Saturday, May 4, 2024

Wheat Varieties : पढ़िए गेहूँ की किस्मों एवं इसकी विशेषताएं और पैदावार के बारे में। Gehu ki Kism

गेहूँ (Wheat) रबी ऋतु मे उगाई जाने वाली अनाज की महत्वपूर्ण फसल है, गेहूँ उत्पादन मे हमारे देश का प्रमुख्य स्थान है भारत मे खाद्यान्न उत्पादन मे गेहूँ का धान के बाद दूसरा स्थान है। गेहूँ की फसल से अनाज के साथ-साथ भूसे के रूप मे अच्छा चारा भी किसानों को प्राप्त होता है. गेहूँ से प्राप्त चारा को किसान अपने पशुओ के आहार मे प्रयोग करते है। गेहूँ प्रोटीन, विटामिन एवं कार्बोहाइड्रैड का स्त्रोत माना जाता है यह संतुलित भोजन प्रदान करता है गेहूँ के दाने मे ग्लूटिन नामक प्रोटीन पाया जाता है।

किसान धान की कटाई के तुरंत बाद गेहूँ की खेती की तैयारी मे लग जाते है गेहूं की फसल रबी की प्रमुख फसलों मे से एक है, दूसरी फसलों की तरह ही गेहूँ की खेती में भी अगर उन्नत किस्मों  का चुनाव किया जाए तो किसान ज्यादा उत्पादन के साथ-साथ ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं. गेहूँ की खेती मे इसके किस्मों का भी विशेष महत्व है तो आइये जानते है कि गेहूँ की खेती के लिए कौन-कौन से किस्मे है और इन किस्मों की क्या खासियत एवं विशेषताएं है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं देश के कृषि विश्वविद्यालयो द्वारा विभिन्न प्रकार के गेहूँ के किस्मों को विकशित किया गया है अलग-अलग क्षेत्रों के वातावरण मिट्टी एवं सिंचाई के साधनों को देखते हुए गेहूं की कई अलग-अलग किस्मों को विकशित किया है नीचे के सारणी मे कुछ गेहूँ के किस्मों के बारे मे बताया गया है।

गेहूँ की किस्म (Wheat Varieties)

HI 1544 (Purna) HD 2967
HD 2888 (Pusa Wheat 107) HD 3086 (Pusa Gautami)
HI 1531 (Harshita) HD 3090 (Pusa Amulya)
HD 2833 (Pusa Tripti) HW 1098 (Nilgiri Khapli)
HD 2851 (Pusa Vishesh) HD 3118 (Pusa Vatsala)
HI 8627 (Malavkranti) HS542
HD 2824 (Poorva) HD 3117
HD 2864 (Urja) HDCSW 18
WR 544 (Pusa Gold) HW 5207 [COW3]
HI 1500 (Amrita) Central Wheat HS562
HS 375 (Himgiri) HD 3171
HS 420 (Shivalik) HD 4728 (Pusa Malwi)
HW 2045 (Kaushambi) HD 3043
HI 1479 (Swarna) HI 1563
HD 2733 (VSM) HD 2985 (Pusa Basant)
HD 4672 (Malavratan) HS 507 (Pusa Suketi)
HI 8498 (Malavshakti) HD 2987 (Pusa Bahar)
HD 2687 (Shresth) HW 5207 (Pusa Navagiri)
HI 1454 (Aabha) HD 2967 (Pusa Sindhu Ganga)
HI 1418 (Naveen Chandausi) HI 8638 (Malavkranti)
HS 365 HS 490 (Pusa Baker)
HD 2781 (Aditya) HD 2894 (Pusa Wheat 109)
HP 1744 (Rajeshwari) HD 2932 (Pusa Wheat 111)
HW 2004 (Amar) HI 8663 (Poshan)
HP 1761 (Jagdish) HP 1731 (Rajlaxmi)
HD 2643 (Ganga) HI 8381 (Malavshri)
DL 788-2 (Vidisha) HS 295
HP 1633 (Sonali) HS 277
राज 3077 राज 4120
राज 3765 WH-147
राज 3777 D-134
राज 4080 PBW-502
राज 4037 लोक -1
कल्याण सोना (एस-227) सोनालिका (आर. आर- 21)
यू.पी – 301 यू.पी – 310
यू.पी – 319 यू.पी – 215
यू.पी – 262 यू.पी – 368
जे.डब्ल्यू. 3173 जे.डब्ल्यू. 3288
एच.आई. 1531 जे.डब्ल्यू. 3173
जे.डब्ल्यू. 17 एम.पी. 4010
एचडी 3226 (HD -3226 )  राज 1482
जी. डब्ल्यू.- 173
जी. डब्ल्यू.- 190
एच.आई. 1454 जे.डब्ल्यू. 1201

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गेहूँ के किस्मों की विशेषताएं और पैदावार (Characteristics and yield of Wheat varieties)

एचडी 3226 (HD -3226) – यह किस्म करनाल बंट, फफूंदी और गलन रोग प्रतिरोधक होती है. इसमें प्रोटीन 12.8 प्रतिशत तक होता है. पहली सिंचाई बुवाई के 21 दिन बाद की जाती है. इसकी बुवाई 5 नवंबर से 25 नवंबर तक उचित मानी जाती है. बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 100 किलो बीज की आवश्यकता पड़ती है. वहीं इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 57.5 से 79.60 क्विंटल की उपज ली जा सकती है। इस किस्म में उच्चतम रोटी गुणवत्ता और पाव रोटी के साथ परफेक्ट ग्लू -1 है जो विभिन्न उपयोगी उत्पादों के लिए अच्छा माना जाता है।

HW 5207 [COW3] – गेहूं की एचडब्ल्यू 5207 किस्म (Gehu ki Kism) को पहाड़ी क्षेत्र या इससे सटे स्थानों में लगाया जा सकता है यह किस्म लीफ रस्ट और स्टीम रस्ट प्रतिरोधी हैं। यह बहुत ही पौष्टिक अनाज का किस्म है, इस किस्म में ग्यारह प्रतिशत से अधिक प्रोटीन, उच्च लौह तत्व (53.1 पीपीएम), जिंक (46.3 पीपीएम), मैग्नीज (47.5 पीपीएम) एवं कॉपर (5.33 पीपीएम) पाया जाता है इस किस्म की औसतन उपज 40.76 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

राज 3077 – यह गेहूँ का किस्म साधारण लवणीय भूमि के लिए उपयुक्त है यह किस्म समान्य एवं पछेती दोनों प्रकार की बुआई के लिए उपयुक्त है इसकी फसल 120 से 122 दिनों मे तैयार हो जाती है इसकी औसत उपज 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

राज 4037 – यह किस्म सामान्य बुआई के लिए उपयुक्त है इसकी फसल 120 से 125 दिनों मे तैयार हो जाती है इसकी औसत उपज 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म अधिक गर्म जलवायु को सहन कर सकता है एवं इस किस्म मे कल्ले अधिक निकलते है।

एम.पी. 4010 – इस गेहूँ की किस्म को 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती है, इसकी पकने की अवधि 95 से 110 दिनों की है. इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

Wheat Varieties
Wheat Varieties

HI 1500 (Amrita) – इस किस्म की पकने की अवधि 120 से 125 दिनों की है. इसकी उपज 20 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

HI 1544 (Purna) – इस किस्म की पकने की अवधि 110 से 115 दिनों की है. इसकी उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है। यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है. इसका दाना चमकीला एवं बङा होता है।

HD 2932 (Pusa Wheat 111) – यह उच्च उत्पादन देने वाली किस्म है इसकी उपज 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है। इसकी पकने की अवधि 105 से 110 दिनों की है। 

HI 8498 (Malavshakti) – यह किस्म प्रर्याप्त सिंचाई एवं उर्वरता वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है यह किस्म 120 से 125 दिनों मे पककर तैयार हो जाता है, इसकी उपज 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है. इसके 1000 दानों का वजन 50 ग्राम होता है। 

लोक -1 द्विजीन बौनी, 85 से 90 सेंटीमीटर ऊँची यह किस्म 95 से 110 दिनों मे पककर तैयार हो जाता है, इसकी फसल को चार से पाँच सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है. इसके 1000 दानों का वजन 45 से 55 ग्राम तक होता है। 

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धन्यबाद

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