Sunday, May 5, 2024

जानिए कल्टीवेटर के प्रकार एवं उनके कार्यों के बारे मे – Types of cultivators and their functions

Types of cultivators and their functions

हमारी फसल से अच्छी पैदावार हो इसके लिए खेती-किसानी के अनेकों कार्यों को अच्छे ढंग से करने की जरूरत होती है जैसे की फसलों की उन्नत बीज की बुआई से लेकर खेत की अच्छी जुताई तक का सारा कार्य एवं समय-समय पर फसलों की सिचाई एवं समय-समय पर फसलों मे उर्वरक का छीरकाव आदि का कार्य करने की जरूरत होती है जिससे की किसानों को फसलों से अच्छी पैदावार मिल सके।

आज के समय मे खेती-किसानी मे कई तरह के बदलाव हुए है वही अगर आज से कुछ वर्ष पहले की बात करे तो किसानों के पास ज्यादा कृषि यंत्र नहीं हुआ करती थी। जिसके वजह से किसानों को खेती किसानी करने मे ज्यादा समय के साथ-साथ ज्यादा श्रम भी लगता था जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पङता था। लेकिन आज के समय मे ऐसे-ऐसे कृषि यंत्र विकशित हो गए है जो जिस काम को करने मे किसानों को सप्ताह भर का समय लगता था। उस काम को इन कृषि यंत्रों के आ जाने से कुछ ही दिनों मे आसानी से किया जा सकता है।

फसलों से अच्छी पैदावार लेने के लिए खेत की भूमि की अच्छी जुताई होना बहुत ही आवश्यक माना जाता है. आज के इस आर्टिकल मे ऐसे ही खेत की जुताई करने के कृषि यंत्र कल्टीवेटर के बारे मे जानकारी दी गई है तो आइये जानते है खेत की जुताई करने की आधुनीक कृषि यंत्रों के बारे मे।

कल्टीवेटर क्या है (Cultivator kya hai)

कल्टीवेटर कृषि के कार्यों मे काम आने वाला कृषि यंत्र है जो की खेतों की जुताई करने पर हमारी खेतों मे लगे हुए खरपतवार को खेतों मे ही नष्ट कर देता है। यह कृषि यंत्र खेत की जुताई करने के साथ-साथ फसल के बीच से खरपतवार को निकालने का भी कार्य करता है। फसलों से खरपतवार को निकालने के लिए फसलों की पंक्तियों के बीच एक निश्चित दूरी होना जरूरी होता है।

यह कृषि यंत्र भूपरिष्करण कार्य करता है ये यंत्र मिट्टी पलटने के साथ मिट्टी को भुरभुरा बनाता है इस यंत्र को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। यह यंत्र बलुई तथा बलुई दोमट मिट्टी वाली खेत की जुताई के लिए अच्छी मानी जाती है।

कल्टीवेटर के प्रकार (Types of cultivators)

शक्ति स्त्रोत के आधार पर कल्टीवेटर दो प्रकार के होते है |

(1.) पशु चालित कल्टीवेटर

(2.) ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर

ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर मुख्यतः चार प्रकार के होते है।

(1.) स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर (spring tyne cultivetor)

(2.) रिजिड टाइन कल्टीवेटर (rigid tyne cultivetor)

(3.) डक फुट कल्टीवेटर (Duck Foot Cultivator)

(4.) बार पॉइंट कल्टीवेटर (Bar Point Cultivator)

(1.) पशु चालित कल्टीवेटर – इस प्रकार के कल्टीवेटर को पशुओ की मदद से खींचकर चलाया जाता है। जिससे खेत की जुताई होता है इस कल्टीवेटर का आकार ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर का जैसा ही होता है। आज के आधुनिक समय मे पशुओ की घटती संख्या के कारण अब इस यंत्र का उपयोग करीब-करीब बंद हो चुका है।

(2.) ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर – इस प्रकार के कल्टीवेटर को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है इस कल्टीवेटर का आकार और वजन दोनों पशु चालित कल्टीवेटर से अधिक होता है ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर किसान भाइयों के बीच बहुत लोकप्रिये है। इस यंत्र को ट्रैक्टर के पीछे जोङते है और हाईड्रोलिक के माध्यम से अपनी आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से ऊपर और नीचे उठाते और गिरते हुए आवश्यकता के अनुसार खेतो की जुताई करते है। ट्रैक्टर चालित कल्टीवेटर भी कई प्रकार के आते है जो की अलग-अलग कामों के लिए जाने जाते है। इनकी विशेषता भी अलग-अलग होती है।

Types of cultivators
Types of cultivators

स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर (spring tyne cultivetor)

इस तरह के कल्टीवेटर का ज्यादातर उपयोग पथरीली जमीन की जुताई के लिए किया जाता है। यह भारी क्षमता वाला स्प्रिंग लगा हुआ कल्टीवेटर होता है जिसमे स्प्रिंग का कार्य जुताई के दौरान टाइन के नीचे पत्थर आदि का रुकावट आने पर उन्हे टूटने से बचाना होता है। यदि ऐसी भूमि में आम कल्टीवेटर का उपयोग किया जाये तो उसके टूटने या मुड़ने का खतरा बना रहता है। इसमे प्रायः 9 या 13 टाइन लगा होता है. इसका उपयोग शुष्क एवं गीली मिट्टी की जुताई करने मे किया जाता है तथा इसके साथ ही इसका उपयोग धान की खेती के लिए कदवा तैयार करने मे किया जाता है।

spring tyne cultivetor
spring tyne cultivetor

रिजिड टाइन कल्टीवेटर (rigid tyne cultivetor)

इस तरह के कल्टीवेटर का उपयोग खेत की जुताई करने के साथ-साथ इसका प्रयोग मिट्टी को ढीला कर उसे वायु प्रवेश के लायक बनाने मे इसका उपयोग किया जाता है। यह यंत्र कठोर मिट्टी को कुशलता से तोड़ कर भुरभुरा बनाने का कार्य करता है। इस यंत्र के टाइन को फसल के कतार के अनुसार इसके बीच के दूरी को समायोजित किया जा सकता है जिससे फसलों के बीच के खरपतवार को नष्ट करने मे किसानों को इससे मदद मिलती है।

rigid tyne cultivetor
rigid tyne cultivetor

डक फुट कल्टीवेटर (Duck Foot Cultivator)

इस कल्टीवेटर का उपयोग मुख्य रूप से उथली जुताई करने खरपटवारों को नष्ट करने तथा मिट्टी मे नमी को संरक्षण करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसका बनावट स्प्रिग रहित कल्टीवेटर का जैसा ही होता है. इसमे फारों की संख्या जरूरत और आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।  इसमे टाईन का आकार त्रिभुजाकार बतख के पैर जैसा होता है. इसलिए इस कल्टीवेटर को डक फुट कल्टीवेटर कहा जाता है।

Duck Foot Cultivator
Duck Foot Cultivator

इस कल्टीवेटर का उपयोग प्राथमिक भूपरिष्करण, खरपतवार नियंत्रण, हल्की जुताई, भूमि मे नमी संरक्षण आदि जैसे कार्यों के करने मे इसका उपयोग किया जाता है। यह यंत्र ट्रैक्टर के विभिन्न एचपी के श्रेणियों के लिए विभिन्न आकारों में उपलब्ध है।

यह भी पढे.

जानिए Mini Power Tiller क्या है !

बार पॉइंट कल्टीवेटर (Bar Point Cultivator)

इस कल्टीवेटर का उपयोग अंतर्वर्ती खेती एवं सबस्वायम खेती के लिए किया जाता है इस कल्टीवेटर के टाईन के छोर पर बार पॉइंट शेयर लगे होते है जो की काफी मजबूत एवं कठोर होते है इस यंत्र को 30 एचपी या उससे अधिक के ट्रैक्टर की मदद से चलाया जा सकता है। इसमे लगे टाईनो की संख्या करीब 7 से 11 होती है।

Bar Point Cultivator
Bar Point Cultivator

भूमि की अच्छी जुताई से लाभ

खेत की अच्छी जुताई के अनेक फायदे होते हैं खेत की अच्छी जुताई से मिट्टी में सुधार होता है और मिट्टी में पानी धारण करने की क्षमता बढ़ती है। खेत में उगे खरपतवार और फसल अवशेष खेत की जुताई से मिट्टी में दबकर सड़ जाते हैं, जिससे मिट्टी में जीवांश की मात्रा बढ़ जाती है। गर्मियों के दिनों मे खेत की जुताई करने से मिट्टी में छिपे हानिकारक कीड़े-मकोड़े, उनके अंडे और लार्वा जुताई के बाद मिट्टी के ऊपर आने से मिट्टी पर सूर्य के प्रकाश के पङने से कीड़े-मकोड़े एवं उनके अंडे और लार्वा नष्ट हो जाते हैं। एवं मिट्टी के भुरभुरी हो जाने से मिट्टी मे वायु का अच्छा संचार होता है।

कल्टीवेटर मशीन को ऑनलाइन यहाँ से ऑर्डर किया जा सकता हैंClick here

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको भूमि की तैयारी करने की कल्टीवेटर से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे खेत की जुताई करने की कल्टीवेटर कृषि यंत्र के बारे मे जानकारी दी गई तथा इस पोस्ट मे ये भी बताया गया है कि कौन से कल्टीवेटर का उपयोग कैसे खेत की भूमि की जुताई करने मे करना चाहिए अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी इन कृषि यंत्रों के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

यह भी पढे !

spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Ajola Kya hai : अजोला की खेती कैसें करें, जानें हरे चारे के रूप मे अजोला का इस्तेमाल। Azolla Farming

अजोला (Azolla) पानी पर तैरने वाला एक फर्न हैं इसका प्रयोग पशु आहार एवं जैव उर्वरक के रूप मे किया जाता हैं। अजोला पशुओ...

Khira ki kheti : खीरा की खेती कैसें करें, साथ ही जाने खीरे की खेती से जुङी महत्वपूर्ण बातें। Cucumber Farming in hindi

खीरे की खेती (Cucumber Farming) ज्यादातर जायद और खरीफ़ दो सीजन में की जाती है. वैसे तो खीरे की खेती पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस...

Sarson ki kisme : सरसों की किस्में : जानिए, सरसों की किस्मों की विशेषताएं और पैदावार के बारे मे – Sarso ki Top Variety

सरसों (Sarson) रबी मौसम मे उगाई जाने वाली प्रमुख्य तिलहन फसलों मे से एक हैं इसकी खेती खरीफ की फसल की कटाई के ठीक...

Strawberry Farming : स्ट्रॉबेरी की खेती कर किसान कर सकते है मोटी कमाई

स्ट्रॉबेरी (Strawberry) अपनी एक अलग ही रंग और विशेष स्वाद के लिए पहचानी जाती हैं। इसके फल बङे लुभावने, रसीले एवं पौष्टिक होते हैं।...

Banana Facts : केला से संबंधित कुछ रोचक जानकारियाँ – Interesting 10+ facts about Banana in hindi

प्राचीन काल से ही केले (Banana) की खेती होते आ रहा हैं खासकर केले की खेती उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों मे की जाती हैं। केला मानव...

Agriculture Drone : ड्रोन के इस्तेमाल से हाईटेक होगी खेती, जानिए खेती मे इसके उपयोग एवं फायदे के बारे मे।

किसानों को खेती से बेहतर उपज प्राप्त हो साथ ही किसानों की आय मे भी वृद्धि हो इसके लिए आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया...

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

  • Connect with us
error: Content is protected !! Do\'nt Copy !!