धान की सीधी बुवाई के लिए  डीएसआर पद्धति का करें इस्तेमाल 

हमारे देश भारत मे धान की खेती बङे पैमाने पर की जाती हैं खाद्यान्न फसलों में धान अनाज वाली फसलों में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है।

पश्चिम बंगाल भारत में धान का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है इस राज्य में एक वर्ष में धान की दो फसलें उगाई जाती हैं।

धान की खेती में बढ़ती लागत चिंता का विषय हैं मज़दूर न मिलने से धान की रोपाई में बहुत परेशानी होती है। साथ ही महंगी होती मजदूरी से खेती की लागत भी काफ़ी बढ़ जाती है।

अन्य फसलों की तरह आज धान की खेती करना किसानों के लिए काफी खर्चीला होते जा रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक सुझावों को अपनाकर सही तरीके से कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाए तो खर्च को कम किया जा सकता हैं। 

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डीएसआर मशीन (Direct Seeder Rice) से धान की खेती (Paddy Cultivation) करने पर न केवल धान के क्षेत्रफल और उत्पादन मे बढ़ोतरी की जा सकती हैं, बल्कि रोपाई द्वारा की जाने वाली खेती की तुलना मे धान उत्पादन मे आने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता हैं।

डीएसआर मशीन से धान की खेती करने पर धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती हैं इससे धान की बीजों की खेत मे सीधी बुआई की जाती हैं।

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इस मशीन को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता हैं जिससे खेत मे इस मशीन की सहायता से धान की बुआई होती हैं। इससे धान की बुआई करने पर धान की पैदावार रोपाई किए गए धान के बराबर ही होता है।

इससे बुआई करने पर श्रमिकों तथा पानी की कम आवश्यकता होती है साथ ही अधिक क्षेत्र मे कम समय मे बुआई की जा सकती हैं।

Direct Seeder Rice टेक्निक  के बारे मे और अधिक जानने के लिए नीचे क्लिक करें।

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