जानें, स्ट्रॉबेरी की खेती के बारें मे..

स्ट्रॉबेरी (Strawberry) अपनी एक अलग ही रंग और विशेष स्वाद के लिए पहचानी जाती हैं। इसके फल बङे लुभावने, रसीले एवं पौष्टिक होते हैं। इसका पौधा छोटा, कोमल तथा बहुवर्षीय होता हैं।

हमारे देश मे स्ट्रॉबेरी की खेती काफी वर्ष पहले से ही हो रही हैं लेकिन इसकी खेती कुछ वर्ष पहले तक केवल पहाङी क्षेत्रों मे ही की जाती थी। वर्तमान समय मे स्ट्रॉबेरी की नई उन्नत प्रजातियों के विकास से इसकी खेती विभिन्न प्रकार की भूमि तथा जलवायु मे की जा सकती हैं।

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किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती अन्य फल वाली फसलों की तुलना मे कम समय मे ज्यादा मुनाफा दिला सकती हैं क्योंकि यह अल्प अवधि वाली फसल है जिसका की बाजार मे मांग पूरे साल भर देखने को मिलता हैं।

स्ट्रॉबेरी की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी मे की जा सकती हैं लेकिन हल्की बलुई दोमट मिट्टी जिसका पी.एच मान 5.5 से 6.5 के मध्य हो साथ ही जल निकासी का समुचित व्यवस्था इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है।

स्ट्रॉबेरी की खेती मे लो टनल का उपयोग फसल को पाले से बचाने के लिए किया जाता हैं।

स्ट्रॉबेरी का बाजार भाव 300 से 600 रुपये प्रति किलो तक होता है।

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स्ट्रॉबेरी को सामान्य तौर पर खाने के साथ सलाद के रूप मे खाया जा सकता हैं स्ट्रॉबेरी का उपयोग आईसक्रीम, जैम, केक, कैंडी आदि उत्पादों को बनाने मे फ्लेवर के रूप मे भी इस्तेमाल किया जाता हैं।

स्ट्रॉबेरी मे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रैट, कैल्शियम, रेशा, फॉस्फोरस, लोह तत्व, शुगर, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। 

स्ट्रॉबेरी के पौधों को गमले मे लगा सकते है इसे किचन गार्डन एवं बैकयार्ड फ़ार्मिंग मे भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकता हैं।

स्ट्रॉबेरी या स्ट्रॉबेरी के खेती के बारे मे और विस्तार से जानने के लिए नीचे क्लिक करें।

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