एग्रो टूरिज़्म (Agro Tourism) यानि कि कृषि-पर्यटन। आपने कभी न कभी एग्रो टूरिज़्म के बारें मे किसी न किसी से सुना ही होगा। हाल के दिनों मे एग्रो टूरिज़्म को काफी पसंद किया जा रहा हैं। एग्रो टूरिज़्म आजकल के युवाओं को काफी आकर्षित कर रहा है. कई युवा इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए आगे आ रहे हैं. नये और पढ़े लिखे युवाओं का इस क्षेत्र में आने से खेती का स्वरूप बदल रहा है, क्योंकि नये युवा पढ़ लिख कर इसमें नयी एवं आधुनिक तकनीक को आजमा रहे हैं। साथ ही खेती-किसानी से संबंधित अनेक उपकरणों और तकनीकों से खेती को आसान बना रहे हैं और इससे वैकल्पिक कमाई का जरिया भी ढूंढ़ रहे हैं।
एग्रो टूरिज़्म की मदद से शहरी पर्यटक खेत-खलिहान और खेती-किसानी के बारे में करीब से जानकारी ले रहे हैं। शहरी इलाकों के पर्यटकों को एग्रो टूरिज़्म काफी पसंद आ रहा है। एग्रो टूरिज्म के माध्यम से शहरी पर्यटक जब आते है तो पर्यटक गाँव देखते है गाँव के रहन सहन देखते है किसानों के जैसे रहते है और साथ ही पर्यटकों को खेतों के बीच जाकर प्राकृतिक माहौल में फसलों एवं उनके उत्पादों को देखने एवं प्रयोग करने का अवसर प्राप्त होता है। ट्यूबवेल पर नहाना या तालाब पर नहाना, ट्रैक्टर-ट्रॉली में घूमना, गाय से दूध निकालना, किसानों के साथ खेत मे थोङा काम करना, फसलों तथा सब्जियों के बारे मे जानकारी लेना, खेतों से फल सब्जी तोङ के लाना आदि।
तो आइये जानते है एग्रो टूरिज़्म क्या है किसान एग्रो टूरिज़्म से कैसें कमा सकते है अच्छे मुनाफे।
एग्रो टूरिज़्म क्या है (Agro Tourism kya hai in hindi)
वर्तमान समय मे जैसा की हम सभी को पता कि शहरी जीवन ग्रामीण जीवन से पूरी तरह अलग हो चुका है, इसलिए ऐसे लोग जो शहरों में ही पले बढ़े हैं उन्हें ग्रामीण जीवन देखने, कृषि से सम्बंधित गतिविधियों एवं उसका अनुभव लेने की बड़ी उत्सुकता रहती है। इसलिए ऐसे लोग ऐसे पर्यटन की तलाश में रहते हैं जहाँ उन्हें खेत-खलिहान और खेती-किसानी के बारे में करीब से जानने का अवसर प्राप्त हो।
एग्रो टूरिज़्म के माध्यम से किसान पर्यटकों को खेतों के बीच जाकर प्राकृतिक माहौल में फसलों एवं उनके उत्पादों को देखने एवं प्रयोग करने का अवसर देते है। साथ ही पर्यटकों के लिए ट्यूबवेल पर नहाना या तालाब पर नहाना, ट्रैक्टर-ट्रॉली में घूमना, बैलगाङी की सवारी, गाय से दूध निकालना, किसानों के साथ खेत मे थोङा काम करना, फसलों तथा सब्जियों के बारे मे जानकारी लेना, खेतों से फल सब्जी तोङ के लाना तथा कलात्मक कार्य जैसे कि मिट्टी से मिट्टी के बर्तन बनाना, कारपेंट्री, शिल्पकारी आदि को पर्यटकों के समक्ष मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। पर्यटकों को एग्रो टूरिज़्म रोमांच एवं उन्हें उनकी छुट्टियों में एक अलग सा अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है।
पर्यटकों को क्या देखने को मिलेगा
एग्रो टूरिज़्म मे पर्यटकों को काफी कुछ देखने को मिलता है साथ ही पर्यटकों को काफी कुछ सीखने को भी मिलता है। इसमे पर्यटकों को खेत-खलिहान और खेती-किसानी के साथ-साथ बहुत सारे मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध होते है जो की पर्यटकों को काफी पसंद आता है। यहाँ पर पर्यटकों को मछली पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, आर्गेनिंग फार्मिंग, फसलों की बुआई कैसे की जाती है, सब्जी तथा फल कैसे उगाये जाते है, तालाब मे बोटिंग की सुबिधा, ट्यूबवेल पर नहाना या तालाब पर नहाना, ट्रैक्टर-ट्रॉली में घूमना, बैलगाङी की सवारी, गाय से दूध निकालना, किसानों के साथ खेत मे थोङा काम करना, फसलों तथा सब्जियों के बारे मे जानकारी लेना, खेतों से फल सब्जी तोङ के लाना तथा कलात्मक कार्य जैसे कि मिट्टी से मिट्टी के बर्तन बनाना, कारपेंट्री, शिल्पकारी आदि जैसे चीजे देखने को मिलता हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई सारी सुबिधायें उपलब्ध होता है।
एग्रो टूरिज़्म मे पर्यटकों को खाने तथा रहने की काफी अच्छी सुबिधा प्रदान की जाती है पर्यटकों के खाने मे कई तरह के व्यंजन उपलब्ध होते है। इन व्यंजनों को बनाने के लिए बिल्कुल देसी तरीका यानि कि मिट्टी के बर्तन तथा मिट्टी से बने चूल्हा (gas fire) का इस्तेमाल किया जाता है। एग्रो टूरिज़्म पर्यटक को छुट्टियों में एक अलग सा अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है।
किसानों के लिए आय का अतिरिक्त स्रोत
एग्रो टूरिज़्म के माध्यम से किसान खेती के साथ-साथ अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है कई किसान ऐसे भी है जो खेती के साथ-साथ एग्रो टूरिज़्म करके अच्छे मुनाफे कमा रहे है। हमारे देश मे महाराष्ट्र कृषि-पर्यटन को विकसित और बढ़ावा देने वाला अग्रणी राज्य है। सितंबर 2020 में, महाराष्ट्र ने कृषि-पर्यटन नीति पारित की।
किसान एग्रो टूरिज़्म के माध्यम से पर्यटकों को फ़ार्म विजिट, फ़ार्म एक्टिविटी, और फ़ार्म स्टे जैसी कई सुविधाएं देते हैं। जिसके बदले किसान कुछ रुपये चार्ज करते है यह किसानों के लिए आय का अतिरिक्त स्रोत हो जाता है। खेतों तक आने वाले पर्यटक जाते समय कृषि उपज भी खरीदते हैं। जिससे किसानों को लाभ होता है। एग्रो टूरिज़्म के माध्यम से पर्यटक प्रदूषण मुक्त वातारण में रहने का आनंद उठाते हुए खेती किसानी को करीब से तो देखते ही है साथ ही इससे ग्रामीण इलाकोें के विकास, कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने, कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने, लोककला-परंपरा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलती है।
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