सरकार द्वारा समय-समय पर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई तरह के योजनाएं चलाई जाती हैं इन्ही योजनाओं मे से एक हैं प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना जिसके तहत किसानों को सिंचाई उपकरणों की खरीदारी करने पर सब्सिडी प्रदान की जाती हैं। इस योजना के तहत बिहार राज्य के किसानों को सरकार के द्वारा ड्रिप सिंचाई (Drip irrigation) यंत्रों की खरीदारी करने पर 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही हैं। ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी मिलने से किसानों को इसकी खरीदारी करने मे मदद मिलती हैं।
फसलों एवं बाग-बगीचों मे सतही सिचाईं विधि से सिचाई करने पर पानी का लगभग 50-60 प्रतिशत भाग किसी न किसी कारण से बर्बाद हो जाता है। यदि फसल की सिचाई ड्रिप सिचाई प्रणाली से कि जाए तो पानी की बचत की जा सकती है। क्योंकि इस सिचाई प्रणाली मे पौधों को उनकी आवश्यकता के अनुसार पानी को बूँद-बूँद के रूप मे पौधों के जङ क्षेत्र मे उपलब्ध कराया जाता है। जिससे पानी केवल पौधों के जङो मे ही वितरित होता है जिसकी वजह से पानी की बचत, पैदावार मे बढ़ोत्तरी, बिजली या डीजल मे बचत, खरपतवार होने की संभावना कम एवं मजदूरी के खर्च मे भी बचत होती हैं।
भविष्य मे पानी की कमी को देखते हुए किसानों को ड्रिप सिचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए। क्योंकि ड्रिप सिंचाई से खेत की सिंचाई करने पर लगभग 60% जल की बचत होती हैं साथ ही 25-30 प्रतिशत उर्वरक की खपत मे कमी आती हैं। ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल किसान गन्ना, अनानास, पपीता, केला, आम, लीची, अमरुद, सब्जी, अनार, लत्तीदार फसल, फूल, प्याज आदि की फसल मे करके बेहतर गुणवत्ता का उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।
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ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी (Subsidy on Drip Irrigation)
बिहार सरकार द्वारा ड्रिप सिंचाई पर 90 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही हैं। योजना अंतर्गत सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को स्वयं पूरी राशि लगाकर अथवा अनुदान की राशि घटाकर शेष राशि का भुगतान कर किसान यंत्र की खरीदारी कर सकते हैं। किसानों को आवेदन करने के लिए किसान का पंजीकरण संख्या एवं भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC) की आवश्यकता होती हैं। जिन किसानों की स्वयं की भूमि नहीं होती है वैसे किसानों के लिए 7 वर्षों का लीज की भूमि का होना आवश्यक होता है। तभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना मे जीएसटी (GST) पर अनुदान देय नहीं है।
ड्रिप सिंचाई क्या हैं (Drip irrigation kya hain)
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक नवीनतम एवं आधुनिक सिंचाई पद्धति है इस सिंचाई पद्धति मे पानी सीधा पौधों के जङो मे बहुत धीरे-धीरे कम मात्रा मे दिया जाता है। जिससे की पानी की रिसन एवं वाष्पन हानियाँ बहुत कम होती है। जिससे फसलों एवं बाग-बगीचों की सिंचाई के लिए न्यूनतम पानी की आवश्यकता होती है। यह सिंचाई पद्धति कम पानी वाली क्षेत्रों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। ड्रिप सिंचाई को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता हैं इसे टपक सिंचाई’ या ‘बूँद-बूँद सिंचाई के नाम से भी जाना जाता हैं।
ड्रिप सिंचाई के फायदे (Benefits of drip irrigation)
- ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करने पर पैदावार मे बढ़ोत्तरी एवं पानी की बचत होती हैं।
- खेतो मे पौधों के जङ के पास पानी देने से खरपतवार होने की संभावना कम होती हैं जिससे खरपतवार की निराई-गुराई पर होने वाले अतिरिक्त खर्च नहीं होते हैं।
- फसलों को ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने पर बिजली या डीजल की बचत होती हैं साथ ही उर्वरक को भी पानी के साथ-साथ पौधों की जङो तक आसानी से पहुंचाया जा सकता हैं।
- खेत की जमीन ऊपर-नीचे होने पर भी पौधों की सिंचाई एक समान की जा सकती हैं।
- पानी सीमित मात्रा मे केवल जङो के पास गिरने से पानी की बर्बादी नहीं होती है।
- ड्रिप सिंचाई मे दूसरी सिंचाई के तरीको के तुलना में मानव श्रम का कम उपयोग होता है।
- ड्रिप सिंचाई से फल, सब्जी और अन्य फसलों की सिंचाई करने से फसलों के उत्पादन मे भी वृद्धि होती हैं।
- फसलों को ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने पर सिंचाई के समय भी अन्य कार्य जैसे कि फसलों पर छिंङकाव, फल की तोङाई आदि कार्य कर सकते हैं।
- पौधों के जरूरत के अनुसार पानी सीधे जङ मे दिया जाता हैं जिससे लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत होती हैं।
- ड्रिप के मध्यम से पौधों की जङो मे खाद एकसमान मात्रा मे चला जाता है जिससे करीब 25 से 30 प्रतिशत खाद की खपत मे कमी आती हैं।
ड्रिप सिंचाई यंत्र पर अनुदान लेने हेतु नियम एवं शर्तें
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए तभी किसान इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
- किसान के पास स्वयं का भूमि अथवा 7 वर्षों का लीज की भूमि होना आवश्यक है।
- स्वयं की भूमि की स्थिति में भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC) होना आवश्यक है।
- अगर लीज का भूमि है तो 7 वर्षों का निबंधित लीज / 1000 रुपए का स्टाम्प पेपर पर लीजदाता एवं लीज लेने वाले का प्रथम श्रेणी के दंडाधिकारी के समक्ष लिया गया शपथ पत्र।
- ड्रीप सिंचाई हेतु कम से कम 0.5 एकड रकवा तथा अधिक से अधिक 12.5 एकड़ रकवा तथा स्प्रिंकलर हेतु कम से कम 1 एकड़ अधिकतम 5 एकड़ तक लाभ लिया जा सकता है।
- इस योजना का लाभ जो किसान पूर्व में ले चुके है उन्हें 7 वर्षों के बाद ही पुन: योजना का लाभ देय होगा।
- किसान का निबंध डीबीटी (DBT) पोर्टल पर आवश्यक है।
- छोटे किसान योजना का लाभ समूह में लें सकते हैं।
- योजना का लाभ व्यक्तिगत रूप से लेने हेतु जल स्त्रोत आवश्यक है।
- अगर किसान स्वयं अनुदान का लाभ अपने बैंक खाते में लेना चाहते है तो उनका बैंक खाता आधार लिंक्ड होना जरूरी है।
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति पर क्रमश: 16 एवं 1 प्रतिशत कुल कर्णकित राशि का व्यय आवश्यक है।
- आवेदन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे।
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अनुदान के लिए आवश्यक दस्तावेज
- मोबाइल नंबर चालू अवस्था मे ओटीपी (OTP) सत्यापन के लिए
- किसान पंजीकरण संख्या
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC)
ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास आवश्यक दस्तावेज होना चाहिए तभी किसान इस योजना का लाभ ले पायेगें। चलिए अब जानते है ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवेदन कैसें करते हैं।
स्टेप #1
ड्रिप सिंचाई पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले कृषि विभाग की उधान निदेशालय (Directorate of Horticulture) की आधिकारिक वेबसाईट (http://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाएं।
स्टेप #2
आधिकारिक वेबसाईट पर आ जाने के बाद ऊपर के Menu मे उपस्थित PMKSY (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana) पर क्लिक करें।
स्टेप #3
PMKSY पर क्लिक करते ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाईं योजना (सूक्ष्म सिंचाई) कृषि विभाग, बिहार सरकार का पेज खुलकर आएगा। यहाँ पर महत्वपूर्ण लिंक्स के नीचे ऑनलाइन आवेदन करने का ऑप्शन होगा उसपर क्लिक करें।
स्टेप #4
ऑनलाइन आवेदन पर क्लिक करते ही आपसे किसान पंजीकरण संख्या पूछा जाएगा। किसान पंजीकरण संख्या भरकर सर्च करें पर क्लिक करें।
स्टेप #5
सर्च करें पर क्लिक करते ही आपके पास एक फॉर्म खुलकर आ जाएगा जिसमे आपसे जुङी कुछ जानकारियाँ जैसे की आपका नाम, पता, किसान का प्रकार, जाति, मोबाइल नंबर आदि होगा. और उसके नीचे मे फॉर्म को भरने के लिए खाली स्थान होता है जिसे आप सही से भरकर सबमिट कर प्रिन्ट कर ले।
इस तरह से उपर के स्टेप को फॉलो करके आसानी से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखे की फॉर्म मे किसी भी प्रकार का गलती न हो पाएं।
कम पानी मे ज्यादा क्षेत्र की सिंचाई
फसलों मे ड्रिप सिंचाई के इस्तेमाल से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत होती हैं। जल के बिना खेती करना संभव नहीं हैं। किसानों के द्वारा खेतों एवं बाग-बगीचों मे सतही सिंचाई करने से बहुमूल्य जल किसी न किसी कारण से बर्बाद होता ही हैं। इसलिए जल की बर्बादी को रोकना काफी जरूरी हो जाता हैं। भविष्य मे जल की कमी की गंभीरता को देखते हुए जल का सही उपयोग करना काफी आवश्यक हो जाता हैं। किसानों को पानी की बचत करने के लिए ड्रिप सिंचाई को अपनाना चाहिए। क्योंकि ड्रिप सिंचाई कम पानी मे ज्यादा क्षेत्र की सिंचाई करता हैं।
पानी का केवल पौधों के जङो के पास बूँद-बूँद गिरने से पानी की बचत होती हैं जिससे अधिक क्षेत्र मे खेती करना संभव होता हैं। साथ ही पानी केवल जङो के पास देने से फसलों मे खरपतवार होने की संभावना कम होती हैं।
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ड्रिप सिंचाई से संबंधित पूछे गए प्रश्न (FAQs)
Q. सिंचाई की ड्रिप प्रणाली एक जल किफायती तरीका क्यों है?
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सिंचाई की परंपरागत सतही विधियों में जल की क्षति अधिक होती है। यदि ड्रिप सिंचाई की विधियों को अपनाया जायें तो जल की बर्बादी को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। क्योंकि ड्रिप सिंचाई से खेत की सिंचाई करने पर लगभग 60% जल की बचत होती हैं पानी का केवल पौधों के जङो के पास बूँद-बूँद गिरने से पानी की बचत होती हैं जिससे अधिक क्षेत्र मे खेती करना संभव होता हैं। |
Q. ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है?
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ड्रिप सिंचाई कुछ विभिन्न प्रकार, आकार एवं क्षमता वाले प्लास्टिक के पाइपों की सहायता से पूरे खेत एवं बाग-बगीचों मे जाल सा बिछाकर कुछ अन्य उपकरणों की मदद से जैसे – पंप और मोटर, फिल्टर यूनिट, उर्वरक यूनिट, मुख्य पाइप लाइन, उप-मुख्य पाइप लाइन, लेटरल पाइप, ड्रिपर्स आदि उपकरणों के इस्तेमाल से फसलों को बूँद-बूँद पानी उपलब्द कराकर सिंचाई की जाती हैं । |
Q. एक एकङ मे ड्रिप सिंचाई लगाने पर कितना खर्च आता हैं एवं कितनी सब्सिडी दी जाती हैं। |
बिहार सरकार द्वारा एक एकङ मे ड्रिप सिंचाई लगाने पर 90% की सब्सिडी दी जाती हैं। प्रति एकङ ड्रिप सिंचाई लगाने मे लागत 65827 रुपये आती है जिसमे बिहार सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति पर 59244 रुपये सब्सिडी देती हैं। |
Q. किन-किन फसलों मे सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल किया जा सकता हैं? |
वैसे तो ड्रिप सिंचाई का उपयोग धान, गेहूं एवं प्याज की खेती मे भी किया जा रहा है लेकिन इसका ज्यादातर उपयोग कतार वाली फसले, वृक्ष एवं लता वाली फसले एवं अधिक मूल्य वाली फसलों मे किया जाता है। ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल किसान गन्ना, अनानास, पपीता, केला, आम, लीची, अमरुद, सब्जी, अनार, लत्तीदार फसल, फूल, प्याज आदि की फसल मे करके बेहतर गुणवत्ता का उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। |
Q. कितने एकङ मे ड्रिप सिंचाई लगाने पर सब्सिडी दी जाती हैं? |
ड्रीप सिंचाई हेतु कम से कम 0.5 एकड रकवा तथा अधिक से अधिक 12.5 एकड़ रकवा पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सब्सिडी प्रदान की जाती हैं। |
और अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग के D.B.T पोर्टल एवं उधान निदेशालय के वेबसाईट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर विज़िट करें।
आधिकारिक वेबसाईट | |
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