूर करने, पाचन क्रिया को ठिक करने आदि जैसी समस्याओ को शहद का सेवन करके ठिक किया जा सकता है।
➢ मधुमक्खी पालन मे उपयोग होने वाले उपकरणों को ऑनलाइन यहाँ से ऑर्डर किया जा सकता हैं – Click here
Important: अगर आप मधुमक्खी पालन शुरू करना चाहते है तो आपको सबसे पहले मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण करना चाहिए या तो आप मधुमक्खी पालन में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते है। अगर आप सिर्फ मधुमक्खी पालन मे प्रशिक्षण लेना चाहते है तो मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण मे आपकी राज्य के कृषि विश्वविद्यालय या आपके जिले के कृषि विज्ञान केंद्र आपकी मदद कर सकता है।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
Q. रानी मधुमक्खी की पहचान कैसें करें ? |
रानी मधुमक्खी की पहचान करना बिल्कुल ही आसान है यह मधुमक्खी परिवार की सबसे बङी और चमकीली मधुमक्खी होती है। इसे मधुमक्खी परिवार मे असानी से पहचाना जा सकता है। |
Q. रानी मधुमक्खी का प्रमुख कार्य क्या है ? |
रानी मधुमक्खी परिवार की जननी होती है इसका कार्य अंडे देना होता है रानी मधुमक्खी शहद के एक विशेष भाग Royal jelly (रॉयल जेली) का सेवन करती है। |
Q. मधुमक्खी पालन मे एक बॉक्स से कितना किलो शहद प्राप्त होता है ? |
मधुमक्खी पालन मे एक बॉक्स से कितना शहद प्राप्त होता है ये तो बिल्कुल ही निर्भर करती है आप कौन सी प्रजाति के मधुमक्खी पालन कर रहे है अगर आप इटालियन मधुमक्खी का पालन करते है तो आपको इससे करीब 40 से 50 किलोग्राम तक शहद कई प्राप्ति हो सकती है। शहद के साथ-साथ मधुमक्खी के बॉक्स से मोम, मोनविष, राज अवलेह, पराग, मधुमक्खी गोंद आदि बहुमूल्य एवं पौष्टिक पदार्थ प्राप्त होते है। |
Q. मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण कहाँ से ले ? |
अगर आपने मधुमक्खी पालन करने की सोच ली है तो इसके लिए आपको सबसे पहले मधुमक्खी पालन की प्रशिक्षण लेनी चाहिए। जिससे की अगर आपने मधुमक्खी पालन शुरू किया और उसमे किसी भी प्रकार का समस्या आता है तो आप उस समस्या से आसानी से निपट सके, प्रशिक्षण लेने से आप वित्तीय हानि से बच सकते है। मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण मे आपकी राज्य के कृषि विश्वविद्यालय या आपके जिले के कृषि विज्ञान केंद्र आपकी मदद कर सकता है। |
Q. मधुमक्खी पालन में कितना खर्चा आता है ?
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मधुमक्खी पालन मे कितना खर्च आता है ये निर्भर करता है कि आप कितना बङे पैमाने पर मधुमक्खी पालन शुरू कर रहे है या आप मधुमक्खी पालन छोटे पैमाने पर शुरू कर रहे है ये बिल्कुल आप पर ही निर्भर करता है। अगर आप छोटे पैमाने पर शुरू कर रहे है यानि की अगर आप पाँच बॉक्स से इस व्यवसाय को शुरुआत कर रहे है तो मधुमक्खी परिवार से लेकर मधुमक्खी पालन के उपकरण को खरीदने मे एक बॉक्स पर करीब 3500 रुपये का खर्च आता है। इस हिसाब से पाँच बॉक्स पर कुल 17,500 रुपये + 2500 रुपये (अन्य खर्च) आते है यानि की बीस हजार रुपये की लागत से आप छोटे पैमाने पर मधुमक्खी पालन कर सकते है। |
तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको मधुमक्खी पालन (Bee keeping) से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे मधुमक्खी पालन क्या है, मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक उपकरण, मधुमक्खियों की किस्मे, मधुमक्खी का भोजन स्त्रोत, मधुमक्खी पालन के लिए कैसी जगह होनी चाहिए, मधुमक्खी के परिवार, कैसे तैयार होती है शहद, मधुमक्खी पालन से लाभ, मधुमक्खी पालन से कैसे करें कमाई, शहद का बाजार, शहद खाने के फायदे से जुङे जानकारी दि गई है। अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।
तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी मधुमक्खी पालन के बारे मे जानकारी पहुँचाए।
Nice information
Thanks, keep visiting our site