फसलों एवं बाग-बगीचों मे सतही सिंचाई विधि से सिंचाई करने पर पानी का 50-60 प्रतिशत भाग किसी न किसी कारण से बर्बाद हो जाता है। यदि फसल की सिंचाई स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से कि जाए तो पानी की बचत की जा सकती है।

Tilted Green Blob
Green Blob

जब किसान फ्लड इरिगेशन (flood irrigation) प्रणाली से फसलों की सिंचाई करते है तो पौधों को जरूरत से ज्यादा पानी मिल जाता है जिससे पानी की बर्बादी होती है। स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली मे पौधों को जितना पानी की आवश्यकता होती है उतना ही पानी पौधों को दिया जाता हैं जिससे कि पानी की बचत होती है।

स्प्रिंकलर सिंचाई मे पानी को महीन-महीन बूँदों मे बदलकर फसलों पर वर्षा के बूँदों के समान गिराया जाता हैं जिससे फसलों की सिंचाई होती हैं। स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी पौधों पर वर्षा के बूंदे की तरह पङती हैं।

Green Blob

स्प्रिंकलर भी कई प्रकार के आते है जैसे कि मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर आदि इन अलग-अलग स्प्रिंकलर को अलग-अलग फसल की सिंचाई मे इस्तेमाल किया जाता हैं।

Tooltip

जब पानी वर्षा की बूँदों की तरह पौधों पर गिरती है तो भूमि पर जल का जमाव नहीं होता है और कम पानी मे फसल की सिंचाई हो जाता हैं।

स्प्रिंकलर सिंचाई से सिंचाई करने पर खेतो मे मेढ एवं नालियाँ बनाने की आवश्यकता नहीं होती है जिससे किसानों को श्रम के साथ-साथ पैसे की भी बचत होती है।