लेमनग्रास इन हाल ही के दिनों हमारे देश मे काफी लोकप्रिये हुआ है। आजकल लेमनग्रास का सेवन काफी चलन मे है इसके अनेकों औषधिए गुणों के चलते लोग इस ग्रास को अपने घरों मे इसका पौधा भी लगाना शुरू कर दिये है लोग इसके पौधों को छत पर गमले मे या तो फिर अपने घर के गार्डन मे लगा रहे है।
लेमनग्रास की पतियों को आसवित करके इससे तेल निकाल जाता है इसके तेल मे 80 से 90 प्रतिशत तक सिट्रल पाया जाता है। लेमनग्रास की तेल की बाजार भाव अच्छी होने के कारण इससे किसान अच्छे मुनाफे कमा रहे है।
लेमनग्रास खुशबूदार एवं औषधिए गुणों से भरा एक घास की तरह दिखने वाला पौधा है जो की देखने मे झारीयों की तरह ही लगता है लेकिन इसकी खुशबू एवं औषधिए गुणों के कारण इसे अन्य घास एवं झारीयों से इसे अलग बनाती है। इस घास को हमारे देश मे कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है जिसमे नींबू घास नाम काफी प्रचलित है इसकी पत्तीयों की नीबू जैसी सुगंध के कारण इस घास का नाम नींबू घास पङा है।
लेमनग्रास की पत्तियों से सिट्रल नामक तेल की प्राप्ति होती है इससे प्राप्त तेल का उपयोग औषधि बनाने के अलावा इत्र एवं सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भी किया जाता है। दवाई बनाने वाली कंपनियां इनकी तेल की खरीदी करती हैं। इत्र, सौंदर्य के सामान और साबुन बनाने में भी लेमनग्रास का उपयोग होता है।
इसकी फसल को एक बार लगाने के बाद किसानों को 4 से 5 वर्षों तक इसकी फसल को लगाने की जरूरत नहीं होती है। इसकी खेती मे किसानों को ज्यादा लागत की भी आवश्यकता नहीं होती है इसकी खेती की शुरुआती वर्षों मे कुछ ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है फिर 4 से 5 वर्षों तक बहुत कम लागत मे इससे अच्छे मुनाफे कमाए जा सकते है।
लेमनग्रास की पत्तियों का उपयोग चाय बनाने मे किया जाता है लेमनग्रास चाय का सेवन करने से सिरदर्द, माइग्रेन आदि के प्रॉब्लम वाले लोगों के लिए लेमनग्रास टी पीना काफी फायदेमंद माना जाता है।
लेमनग्रास के औषधिए गुणों के चलते इसका उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है ये साधारण सा दिखने वाला पौधा कई बीमारियों जैसे सिरदर्द, सर्दी, बुखार आदि से बचाने में मदद कर सकता हैं तथा इसके साथ ही इसमे विटामिन ए, जिंक, फोलिक एसिड, कॉपर, कैल्शि्यम, मैगनीज़, फास्फोररस, पोटैशियम और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी माने जाते है।