हमारे देश में केमिकल आधारित खेती पर निर्भरता लगातार दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। अनाजों के साथ ही विभिन्न प्रकार की फल और सब्जियों की खेती में भी पेस्टिसाइड का भरपूर मात्रा मे प्रयोग किया जा रहा है. केमिकल आधारित खेती या रासायनिक खेती पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य में भी कई प्रकार के बीमारियों को दावत दे सकती है| इन्ही सभी परेशनियों को देखते हुए सरकार ने इस योजना को पेश किया है। इस योजना के तहत किसानों को ऑर्गेनिक खेती की जानकारी दी जाएगी। साथ ही सरकार किसानों की वित्तीय मदद भी करेगी।
रासायनिक खेती करने की वजह से दिन प्रति दिन मिट्टी की उपजाऊ क्षमता पर असर पड़ रहा है जो की पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य में भी कई प्रकार के बीमारियों को दावत दे रही है | परंपरागत कृषि विकास योजना वो योजना है जिसमें फसल उगाने के लिए रासायनिक फर्टिलाइजर, रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं करते हैं. बल्कि इसके जगह पर जैविक बायोफर्टिलाइजर, जैव कीटनाशक, नीम तेल, वर्मी कम्पोस्ट एवं पंच गव्य आदि के उपयोग करके फसल को उगाने का कार्य किया जाता है. जो की हमारे और हमारे वातावरण दोनों के लिए लाभदायक है. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है।