मुर्गी पालन से कम खर्च में पाएं अधिक मुनाफा, जानें कैसें 

Yellow Browser

गरीब हो या उधमी सबके लिए है मुर्गी पालन (Poultry Farming) मे आपर संभावनाए। प्राचीन काल से ही मुर्गी पालन ग्रामीणों कि आर्थिक स्थिति को सुधारने मे काफी मददगार साबित हुआ है।

हमारे देश के किसान अपने आय को बढ़ाने के लिए प्राचीन काल से ही पशुपालन करते आ रहे है। कम लागत मे शुरू होने वाले पशुपालन व्यवसाय को किसान अपने क्षमता के आनुसार व्यवसाय मे पैसे का निवेश करके व्यवसाय को शुरू करते है।

Yellow Browser

पिछले कुछ वर्षों मे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने मे मुर्गी पालन का बहुत ही अच्छा योगदान रहा है मुर्गी पालन ग्रामीण समुदाय को अजीविका, प्रोटीन युक्त खाद्य तथा स्वरोजगार प्रदान करने मे अहम भूमिका निभा रही है।

Yellow Browser

प्राचीन काल से ग्रामीण परिवार अपने घर के आँगन मे या घर के पीछे खाली स्थान मे परंपरिक तरीकों से मुर्गी पालन करते हुए आ रहे है इसमे 10 से 20 मुर्गियों का एक समूह एक परिवार के द्वारा पाला जाता है जो घर एवं उसके आस पास अनाज के गिरे दाने, झाङ-फूसो के बीच के कीङे-मकौङे, घास की कोमल पत्तीयां तथा घर के जूठन आदि खाकर अपना पेट भरती है।

Handheld Sign

मुर्गी पालन को Poultry Farming या कुक्कुट पालन के नाम से भी जाना जाता है। मुर्गी पालन मे मुर्गी के चूजा यानि की मुर्गी के बच्चे को फार्म मे लाकर पाला जाता है मुर्गी पालने का मुख्य उदेश्य अंडा उत्पादन के लिए, मांस उत्पादन एवं चूजा उत्पादन के लिए मुर्गी पालन किया जाता है।

आज के आधुनिक युग मे खेती किसानी के साथ कई ऐसे उद्योग धंधे विकसित हो गये है। जो किसान खेती-किसानी से साथ-साथ कर के एक अतिरिक्त आय का स्त्रोत बना सकते है उन्ही व्यवसायों मे से एक है मुर्गी पालन जो की लगातार लोगों के बीच लोकप्रिये व्यवसाय के रूप मे विकशित हो रहा है।

इस व्यवसाय का लोकप्रिये होने का मुख्य कारण कम लागत मे अच्छा मुनाफा का होना है। और यह व्यवसाय खेती-किसानी के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी दे रहा है। आज मुर्गी पालन के व्यवसाय से बहुत सारे लोग जुङे है जिनमे की सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि उधमी भी इस व्यवसाय को बङे पैमाने पर शुरू किए है।

चूजे उत्पादन के दृष्टि से मुर्गी पालन काफी फायदेमंद व्यवसाय है क्योंकि चूजों का मांग मांस उत्पादन के साथ-साथ अंडे उत्पादन के लिए भी काफी मात्रा इसकी मांग होती है। मुर्गी पालन मे चूजे उत्पादन का व्यपार काफी लाभदायक माना जाता है।

मुर्गी पालन के प्रकार (types of poultry farming) ज्यादातर मुर्गी पालक दो ही प्रकार के मुर्गी पालन करते है।  1. ब्रायलर मुर्गी पालन (broiler poultry farming) 2. लेयर मुर्गी पालन (layer poultry farming)

Medium Brush Stroke

बेकयार्ड मुर्गी पालन यानि की घर के पिछवारे मे मुर्गी पालन करना। वर्तमान समय मे देशी एवं बेहतर कम लागत वाली मुर्गियों के नस्लों को आसानी से बेकयार्ड मे पाला जा सकता है। बेकयार्ड मुर्गी पालन ग्रामीण समुदाय को अजीविका प्रोटीन युक्त खाद्य एवं स्वरोजगार प्रदान करने मे काफी मदद कर रहा है।

मुर्गियाँ एक साल मे 200 से 250 अंडे तक देती है ये निर्भर करता है मुर्गियों के नस्लों पर कोई मुर्गी के नस्ल पूरे साल मे सिर्फ 60 से 80 अंडे ही दे पाती है। 

ब्रायलर मुर्गी पालन और लेयर मुर्गी पालन मे अंतर ये है कि ब्रायलर मुर्गी पालन मांस के लिए किया जाता है और लेयर मुर्गी पालन अंडे के लिए किया जाता है।

मुर्गी पालन से संबंधित और अधिक जानकारी के लिए नीचे क्लिक करें।

Medium Brush Stroke