स्प्रिंकलर सिंचाई मे पानी को महीन-महीन बूँदों मे बदलकर फसलों पर वर्षा के बूँदों के समान गिराया जाता हैं जिससे फसलों की सिंचाई होती हैं। स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी पौधों पर वर्षा के बूंदे की तरह पङती हैं।
जिस खेत की भूमि ऊँची-नीची होती है वहाँ पर सतही सिंचाई करना मुश्किल हो जाता है ऊँची जगहों पर पानी चढ़ाने के चक्कर मे निचली भूमि मे ज्यादा पानी लग जाता है जिससे फसल नुकसान होने के साथ-साथ पानी की भी बर्बादी होती हैं।