अजोला (Azolla) पानी पर तैरने वाला एक फर्न हैं इसका प्रयोग पशु आहार एवं जैव उर्वरक के रूप मे किया जाता हैं। अजोला पशुओ को चारे के रूप मे पौष्टिक आहार प्रदान करता हैं। अजोला मे आवश्यक प्रोटीन, एमीनो अम्ल, विटामिन ‘ए’, विटामिन बी 12, बीटाकेरोटिन एवं खनिज जैसे कि कैल्शियम, फास्फोरस, पोटाश, लोहा, तांबा, मैग्नीशियम इत्यादि प्रचुर मात्रा मे पाया जाता हैं। अजोला मे सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं इसमे लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता हैं। यह अपने पोषण गुणों के कारण पशुओ के हरे चारे के लिए उत्तम विकल्प माना जाता हैं। इसकी खेती आसानी से एवं कम समय में किया जा सकता हैं। यह बेहद ही कम समय मे तैयार होने वाला हरा चारा हैं। पोषक तत्वों की उपलब्धता के आधार पर इसे “ग्रीन गोल्ड” भी कहा जाता हैं।
अजोला पशुपालन करने वाले किसानों के लिए प्रकृति प्रदत आकर्षक उपहार हैं जो न केवल दुधारू पशुओं के लिए रोचक आहार हैं बल्कि दूसरे जैसे भेङ पालन, बकरी पालन, खरगोस पालन, मुर्गी पालन एवं बटेर पालन करने वाले किसानों के लिए भी यह हरा चारा काफी उपयोगी हैं। अजोला मे कम मात्रा मे लिग्निन होने के कारण पशुओ के शरीर मे पाचन सरल ढंग से हो जाता हैं। अजोला मुख्य रूप से भैस, गाय, भेङ, बकरी तथा मुर्गियों के लिए एक अच्छा हरा चारा माना जाता हैं।
अजोला के पत्तियों/पंखुङियों मे नील हरित शैवाल (एनाबिना अजोलाई) सहजीवी के रूप मे रहती हैं जो वायुमंडलीय नत्रजन का यौगिकीकरण करती हैं। धान की खेती मे अजोला के प्रयोग से प्रति हेक्टेयर उपज मे 1-2 टन की वृद्धि होती हैं। धान की खेती मे यूरिया के स्थान पर अजोला का प्रयोग होने से उत्पादन मे वृद्धि होती हैं। अजोला मे नाइट्रोजन 28 से 30 प्रतिशत तक पाया जाता हैं साथ ही खनिज 10 से 15 प्रतिशत तक पाया जाता हैं। अजोला की खेती या अजोला का उत्पादन करना अत्यंत आसान एवं सरल हैं इसे गड्ढों, तालाब, नदी एवं टब आदि मे आसानी से उगाया जा सकता हैं। अजोला चारे के रूप मे कम खर्चे मे एवं आसानी से उगाया जा सकता हैं। इसके उत्पादन पर वातावरण एवं जलवायु का विशेष प्रभाव न पङने के कारण इसका उत्पादन देश के सभी हिस्सों मे आसानी से किया जा सकता हैं।
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अजोला हरे चारे के रूप मे हैं उपयोगी (Azolla is useful as green fodder)
पशुओं को स्वस्थ रखने तथा उनका दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हरा चारा का सेवन कराना अति आवश्यक माना जाता हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से दुधारू पशुओं के शरीर के भार के अनुसार उसकी आवश्यकताओं जैसे- जीवन निर्वाह, विकास तथा उत्पादन आदि के लिए भोजन के विभिन्न तत्व जैसे- प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट्स, वसा, खनिज, विटामिन तथा पानी आदि की आवश्यकता होती है। अच्छे दूध उत्पादन के लिए जरूरी हैं कि कम खर्चे मे दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जायें। इस दृष्टि से अजोला हरे चारे के रूप मे आसान, सस्ता एवं लाभकर हैं। इसमे सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं। इसमे लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता हैं। यह अपने पोषण गुणों के कारण पशुओ के हरे चारे के लिए उत्तम विकल्प माना जाता हैं।
कैसें उगाएं अजोला (How to Cultivate Azolla)
अजोला को गड्ढों, तालाब, नदी एवं टब आदि मे आसानी से उगाया जा सकता हैं साथ ही आजकल इसे उगाने के लिए बाजार मे अजोला उत्पादन बेड भी उपलब्ध हैं इस बेड के माध्यम से किसान बहुत की कम समय मे लगभग 15 से 20 मिनट मे अजोला उत्पादन की यूनिट बहुत ही आसानी से लगा सकते हैं। ये बेड हाई डेनसिटी पोली इथाइलीन (H.D.P.E) के बने होते हैं। इस बेड को घर के छत पर, खेत आदि मे भी आसानी से लगाया जा सकता हैं इसे लगाने के लिए गड्ढा करने की भी जरूरत नहीं होती हैं। इसको उगाने की विधि बिल्कुल सरल हैं तो आइये जानते हैं उगाने की विधि के बारे में। –
अजोला उत्पादन बेड यहाँ से खरीदा जा सकता हैं। – Click Here
अगर आप अजोला (azolla in hindi) उगाने के लिए क्यारी या गड्ढा बनाये हैं या तो आप अजोला उत्पादन बेड की मदद से इसे उगाना चाहते हैं नीचे के स्टेप को फ़्लो करें।
- सबसे पहले स्टेप मे करीब 10 से 15 किलोग्राम मिट्टी गड्ढे मे फैला दे। और साथ ही 2 किलोग्राम गोबर, 30 ग्राम सुपर फॉस्फेट 10 लीटर पानी मे मिलाकर गड्ढे मे डाल दे।
- गड्ढे मे पानी का स्तर 10 सेंटीमीटर तक होना चाहिये।
- ऊपर के स्टेप हो जाने के बाद अब बारी हैं अजोला कल्चर को गड्ढे के पानी मे डालने का।
- 500 ग्राम से 1 किलोग्राम तक अजोला कल्चर को आपके द्वारा बनाये गए गड्ढे, क्यारियाँ या अजोला उत्पादन बेड मे डाल दे।
- अजोला बहुत ही तेजी से बढ़ने वाला एक फर्न है जो तेजी से विकसित होता हैं यह 10 से 15 दिनों के अंदर पूरे गड्ढे मे फैल जाता हैं।
- अजोला के गड्ढे मे फैल जाने के बाद इससे प्रतिदिन 800 से 1200 ग्राम अजोला बाहर निकाला जा सकता हैं बाहर निकाले गए अजोला को धो कर पशुओ को हरे चारे के रूप मे खिलाया जा सकता हैं।
नोट – प्रत्येक 5 दिनों के अंतराल पर एक बार 20 ग्राम सुपर फॉस्फेट और करीब 1 किलोग्राम गोबर गड्ढे मे डालने से अजोला तेजी से बढ़ता हैं।
पशुओं को अजोला कैसें खिलाएं (How to Feed Azolla to Animals)
पशुओं को अजोला खिलाने से पहले अजोला को अच्छे से साफ पानी से धो लेना चाहिये। जिससे की अजोला से गोबर आदि का गंध निकल जाए और आसानी से पशु इसका सेवन कर पाए। अजोला को पशु चारे, दाने, सूखा चारा आदि के साथ मिलाकर पशुओ को खिलाया जा सकता हैं। अजोला को गाय, भैस, मछली, सूअर, बकरी, मुर्गी आदि के आहार के रूप मे प्रयोग मे लाया जा सकता हैं। मुर्गियों के लिए अजोला सबसे अच्छा चारा माना जाता हैं।
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अजोला के फायदे (Azolla ke fayde)
- गायों को हरे चारे के रूप मे अजोला खिलाने से दूध उत्पादन क्षमता बढ़ता हैं।
- चारे के रूप मे इसके इस्तेमाल होने से पशुओं मे बांझपन की दर को घटाया जा सकता हैं।
- मुर्गियों के लिए अजोला सबसे अच्छा चारा माना जाता हैं।
- इसके उत्पादन पर वातावरण एवं जलवायु का विशेष प्रभाव न पङने के कारण इसे आसानी से रबी एवं खरीफ मे उगाया जा सकता हैं।
- धान की खेती मे अजोला के प्रयोग से प्रति हेक्टेयर उपज मे 1-2 टन की वृद्धि होती हैं।
- अजोला का उत्पादन करना अत्यंत आसान एवं सरल हैं इसे गड्ढों, तालाब, नदी एवं टब आदि मे आसानी से उगाया जा सकता हैं। इसके उत्पादन के लिए किसी खास तरह के मिट्टी एवं जगह की आवश्यकता नहीं होती हैं।
- अजोला निश्चित सीमा तक रासायनिक उर्वरक का एक अच्छा विकल्प हैं।
धान की खेती मे सहायक हैं अजोला (Azolla is helpful in paddy cultivation)
धान की फसल के लिए अजोला एक उपयोगी नत्रजन-निर्धारण करने वाला जैव उर्वरक हैं। धान की खेती मे अजोला का प्रयोग बेहद कारगर होता हैं धान की खेती मे यूरिया के स्थान पर अजोला का प्रयोग होने से उत्पादन मे वृद्धि होती हैं। अजोला मे नाइट्रोजन 28 से 30 प्रतिशत तक पाया जाता हैं जो मिट्टी की उर्वरता तथा स्वस्थ्य को सुधारने मे मदद करता हैं। धान मे अजोला के प्रयोग से धान की खेती मे खरपतवार की समस्या कम आती हैं साथ ही यह रासायनिक उर्वरक से प्राप्त होने वाले नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ाता हैं। अजोला के प्रयोग से प्रति हेक्टेयर उपज मे 1-2 टन की वृद्धि होती हैं।
हरे चारे के रूप मे उत्तम विकल्प हैं अजोला (Azolla is the best option as green fodder)
हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या के पोषण के लिए दूध की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं बढ़ती दूध की मांग की पूर्ति के लिए छोटे से बङे स्तर पर पशुपालन किया जा रहा हैं ताकि बढ़ती जनसंख्या को दूध की कमी न हो। हमारे देश का दूध उत्पादन क्षेत्र हरे चारे पर निर्भर हैं साथ ही दुधारू पशुओं के पोषण तथा स्वास्थ्य रखरखाव मे हरा चारा एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। हरा चारा उगाने के लिए पशुपालक अलग-अलग मौसम मे अलग-अलग हरे चारे की फसल उगाते हैं जिससे पशुओ को हरा चारा मिल पाता हैं। इन हरे चारे को उगाने के लिए अलग-अलग वातावरण एवं जलवायु की आवश्यकता होती हैं।
अजोला पर वातावरण एवं जलवायु का विशेष प्रभाव न पङने के कारण इसे आसानी से रबी एवं खरीफ मे उगाया जा सकता हैं। वर्तमान समय मे पशुओं के लिए उपयोगी पोषक तत्वों की उपलब्धता को देखते हुए अजोला को दुधारू जानवरों, बकरियों, मुर्गियों आदि के लिए अच्छा पोषक विक्लप माना जा सकता हैं। कम समय मे अधिक उत्पादन देने के लिए अपने गुण के कारण यह हरे चारे का अच्छा स्त्रोत बन गया हैं। अन्य घासो की तुलना मे अजोला का वार्षिक उत्पादन अधिक होता हैं। अजोला मे सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसके कारण गाय एवं भैसों की वृद्धि एवं उत्पादन मे यह सहायक हैं।
अजोला क्या हैं (Ajola kya hai in hindi)
अजोला पानी की सतह पर तैरने वाला एक जलीये फर्न हैं इनकी पत्तियों/पंखुङियों मे नील हरित शैवाल (एनाबिना अजोलाई) सहजीवी के रूप मे रहती हैं जो वायुमंडलीय नत्रजन का यौगिकीकरण करती हैं। अजोला का इस्तेमाल पशुओं के हरे चारे के रूप मे किया जाता हैं साथ ही इसका इस्तेमाल जैव उर्वरक के तौर पर भी किया जाता हैं।
Important – अजोला घर बैठे अब आसानी से घर मांगा सकते हैं अजोल कई अनलाइन शॉपिंग वेबसाईट पर उपलब्ध हैं जहां से live azolla plant को ऑर्डर कर घर मांगा सकते हैं।
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अजोला से संबंधित पूछे गए कुछ प्रश्न (FAQs)
धान की फसल के लिए अजोला एक उपयोगी नत्रजन-निर्धारण करने वाला जैव उर्वरक हैं। अजोला मे नाइट्रोजन 28 से 30 प्रतिशत तक पाया जाता हैं जो मिट्टी की उर्वरता तथा स्वस्थ्य को सुधारने मे मदद करता हैं साथ ही यह रासायनिक उर्वरक से प्राप्त होने वाले नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ाता हैं। जिससे अजोला का प्रयोग धान मे होने से उत्पादन मे वृद्धि होती हैं। |
Q. अजोला घास क्या है? (ajola kya hai) |
अजोला पानी की सतह पर तैरने वाला एक जलीये फर्न हैं जिसका इस्तेमाल पशुओं के हरे चारे के रूप मे किया जाता हैं साथ ही इसका इस्तेमाल जैव उर्वरक के तौर पर भी किया जाता हैं। |
Q. क्या हरे चारे के रूप मे अजोला को गाय को देने पर दूध मे बढ़ोतरी होती हैं? |
जी हाँ, अजोला को हरे चारे के रूप मे गाय को देने पर दूध उत्पादन क्षमता बढ़ता हैं। |
Q. अजोला कहाँ से खरीदे? |
जो लोग अजोला की खेती करते हैं उनसे खरीदा जा सकता हैं या तो फिर पौधे वाली नर्सरी से खरीद सकते हैं। अजोला अब तो ऑनलाइन के माध्यम से भी ऑर्डर करके घर मंगाया जा सकता हैं। |
तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी अजोला की खेती की जानकारी पहुँचाए।
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