Thursday, March 28, 2024

Mushroom ki Kheti : कब और कैसे शुरू करें मशरूम की खेती – Mushroom farming Business

पिछले कुछ वर्षों से मशरूम की खेती (mushroom farming) के प्रति किसान जागरूक हुए है जिसके कारण मशरूम की खेती का चलन तेजी से बढ़ा हैं। किसान इसे अपने कार्यों को करते हुए भी आसानी से कर सकते है इसे किसान अतिरिक्त आय का स्त्रोत बना सकते है। मशरूम की खेती को व्यवसाय के रूप मे भी कर सकते है। मशरूम नकदी फसल होने के कारण इसकी खेती में कमाई की अपार संभावनाएं हैं। अलग-अलग मशरूम की वेरायटी और पूरे साल के अलग-अलग सीजन में इसकी खेती मशरूम को और खास बना देती है।

मशरूम शाकाहारी भोजन पसंद करने वालों के लिए एक पौष्टिक आहार एवं औषधियों गुणों से भरा है। इसकी खास प्रकार की सब्जी में शामिल मशरूम का टेस्ट लोगों को बेहद पसंद आता है। इसकी मांग साल के हर महीने मे होती है, इसलिए किसान इसे बड़े स्तर पर उगा कर अच्छी कमाई का जरिया बना सकते हैं।

Mushroom ki kheti
Mushroom ki kheti

मशरूम क्या है (Mushroom Kya hai)

मशरूम एक तरह का पौधा है जिसमे कि बहुत सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते है इसमे नमी, खनिज लवण, प्रोटीन, वसा, रेशा, कार्बोहाईड्रेट, ऊर्जा आदि पाए जाते है। इसमे 20 से 35 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। मशरूम की औषधीये गुण की बात करें तो इसमे जीवाणु, विषाणु एवं कवक से लङने की क्षमता होती है।

जैसे ही बरसात का समय शुरू होता है छतरी नुमा आकार के विभन्न प्रकार के विभिन्न रंगों की पौधों जैसी आकृतीयां अक्सर हमारी खेतो, खलिहानों एवं घर के आस-पास जहाँ पर फसलों के अवशेष सङे होते है वहाँ पर दिखाई देते है जिसे मशरूम या खुम्ब के नाम से जाना जाता है। हमारे प्रकृति मे लगभग हजारों तरह के मशरूम पाए जाते है लेकिन सभी प्रकार के मशरूम खाने योग्य नहीं होते है। क्योंकि कुछ जंगली मशरूम भी होते है जो कि जहरीले भी हो सकते है तो इसका मतलब ये हुआ की हमे बिना जानकारी के किसी भी मशरूम को खाना नहीं चाहिए।

मशरूम के बारे मे (About Mushrooms)

मशरूम मे अधिक मात्रा में प्रोटीन एवं पोषक तत्व मौजूद होने के कारण बाजार मे इसकी मांग काफी ज्यादा है। इसकी खेती मे ज्यादा लागत की भी आवश्यकता नहीं होती है इसकी खेती कृषि के अवशेषों से भी किया जा सकता है। इसका उत्पादन बहुत कम पैसों मे एवं कम जगह मे आसानी से किया जा सकता है। इसलिए मशरूम रोजगार के रूप मे एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है क्योंकि इसकी उत्पादन तकनीक भी काफी सरल है। इसकी उत्पादन तकनीक को कोई भी आसानी से सिख सकता है और उसके बाद मशरूम की खेती या तो फिर मशरूम की व्यवसाय आसानी से शुरू कर सकता है।

इस फसल को पूरे वर्ष उगाया जा सकता है इसकी अलग-अलग किस्म अलग-अलग मौसम के लिए उपयुक्त होता है। ज्यादातर किसान इसकी चार किस्मों डिंगरी, बटन, पुआल मशरूम और दुधिया या मिल्की मशरूम का उत्पादन करते है जो कि किसानों को अच्छी मुनाफा देती हैं। मशरूम से हमारे शरीर को खनिज लवण, प्रोटीन, वसा, रेशा, कार्बोहाईड्रेट, ऊर्जा मिलती है जो अन्य सब्जियों की तुलना में काफी ज्यादा होती है।

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Mushroom ki Kheti
Mushroom ki Kheti

मशरूम की खेती कैसे करते हैं (Mushroom ki Kheti Kaise karen)

मशरूम की खेती (Mushroom ki Kheti) करने के लिए मशरूम की बीज की आवश्यकता होती है। मशरूम के बीज को स्पॉन (spawn) के नाम से जाना जाता है। मशरूम की बीज को तैयार करने के लिए अनेक प्रकार के अनाजों जैसे कि गेहूँ, बाजरा, ज्वार, धान, मक्का, राई आदि का प्रयोग करके स्पॉन को तैयार किया जाता है। इसके बीज को तैयार करने के लिए ज्यादातार गेहूँ के दानों को प्रयोग मे लाया जाता है।

मशरूम की खेती से अच्छी उत्पादन लेने के लिए मशरूम की बीज की गुणवता अच्छी होनी चाहिए। मशरूम को गेहूँ के भूसे, धान की भूसे, फसल का अवशेष, कंपोस्ट खाद की मदद से पॉलीथिन की थैलियों मे रेक्स पर आसानी से इसका उत्पादन लिया जा सकता है। अलग-अलग मशरूम की किस्मों को अलग-अलग तरीकों से उगाते है जो कि नीचे मे स्टेप बाइ स्टेप दिया गया है।

कहाँ करें मशरूम की खेती (Kha kare Mushroom ki Kheti)

हमारे देश मे सभी प्रकार की जलवायु पाई जाती है तथा इसके साथ ही फसलों का अवशेष पूरे वर्ष उपलब्ध होता है जिसके कारण इसकी खेती सालों भर की जा सकती है। लेकिन हमारे देश के कुछ हिस्से ऐसे है जहाँ पर की मशरूम की खेती मौसमी खेती के रूप मे किया जाता है तथा कुछ इलाकों मे पूरे वर्ष इसकी खेती की जाती है। ज्यादातर इसकी खेती ठंड के दिनों में करते है उत्तर भारत मे मशरूम उत्पादन हेतु वातावरण अनुकूल है यहाँ पर इसकी खेती पूरे वर्ष किया जा सकता है। 

मशरूम की खेती करने के लिए नहीं तो ज्यादा लागत की आवश्यकता होती है और नहीं ज्यादा जगह की। इसकी यही खास बात इसकी खेती करने वालों किसानों के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। अगर आप छोटे किसान भी है और आपके पास ज्यादा जगह नहीं है तब भी आप इसकी खेती करके अच्छे पैसे कमा सकते है। इसकी खेती घर के एक छोटे से कमङे मे भी किया जा सकता है या तो फिर आपके पास कोई झोपङी है तो आप उसमे भी इसकी खेती छोटे पैमाने पर कर सकते है। और अच्छा मुनाफा कमा सकते है ये सब कुछ निर्भर करता है फसल के उत्पादन पर अगर आपकी फसल अच्छी हुई है बाजार भाव भी अच्छा है तो इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

मशरूम की खेती से लाभ (Mushroom ki Kheti se labh)
  1. मशरूम की खेती आप कृषि के कार्यों को करते हुए भी कर सकते है मतलब ये की अगर आप किसान है और आप खेती करते है और आप ये चाहते है कुछ और कमाने का जरिया हो तो मशरूम की खेती इसमे आपकी मदद कर सकता है इसकी खेती करके आप अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है। खेती-बाङी के साथ भी आप इसकी खेती आसानी से कर सकते है।
  2. इसकी खेती के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है इसकी खेती आप घर के कमरे या किसी झोपङी के कमरे मे भी कर सकते है। अगर आप इसकी खेती बङे पैमाने पर करना चाहते है तो इसके लिए आपको कुछ ज्यादा इनवेस्टमेंट की आवश्यकता होती है जिससे की आप इसकी खेती को बङे पैमाने पर कर सकते है। 
  3. इसकी खेती करने से फसलों का अवशेषों का सही उपयोग हो पाता है। फसलों के अवशेषों का निपतारण करना काफी मुश्किल भरा काम है इसलिए किसान फसलों के अवशेषों से छुटकारा पाने के लिए अवशेषों मे आग लगा देते है जोकि न तो हमारे लिए सही है और नाही हमारे वातावरण के लिए। 
Mushroom ki kheti
mushroom packaging

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ढिंगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती (Dingri Mushroom ki kheti)

हमारे देश मे सभी प्रकार की जलवायु पाई जाती है इसके साथ ही फसलों का अवशेष पूरे वर्ष उपलब्ध होता है इन अवशेषों की मदद से किसान मशरूम उत्पादन करके आमदनी को बढ़ा सकते है। इस मशरूम को किसी भी कृषि अवशिष्ट पर आसानी से उगाया जा सकता है। ये मशरूम की किस्म करीब 50 से 60 दिन मे तैयार हो जाता है। जिसके कारण इसकी खेती सालों भर कि जा सकती है। लेकिन जलवायु को देखते हुए अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार की मशरूमों की खेती की जा सकती हैं। ऐसे तो हमारी देश की जलवायु ढिंगरी (ऑयस्टर) मशरूम के लिए बहुत ही अनुकूल माना जाता है। इस मशरूम की किस्म मे प्रोटीन भी अधिक मात्रा मे पाया जाता है तथा इसमे कई तरह के औषधीये गुण भी पाए जाते है। ढिंगरी मशरूम भी अन्य मशरुमों की तरह ही एक शाकहारी भोजन के रूप मे काफी पसंद किया जाता है।

ढिंगरी मशरूम की उत्पादन करने की विधि (Method of Production of Dhingri Mushroom)

ढिंगरी मशरूम उत्पादन करने की विधि भी काफी आसान है जैसे की अन्य मशरूमों की किस्मों को उत्पादन के लिए उत्पादन कक्ष की आवश्यकता होती है ठिक इसके लिए भी एक कक्ष की आवश्यकता होती है ये उत्पादन कक्ष बांस, कच्ची ईटें, पॉलीथिन तथा पुआल आदि से भी बनाए जा सकते हैं। जो की पूरी तरह से हवादार हो और समय पङने पर इसे आसानी से बंद किया जा सके। कक्ष का निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रखे की कक्ष मे खिड़कियाँ अवश्य हो और उसपर जाली लगी होनी चाहिए।

ढिंगरी मशरूम को उगाने के लिए किसी भी प्रकार के जैसे कि पुआल, भूसा तथा गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, सरसों, मुगफली, सोयाबीन, मक्का, गन्ना आदि जैसे फसलों की बेकार अवशेषों का उपयोग कर ढिंगरी मशरूम की खेती (Mushroom ki Kheti) की जा सकती है। अगर आप कृषि के बेकार अवशेषों का प्रयोग करके मशरूम का उत्पादन लेना चाहते है तब आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना है की भूसा या पुआल सङा-गला नहीं होना चाहिए।

Mushroom ki kheti
Mushroom

कृषि अवशेष पुआल या भूसे मे किसी भी प्रकार का जीवाणु न रहे इसके लिए रासायनिक विधि का प्रयोग किया जा सकता है या गर्म पानी की मदद से भी कृषि अवशेषों को उपचारित किया जा सकता है। इसके लिए कृषि अवशेषों को पहले छिद्रदार जुट के थैलों या बोरे मे भरकर रात भर गीला किया जाता हैं तथा अगले दिन कृषि अवशेषों को गर्म पानी मे डालकर करीब 30 से 45 मिनट तक उपचारित करते हैं फिर उपचारित भूसे को अच्छी तरीके से फैला कर ठंडा करते हैं।

जब भूसा पूरी तरह से ठंडा हो जाता हैं तो उसके बाद उसमे बीज मिलाया जाता हैं प्रति 3 किलोग्राम गीले भूसे मे लगभग 100 ग्राम बीज अच्छी तरह से मिलाकर पॉलीथिन मे अच्छी तरह से फैला देते हैं। और पॉलीथिन मे 15-20 छिद्र कर दे देते हैं। फिर पॉलीथिन को उत्पादन कक्ष मे रख दे। और इस बात का ध्यान रखते हैं कि कमरे मे सूर्य की सीधी रोशनी न आए। लगभग 15-20 दिनों के बाद मशरूम का सफेद कवक जाल सारे भूसे पर फैल जाता है। नमी बनाए रखने के लिए आवश्यकता के अनुसार जल का छिड़काव करते रहना चाहिए। 

जब मशरूम की फसल पूरी तरह से तैयार हो जाती है तो ढिंगरी मशरूम की छतरी के बाहरी किनारे ऊपर की तरफ मूङने लगती है तो वह तुङाई के लायक हो जाती है। मशरूम की तूङाई करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखे कि मशरूम की तूङाई पानी का छिड़काव होने से पहले करें।

छोटे एवं बङे पैमाने पर मशरूम की खेती कैसे करें (How to do small and large scale mushroom cultivation)

अगर आप भी चाहते है मशरूम की खेती करना तब आप इसे पहले छोटे पैमाने पर कर सकते है और जब आपको इसमे लगे की इसकी खेती करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है तब आप इसे बङे पैमाने पर कर सकते है। इसकी खेती को छोटे स्तर पर शुरू करने से मुख्य कार्य या मुख्य व्यापार पर भी बुङा प्रभाव नही पङता हैं। 

मशरूम की खेती छोटे पैमाने पर करें या तो आप इसे बङे पैमाने पर करे। मशरूम को उगाने का तरीका दोनों मे एकसमान ही होता है बस आपको ज्यादा जगह की आवश्यकता होती है और ज्यादा देखभाल और ज्यादा लागत की। 

मशरूम की खेती शुरू करने के लिए आपको आवश्यकता होती है फसलों की भूसे की, पॉलीथिन की थैली, मशरूम का बीज (स्पान), छीरकाव मशीन, बाँस की बेंच, कमरा आदि के उपयोग करके मशरूम की खेती आसानी से किया जा सकता है। और इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। Mushroom ki Kheti

मशरूम का बाजार (Mushroom market)

मशरूम की खेती करने से पहले मशरूम उत्पादकों को इसकी मार्केट की पूरी जानकारी होनी चाहिए तभी मशरूम उत्पादक इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते है। इसकी बाजार भाव, इसे कौन-कौन से बाजार मे बेचा जा सकता है जहाँ से इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। और मशरूम की मांग मार्केट मे कब ज्यादा होता है और किस समय मशरूम बाजार मे नहीं होता है जिसके कारण मशरूम की भाव मे तेजी आती है उसी समय मशरूम को बाजार मे लाना मुनाफे का सौदा होता है।

मशरूम को सिर्फ बाजार मे ही नहीं बल्कि इसे होटल, रेस्टोरेंट, दवाई बनाने वाली कंपनियां आदि को भी इसकी जरूरत होती है। आप इनसे संपर्क करके मशरूम को बेच सकते है। अगर आपने मशरूम उगाते समय किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं किया है तब आपके मशरूम के ऑर्गनीक होने के कारण इसका रेट भी काफी अच्छा मिलता है। 

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मशरूम की खेती मे खर्च (Mushroom ki Kheti me kharch)

मशरूम की खेती मे खर्च की बात करें तो अगर आप इसे छोटे पैमाने पर करना चाहते है तब आप करीब सात से दस हजार के बीज मे इसकी खेती एक कमरे मे आसानी से शुरू कर सकते है। वही अगर आप इसे बङे पैमाने पर करने की सोच रहे है तो इसमे खर्च भी अधिक आएगी।

मशरूम खाने के फायदे (Mushroom khane ke Fayde)
  1. मशरूम मे जीवाणु, विषाणु एवं अन्य कवक से लङने की क्षमता होती है इसकी सेवन करने से कैंसर जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। तथा यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने मे काफी मदद करता है।
  2. मशरूम प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है इसमे प्रोटीन की 20 से 35 प्रतिशत मात्रा पाई जाती है जिससे इसका सेवन करना मानव शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसमे अनेक प्रकार की बीमारियों से लङने की क्षमता होती है।
  3. मशरूम मानसिक तनाव से ग्रासित मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। 
  4. मशरूम मे मौजूद तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे मदद करती है जिससे की सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियाँ जल्दी नहीं होती है। 
  5. मशरूम विटामिन डी का भी एक बहुत अच्छा स्त्रोत है यह विटामिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है।
Mushroom ki kheti
Mushroom ki kheti

महत्वपूर्ण: मशरूम की खेती (Mushroom ki Kheti) की शुरुआत करने से पहले किसानों को ये सलाह दी जाती है कि इसकी खेती करने से पहले एक बार मशरूम का प्रशिक्षण आवश्य ले। मशरूम का प्रशिक्षण लेने के लिए आप अपने राज्य के कृषि विश्वविद्यालय या महाविधालय से संपर्क कर सकते है या तो फिर आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (K.V.K) से भी संपर्क कर सकते है। यहाँ पर आपकी पूरी मदद की जाएगी।

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मशरूम से संबंधित पूछे गए प्रश्न (FAQs)

Q. मशरूम की खेती कब और कैसे की जाती है?

हमारे देश मे सभी प्रकार की जलवायु पाई जाती है तथा इसके साथ ही फसलों का अवशेष पूरे वर्ष उपलब्ध होता है जिसके कारण इसकी खेती सालों भर की जा सकती हैं। लेकिन हमारे देश के कुछ हिस्से ऐसे है जहाँ पर मशरूम की मौसमी खेती की जाती है तथा कुछ इलाकों मे पूरे वर्ष इसकी खेती की जाती है। ज्यादातर इसकी खेती ठंड के दिनों में करते है उत्तर भारत मे मशरूम उत्पादन हेतु वातावरण अनुकूल है यहाँ पर इसकी खेती पूरे वर्ष किया जा सकता है। 

Q. मशरूम खाने से क्या होता है?

मशरूम मे खनिज लवण, प्रोटीन, वसा, रेशा, कार्बोहाईड्रेट, ऊर्जा आदि पाई जाती है जो की मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। इसकी सेवन करने से कई तरह के बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। मशरूम मे मौजूद तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे मदद करती है। यह मानसिक तनाव से ग्रासित मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमे विटामिन डी का भी एक बहुत अच्छा स्त्रोत है यह विटामिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके सेवन करने से ब्लड शुगर का लेवेल कंट्रोल में रहता है।

Q. भारत में कितने प्रकार की मशरूम की खेती की जाती है?

हमारे देश के ज्यादातर किसान इसकी चार किस्मों डिंगरी, बटन, पुआल मशरूम और दुधिया या मिल्की मशरूम का उत्पादन करते है। 

Q. मशरूम कितने रुपए किलो है?

मशरूम की अलग-अलग किस्मों की अलग-अलग कीमत होती है बटन मशरूम की कीमत की बात करे तो इसकी कीमत रिटेल भाव 300 रुपये प्रति किलो होती है। वहीं थोक भाव 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक होती है।

Q. मशरुम को हिंदी में क्या कहते हैं?

मशरूम को हमारे देश के अलग-अलग राज्यों मे अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार आदि मे इसे कुकुरमुत्ता के नाम से भी जाना जाता है। मशरूम को हिन्दी मे कुकुरमुत्ता भी कह सकते है।

Q. मशरूम कितने दिन में तैयार होती है?

मशरूम बुआई के लगभग 15-20 दिनों के बाद मशरूम का सफेद कवक जाल सारे भूसे पर फैल जाता है। और 2 से 2.5 महीने मे मशरूम तैयार हो जाता है।

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तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको मशरूम की खेती (Mushroom farming) से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे मशरूम क्या है, मशरूम की खेती कैसे करते हैं, कहाँ करें मशरूम की खेती, मशरूम की खेती से लाभ, ढिंगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती, छोटे एवं बङे पैमाने पर मशरूम की खेती कैसे करें, मशरूम का बाजार, मशरूम की खेती मे खर्च, मशरूम खाने के फायदे से जुङे जानकारी दी गई है। अगर इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी मशरूम की खेती के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

धन्यबाद

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3 COMMENTS

    • मशरूम की खेती के बारे मे सीखना हैं तो आप मशरूम की खेती की ट्रैनिंग ले सकते हैं इसकी ट्रैनिंग मे आपको सारी जानकारी दी जाती हैं।

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