जानियें, सोयाबीन के किस्मों के बारें मे।

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हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन के कई ऐसे किस्में विकसित किए हैं जिनकी उपज क्षमता तो अच्छी हैं ही साथ यह किस्में कई रोगों एवं कीट-पतंगों  का प्रतिरोधी भी हैं।

सोयाबीन की खेती करने के लिए ऐसी किस्मों को काफी अच्छा माना जाता हैं जो उपज मे अच्छी और वो रोग प्रतिरोधी भी हो।

सोयाबीन के किस्में

जे.एस. 335 पी. के. 472 जे.एस. 93-05 प्रताप सोया 45 जे.एस. 97-52 एम.ए.यू.एस 162 जे.एस. 20-29 एम.ए.यू.एस 158  जे.एस. 20-34  पूसा 9712 जे.एस. 95-60 पूसा 9814 

सोयाबीन के किस्में

जे.एस. 20-69 आर.के.एस 45 आर.वी.एस. 2001-4 एम.ए.सी.एस 1188 फुले अग्रणी एम.ए.सी.एस 450  एन.आर.सी. 86  डी.एस.बी 21 एन.आर.सी. 7 डी.एस.बी 1  एन.आर.सी 12  डी.एस.बी 19

सोयाबीन के किस्में

एन.आर.सी. 37  इंदिरा सोया 9  एन.आर.सी. 77 प्रताप सोया 1 पंत सोयाबीन 1029 प्रताप सोया 2  पंत सोयाबीन 564 पूसा 16  पंत सोयाबीन 1024 पूसा 24  पंत सोयाबीन 1042 वी.एल.सोया 89

सोयाबीन के किस्में

पीके 416 वी.एल.सोया 77 आर.के.एस 24 वी.एल.सोया 65 आर.के.एस 18 वी.एल.सोया 63 पी.एस 1521 पी.एस 1477 

जे.एस -335 ➢ सोयाबीन के इस किस्म की उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं सोयाबीन के इस किस्म के फूल बैंगनी रंग के होते है तथा इसका दाना का रंग पीला होता हैं। यह किस्म फलियों के चटकने के प्रति सहनशील हैं। यह अधिक उपज देने वाली किस्म हैं इस किस्म की पकने की अवधि 100 दिनों की हैं।

एन.आर.सी. 7 ➢ सोयाबीन के इस किस्म की पैदावार 25 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है, सोयाबीन के इस किस्म के फूल बैंगनी रंग के होते है इस किस्म की पकने की अवधि 95 दिनों की होती है। इस किस्म की फलिया पकने के बाद खेतों मे नहीं फटती (चटकती) हैं।

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