क्या आप जानते है कल्टीवेटर कितने प्रकार के होते हैं एवं इन कल्टीवेटरों का क्या कार्य हैं। 

चलियें, एक-एक  कर जानते हैं इन कल्टीवेटर के बारे मे

कल्टीवेटर कृषि के कार्यों मे काम आने वाला कृषि यंत्र है जो की खेतों की जुताई करने पर हमारी खेतों मे लगे हुए खरपतवार को खेतों मे ही नष्ट कर देता है।

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यह कृषि यंत्र खेत की जुताई करने के साथ-साथ फसल के बीच से खरपतवार को निकालने का भी कार्य करता है। फसलों से खरपतवार को निकालने के लिए फसलों की पंक्तियों के बीच एक निश्चित दूरी होना जरूरी होता है।

यह कृषि यंत्र भूपरिष्करण कार्य करता है ये यंत्र मिट्टी पलटने के साथ मिट्टी को भुरभुरा बनाता है इस यंत्र को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। यह यंत्र बलुई तथा बलुई दोमट मिट्टी वाली खेत की जुताई के लिए अच्छी मानी जाती है।

कल्टीवेटर के प्रकार

शक्ति स्त्रोत के आधार पर कल्टीवेटर दो प्रकार के होते है।  (1.) पशु चालित कल्टीवेटर (2.) ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर मुख्यतः चार प्रकार के होते है। (1.) स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर (spring tyne cultivetor) (2.) रिजिड टाइन कल्टीवेटर (rigid tyne cultivetor) (3.) डक फुट कल्टीवेटर (Duck Foot Cultivator) (4.) बार पॉइंट कल्टीवेटर (Bar Point Cultivator)

पशु चालित कल्टीवेटर

इस प्रकार के कल्टीवेटर को पशुओ की मदद से खींचकर चलाया जाता है। जिससे खेत की जुताई होता है इस कल्टीवेटर का आकार ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर का जैसा ही होता है। आज के आधुनिक समय मे पशुओ की घटती संख्या के कारण अब इस यंत्र का उपयोग करीब-करीब बंद हो चुका है।

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ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर

इस प्रकार के कल्टीवेटर को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है इस कल्टीवेटर का आकार और वजन दोनों पशु चालित कल्टीवेटर से अधिक होता है ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर किसान भाइयों के बीच बहुत लोकप्रिये है। इस यंत्र को ट्रैक्टर के पीछे जोङते है और हाईड्रोलिक के माध्यम से अपनी आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से ऊपर और नीचे उठाते और गिरते हुए आवश्यकता के अनुसार खेतो की जुताई करते है।

स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर

इस तरह के कल्टीवेटर का ज्यादातर उपयोग पथरीली जमीन की जुताई के लिए किया जाता है। यह भारी क्षमता वाला स्प्रिंग लगा हुआ कल्टीवेटर होता है जिसमे स्प्रिंग का कार्य जुताई के दौरान टाइन के नीचे पत्थर आदि का रुकावट आने पर उन्हे टूटने से बचाना होता है।

रिजिड टाइन कल्टीवेटर

इस तरह के कल्टीवेटर का उपयोग खेत की जुताई करने के साथ-साथ इसका प्रयोग मिट्टी को ढीला कर उसे वायु प्रवेश के लायक बनाने मे इसका उपयोग किया जाता है। यह यंत्र कठोर मिट्टी को कुशलता से तोड़ कर भुरभुरा बनाने का कार्य करता है। इस यंत्र के टाइन को फसल के कतार के अनुसार इसके बीच के दूरी को समायोजित किया जा सकता है जिससे फसलों के बीच के खरपतवार को नष्ट करने मे किसानों को इससे मदद मिलती है।

डक फुट कल्टीवेटर

इस कल्टीवेटर का उपयोग मुख्य रूप से उथली जुताई करने खरपटवारों को नष्ट करने तथा मिट्टी मे नमी को संरक्षण करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसका बनावट स्प्रिग रहित कल्टीवेटर का जैसा ही होता है. इसमे फारों की संख्या जरूरत और आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।  इसमे टाईन का आकार त्रिभुजाकार बतख के पैर जैसा होता है. इसलिए इस कल्टीवेटर को डक फुट कल्टीवेटर कहा जाता है।

बार पॉइंट कल्टीवेटर

इस कल्टीवेटर का उपयोग अंतर्वर्ती खेती एवं सबस्वायम खेती के लिए किया जाता है इस कल्टीवेटर के टाईन के छोर पर बार पॉइंट शेयर लगे होते है जो की काफी मजबूत एवं कठोर होते है इस यंत्र को 30 एचपी या उससे अधिक के ट्रैक्टर की मदद से चलाया जा सकता है। इसमे लगे टाईनो की संख्या करीब 7 से 11 होती है।

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खेत की अच्छी जुताई के अनेक फायदे होते हैं खेत की अच्छी जुताई से मिट्टी में सुधार होता है और मिट्टी में पानी धारण करने की क्षमता बढ़ती है। खेत में उगे खरपतवार और फसल अवशेष खेत की जुताई से मिट्टी में दबकर सड़ जाते हैं, जिससे मिट्टी में जीवांश की मात्रा बढ़ जाती है। गर्मियों के दिनों मे खेत की जुताई करने से मिट्टी में छिपे हानिकारक कीड़े-मकोड़े, उनके अंडे और लार्वा जुताई के बाद मिट्टी के ऊपर आने से मिट्टी पर सूर्य के प्रकाश के पङने से कीड़े-मकोड़े एवं उनके अंडे और लार्वा नष्ट हो जाते हैं। एवं मिट्टी के भुरभुरी हो जाने से मिट्टी मे वायु का अच्छा संचार होता है।

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