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ड्रिप सिंचाई के फायदें

ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक नवीनतम एवं आधुनिक सिंचाई पद्धति है इस सिंचाई पद्धति मे पानी सीधा पौधों के जङो मे बहुत धीरे-धीरे कम मात्रा मे दिया जाता है। जिससे की पानी की रिसन एवं वाष्पन हानियाँ बहुत कम होती है। जिससे फसलों एवं बाग-बगीचों की सिंचाई के लिए न्यूनतम पानी की आवश्यकता होती है।

ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करने पर पैदावार मे बढ़ोत्तरी एवं पानी की बचत होती हैं।

खेतो मे पौधों के जङ के पास पानी देने से खरपतवार होने की संभावना कम होती हैं जिससे खरपतवार की निराई-गुराई पर होने वाले अतिरिक्त खर्च नहीं होते हैं।

फसलों को ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने पर बिजली या डीजल की बचत होती हैं साथ ही उर्वरक को भी पानी के साथ-साथ पौधों की जङो तक आसानी से पहुंचाया जा सकता हैं।

खेत की जमीन ऊपर-नीचे होने पर भी पौधों की सिंचाई एक समान की जा सकती हैं।

पानी सीमित मात्रा मे केवल जङो के पास गिरने से पानी की बर्बादी नहीं होती है।

ड्रिप सिंचाई मे दूसरी सिंचाई के तरीको के तुलना में मानव श्रम का कम उपयोग होता है।

ड्रिप सिंचाई से फल, सब्जी और अन्य फसलों की सिंचाई करने से फसलों के उत्पादन मे भी वृद्धि होती हैं।

फसलों को ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने पर सिंचाई के समय भी अन्य कार्य जैसे कि फसलों पर छिंङकाव, फल की तोङाई आदि कार्य कर सकते हैं। 

पौधों के जरूरत के अनुसार पानी सीधे जङ मे दिया जाता हैं जिससे लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत होती हैं।

ड्रिप के मध्यम से पौधों की जङो मे खाद एकसमान मात्रा मे चला जाता है जिससे करीब 25 से 30 प्रतिशत खाद की खपत मे कमी आती हैं।

ड्रिप सिंचाई या ड्रिप सिंचाई के फायदें के बारे मे और अधिक जानने के लिए नीचे क्लिक करें।

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