पूसा बोल्ड : सरसों के इस किस्म के दाने मोटे होते हैं साथ ही इसमे रोग कम लगते हैं। इस किस्म की पकने की अवधि 125 से 130 दिनों की हैं। इसकी औसत उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।
आर.एच 725 : यह सरसों की किस्म समय से बुआई करने के लिए उपयुक्त हैं इस किस्म की पकने की अवधि 137 से 148 दिनों की हैं। इसकी औसत उपज 23 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं इस किस्म में तेल की औसत मात्रा लगभग 40 प्रतिशत पाई गई है।
आर.एच 749 : यह सरसों की किस्म सिंचित क्षेत्र मे समय से बुआई के लिए उपयुक्त हैं इस किस्म की पकने की अवधि 139 से 150 दिनों की हैं। इसकी औसत उपज 24 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं इस किस्म में तेल की औसत मात्रा लगभग 40 प्रतिशत पाई गई है।
पूसा तारक : यह सरसों की किस्म अगेती बुआई के लिए उपयुक्त हैं इसकी औसत उपज 19.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं इस किस्म में तेल की औसत मात्रा लगभग 40 प्रतिशत पाई गई है।
एन.आर.सी.एच.बी. 101 :इस किस्म की पकने की अवधि 105 से 135 दिनों की हैं। इसकी औसत उपज 13 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं इस किस्म में तेल की औसत मात्रा लगभग 34-42 प्रतिशत पाई गई है। इस सरसों की किस्म को सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर ने विकसित किया है। यह किस्म मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, छत्तीसगढ़ और मणिपुर राज्यों मे खेती करने के लिए उपयुक्त है।