जानिए डेयरी फार्मिंग करके कैसे कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

प्राचीन काल से ही डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) ग्रामीणों कि आर्थिक स्थिति को सुधारने मे काफी मददगार साबित हुआ है. हमारे देश के किसान अपने आय को बढ़ाने के लिए प्राचीन काल से ही पशुपालन करते आ रहे है। 

आज के आधुनिक समय में भी डेयरी फार्मिंग तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे में पशुपालक गाय पालन एवं भैंस पालन की तरफ ज्यादा रूख कर रहे हैं. डेयरी फार्मिंग व्यवसाय गरीब हो या उधमी सबके लिए है इसमे आपर संभावनाए है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय एक ऐसा बिजनेस है, जिसकी उत्पाद की मांग पूरे साल भर चलती रहती है. इस व्यवसाय को शुरू करने मे शुरुआत के दिनों मे थोङा ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है। 

दूध का प्रोसेसिंग करके इससे अनेक प्रकार के उत्पाद जैसे कि दूध से दही, घी, पनीर एवं अनेक प्रकार का मिठाइयाँ का निर्माण किया जाता है।

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डेयरी फार्मिंग मे पशुपालकों को पशुओ का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। पशुपालकों को पशुओं के प्रजनन, पोषण, रहन-सहन एवं उसके चिकित्सा का अच्छी व्यवस्था करनी होती है।

डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है जैसे कि पशुओ को रखने के लिए आवास, पशुओ को खिलाने के लिए चारा, आवास मे पानी की अच्छी व्यवस्था, अच्छी नस्ल के पशुओ का चुनाव आदि का इंतजाम पशुपालकों को करना होता है।

गाय की प्रमुख नस्लें – ब्राउन स्विस – गिर – हरियाणा नस्ल – राठी – थारपारकर – जर्सी – साहिवाल – लाल सिन्धी – होल्स्टेन फेशियन – देओनी – कांकरेज – ओन्गोले – करन फ्राइ

भैंस की प्रमुख नस्लें – नील रवि – नागपुरी – ज़फराबादी – सुरती – मेहसाना – मुर्रा – भाद्वारी

अच्छी नस्ल के दुधारू पशु की खरीदी बिक्री के लिए भारत सरकार ने ई पशु हाट पोर्टल की शुरुआत की है. इस बेवसाइट https://www.epashuhaat.gov.in/ के माध्यम से विभिन्न नस्ल की गाय, भैस आदि कि खरीदी बिक्री आसानी से की जा सकती है. किसान घर बैठे सही कीमत पर अच्छी नस्ल के मनचाहे पशु इस बेवसाइट के मदद से खरीद सकते है।

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