नीमास्त्र (Neemastra) कोई शस्त्र का नाम नहीं बल्कि जैविक कीटनाशक का नाम हैं यह फसलों मे लगे कीटों के नियंत्रण के लिए उपयोग मे लाया जाता हैं। नीमास्त्र को आसानी से घर पर बनाया जा सकता हैं। इससे किसानों को कीटनाशकों पर होने वाले खर्चों से छुटकारा मिलता हैं। किसान चाहे तो घर पर जैविक तरीके से जैविक खाद से लेकर जैविक कीटनाशक को आसानी से बनाकर अपनी खेती मे आने वाले लागत को कम कर सकते हैं।
जैविक खेती कृषि मे आने वाले खर्चों को कम तो करती ही है साथ ही फसलों को कीटों एवं रोगों से बचाने के लिए कई प्रकार के जैविक कीटनाशकों जैसे कि नीमास्त्र, अग्नि-अस्त्र एवं ब्रम्हास्त्र आदि जैसी जैविक कीटनाशक के इस्तेमाल से फसलों को बचाया जा सकता हैं। जो किसान जैविक खेती करते है वो इन शब्दों को भाली-भाति जानते होंगे तथा वो ये भी जानते होंगे ही इन सब कीटनाशकों को कैसे बनाया जाता है। आज के इस लेख मे नीमास्त्र बनाने के विधि के बारें मे जानने वाले है साथ ही जैविक खेती मे इसके उपयोग एवं फायदे के बारें मे भी जानने वाले है तो आइये जानते है कि नीमास्त्र कैसे बनाया जाता हैं।
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नीमास्त्र क्या हैं (Neemastra kya hai)
नीमास्त्र एक जैविक कीटनाशक हैं जिसे नीम की हरी पत्तियाँ या सूखे फल, गौमूत्र, गोबर एवं पानी की सहायता से बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल फसलों मे लगने कीटों के नियंत्रण के लिए किया जाता हैं। नीमास्त्र रस चुसने वाले कीङे, छोटी सूँडी/इलियाँ के लिए उपयोगी हैं।
नीमास्त्र बनाने की विधि (Neemastra Banane ki Vidhi)
नीमास्त्र को आसानी से घर पर बनाया जा सकता है इसे बनाने के लिए कुछ सामग्री की आवश्यकता होती है। अगर ये सामग्री उपलब्ध हो तो इसे कोई भी आसानी से बना सकता है।
नीमास्त्र बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
सामग्री | मात्रा |
देशी गाय का गौमूत्र | 5 लीटर |
पानी | 100 लीटर |
देशी गाय का गोबर | 1 किलोग्राम |
नीम की हरी पत्तीयां या सूखे फल | 5 किलोग्राम |
नीमास्त्र कैसे बनाएं (Neemastra Kaise banaye)
स्टेप #1
- सबसे पहले एक ड्रम ले उसमे 100 लीटर पानी ले। उसके बाद नीम की हरी पत्तियां या सूखे फलों को अच्छे से कूट ले। इन कुटी हुई सामग्री को पानी वाले ड्रम मे डाले।
स्टेप #2
- अब गोबर को पानी की सहायता से पतला कर ड्रम मे डाले। उसके बाद गौमूत्र को ड्रम मे डाले। इस तैयार मिश्रण को 45 घंटे तक बोरी से ढक का छाया मे रखे।
स्टेप #3
- मिश्रण को सुबह-शाम लकङी के डंडे से घङी की सुई की दिशा मे 2 मिनट तक घोले। 48 घंटे बाद यानि की दो दिन बाद मिश्रण को कपङे से छानकर छीङकाव करें।
सावधानियाँ
- नीमास्त्र को छांव मे रखे और धूप से बचाएं।
- इस बात का ध्यान रखे कि नीमास्त्र पर बारिश का पानी न पङे।
- गौमूत्र को प्लास्टिक के बर्तन मे रखे।
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प्रयोग करने की अवधि
नीमास्त्र का प्रयोग छः महीने तक कर सकते हैं यानि की इसे छः महीने तक भंडारित करके रख सकते हैं।
नीमास्त्र का प्रयोग
नीमास्त्र का प्रयोग फसलों मे चूसने वाले कीङे, छोटी सूँडी/इलियाँ के लिए किया जाता हैं। जब फसलों मे चूसने वाले कीङे, छोटी सूँडी/इलियाँ का प्रकोप दिखे तो नीमास्त्र का छीङकाव करके इन कीङो पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं। तैयार नीमास्त्र को अच्छे से छानकर फसलों पर छीङकाव कर सकते हैं।
नीमास्त्र से लाभ
नीमास्त्र से किसानों को काफी लाभ हैं क्योंकि नीमास्त्र को आसानी से घर पर तैयार किया जा सकता है। नीमास्त्र को तैयार करने मे जो सामग्री लगती है वो सामग्री किसानों के पास आसानी से उपलब्ध होती हैं। किसानों को इन सामग्री को खरीदने की जरूरत नहीं होती है जिससे किसानों को इसे बनाने मे पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पङती है और किसान आसानी से एक अच्छा जैविक कीटनाशक तैयार कर लेते है। जिससे फसलों पर लगने वाले कीङो पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता हैं। यह किसानों को महगें रासायनिक कीटनाशकों से छुटकारा दिलाता है जिससे की किसानों को इन रसायनों को खरीदने मे जो लागत आती थी. वो लागत नहीं आती हैं।
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