Saturday, April 27, 2024

Farming Tools : खेती के औजारों के नाम और चित्र एवं मशीन के बारें में, यहां से जानें। Agriculture Tools Name and Uses in Hindi/farming tools in hindi

कृषि के कार्यों को करने मे कई तरह के औजार एवं मशीन (farming tools in hindi) का इस्तेमाल होता हैं इन औजारों एवं मशीनों के इस्तेमाल करने से खेती के कार्यों को करने मे आसानी होती हैं साथ ही मशीनों एवं औजारों के इस्तेमाल से किसानों की समय एवं मेहनत की बचत होती हैं। आज के आधुनिक युग मे कई ऐसे कृषि यंत्र बन चुके हैं जिससे खेती के घंटों का कार्य महज कुछ मिनटों मे हो जाता हैं। प्राचीन काल से ही खेती के कार्यों मे कई तरह के औजार का इस्तेमाल होते आ रहा हैं प्राचीन काल मे खेती के औजार का निर्माण पत्थर एवं लकङी आदि से किया जाता था जिसका इस्तेमाल खेती करने मे किया जाता था।

आज के समय मे कई ऐसे यंत्र एवं औजार (Farming Tools & Machines) बन चुके हैं जिससे खेती के बुआई से लेकर कटाई तक का कार्य आसानी से हो जाता हैं बिना ज्यादा मेहनत किये हुए। आज के इस लेख मे ऐसे ही औजारों एवं कृषि यंत्रों के बारें मे जानकारी दी।

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फावड़ा (Spade)

फावङा को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जानते हैं इसे कुदाल (hoe) और कुदाली आदि नामों से भी जानते हैं। फावङा लोहे का बना हुआ होता हैं जिसमे कार्य करने के लिए लकङी का हैंडल लगा होता हैं जिसे पकङकर कृषि आदि का कार्य किया जाता हैं। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह के फावङे का इस्तेमाल किया जाता हैं। खेती के कार्यों मे इस औजार (Farming Tools) का बहुत उपयोग हैं इससे खेती के कई छोटे से लेकर बङे कार्य किए जाते हैं। जो भी किसान खेती करते हैं उनके पास फावङा होता ही हैं।

Spade
Spade

फावड़ा का उपयोग (Use of Shovel)

  1. फावङा का उपयोग मिट्टी को खोदने मे किया जाता हैं।
  2. फसलों की बुआई एवं रोपाई करने के लिए क्यारियों का निर्माण सामान्यतः फावङा से ही किया जाता हैं।
  3. फसलों से खरपतवारों को नष्ट करने के लिए एवं निराई गुड़ाई का कार्य करने के लिए फावङे का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। 
  4. खेत मे मेङ बनाने के लिए भी फावङा का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  5. आलू, गन्ना, मूंगफली, केला आदि के फसलों मे मिट्टी चढ़ाना (earthing up) पङता हैं मिट्टी चढ़ाने का कार्य फावङा से ही किया जाता हैं। 
  6. फसलों को रखने के लिए खलिहान बनाना पङता हैं और खलिहान बनाने के लिए खेत मे उगे उगे खरपतवार एवं घासो को छीलना पङता हैं ये कार्य फावङा से किया जाता हैं। 
  7. घर निर्माण कार्य आदि मे भी फावङा का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  8. गड्ढा करने के लिए भी फावङा का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  9. रोड का निर्माण एवं मरम्मत करने मे भी फावङा का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  10. नालियों की सफाई एवं कचङा आदि की सफाई मे भी फावङा का इस्तेमाल किया जाता हैं।

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हंसिया (sickle)

हंसिया दाँतेदार एवं धारदार होता हैं इसके ब्लेड वक्राकार (curved) होते हैं ब्लेड का भीतरी भाग तेज धार वाला होता हैं ब्लेड के पीछे मे हंसिया को पकङने के लिए लकङी का हैंडल लगा होता हैं इस लकङी के हैंडल को पकङकर हंसिया का इस्तेमाल किया जाता हैं। हंसिया को हाथ मे अच्छे से पकङकर इसका इस्तेमाल फसलों एवं घासो को काटने के लिए किया जाता हैं। पहले के समय मे जब फसल की कटाई करने के लिए कोई यंत्र नही था तो किसान सिर्फ हंसिया की मदद से ही पूरी फसल की कटाई कर लेते थे। आज भी कुछ ऐसे किसान है जो हंसिया की मदद से ही पूरी फसल की कटाई कर लेते हैं। हंसिया से फसलों एवं घासो की कटाई करना काफी मेहनत भरा कार्य होता हैं। आज के समय मे कई ऐसे कृषि यंत्र आ गए है जिसकी मदद से फसल की कटाई करना काफी आसान हो गया हैं।

sickle
sickle
हंसिया का उपयोग (Sickle use)
  1. हंसिया का उपयोग फसलों एवं घासो को काटने मे किया जाता हैं।
  2. मुख्य फसल से खरपतवार आदि को निकालने मे भी हंसिया का उपयोग किया जाता हैं।
  3. फसलों से सब्जी आदि को काटने मे भी हंसिया का उपयोग किया जाता हैं।
  4. छोटे पौधों आदि को भी हंसिया की मदद से काटा जा सकता हैं।

हंसिया का इस्तेमाल बहुत ही ध्यान पूर्वक करना होता हैं अगर हंसिया को ध्यान से इस्तेमाल न किया जाए तो इससे हाथ भी कट सकता हैं। किसी भी फसल को हंसिया से काटने के लिए काटी जाने वाली फसल को एक हाथ की मुट्ठी मे पकङकर दूसरे हाथ मे हंसिया को पकङकर इस प्रकार से खिचते है कि पकङी गई फसल या वस्तु को काट दे। 

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खुरपी (Khurapi)

खुरपी का भी कृषि के कार्यों मे कई उपयोग है खुरपी तेज, सीधा लोहे का ब्लेड (हल) एवं लकङी के हैडल की बनी हुई होती हैं। खुरपी के ब्लेड को लकङी के हैंडल मे अच्छे से जङ दिया जाता हैं जिससे की हैंडल से ब्लेड निकले ना। खुरपी भी दो से तीन प्रकार की होती हैं एक खुरपी तो लंबी और चौङाई मे कम होती हैं और दूसरी की चौङाई ज्यादा होती हैं। कुछ अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह के खुरपी का इस्तेमाल किया जाता हैं। खुरपी को हाथ की मदद से चलाया जाता है। खुरपी ज्यादा बङे आकार का नही होता हैं लेकिन खेती के कार्यों मे इसके कई इस्तेमाल है।

Khurapi
Khurapi
खुरपी का उपयोग (Khurapi ka Upyog)
  1. फसलों मे उगे हुए खरपतवार को जंङ से निकालने के लिए खुरपी का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  2. खुरपी का उपयोग बीज की बुआई करने मे भी किया जाता है।
  3. पेङ-पौधों की रोपाई करने के लिए छोटे गड्ढे करने मे भी खुरपी का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. मिट्टी को उलट पलट करने मे भी यह काम आता हैं।
  5. किचन गार्डनिंग मे भी खुरपी का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  6. प्याज, आलू और लहसुन को मिट्टी से अलग करने (खोदने) मे भी खुरपी काम आता हैं।

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बेलचा (Shovel)

बेलचा का भी इस्तेमाल कृषि के कार्यों मे किया जाता है लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल निर्माण (construction) कार्य मे किया जाता हैं। घर का निर्माण, रोड का निर्माण एवं पुल आदि के निर्माण मे बेलचा से कार्य किया जाता हैं। बेलचा के कई आकार-प्रकार होते हैं अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग बेलचा का इस्तेमाल किया जाता हैं। बेलचा लोहे एवं स्टील के बने हुए होते हैं। बेलचा का ब्लेड चौङा होता हैं और इस ब्लेड को लकङी के लंबा हैंडल मे अच्छे से जङ दिया जाता हैं जिससे की कार्य करते समय हैंडल से ब्लेड न निकले।

Shovel
Shovel
बेलचा का उपयोग (Shovel use)
  1. बेलचा का उपयोग निर्माण (construction) कार्य मे किया जाता हैं इससे मिट्टी, रेट आदि को हटाया जाता हैं।
  2. जहां बर्फ गिरता हैं वहां पर बेलचा का इस्तेमाल बर्फ को हटाने के लिए किया जाता हैं।
  3. कचङा, रेट, मिट्टी आदि को उठाने मे भी बेलचा का उपयोग किया जाता हैं।

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हजारा (Watering Can)

जो लोग किचन गार्डनिंग या खेती करते होंगे उन्हे अच्छे से पता होगा की हजारा का क्या कार्य हैं या इससे क्या किया जाता हैं। हजारा का इस्तेमाल पौधों की हल्की सिंचाई करने मे किया जाता हैं। इससे सिंचाई करने पर पौधे उखरते नही हैं और पौधे के जङो के पास गड्ढा नही होता हैं। अगर गमले मे लगे पौधों आदि की सिंचाई सीधे किसी बर्तन से पानी डालकर करते हैं तो ऐसे मे जहां पानी गिरता हैं वहाँ गड्ढा हो जाता हैं तथा पौधे के उखरने का भी डर रहता हैं। हजारा से सिंचाई करने पर पानी वर्षा के बूंद की तरह गिरता हैं जिससे पौधे के पास गड्ढा नही होता हैं और पौधे नही उखरते हैं। हजारा का मुख्य रूप से इस्तेमाल किचन गार्डनिंग एवं पौधों के नर्सरी मे छोटे पौधों की सिंचाई करने मे किया जाता हैं।

Watering Can
Watering Can
हजारा का उपयोग (use of hazara)
  1. सिंचाई करने मे हजारा का उपयोग किया जाता हैं।

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कुल्हाड़ी (Axe)

कुल्हाड़ी जिसका इस्तेमाल प्राचीन समय से ही होते आ रहा हैं यह लकङी काटने का एक प्रमुख्य औजारों मे से एक हैं। लकङी के अलग-अलग आकार देने मे एवं लकङी को टुकङो मे काटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। बढ़ई (carpenter) के द्वारा भी कुल्हाड़ी का खुब इस्तेमाल किया जाता हैं दरवाजे एवं खिङकी बनाने मे। कुल्हाड़ी को फरसा एवं कुठार के नाम से भी जानते हैं। सामान्यतः कुल्हाड़ी लोहे का बना होता हैं जो की तेज धार वाला होता हैं धार वाले हिस्से के पिछले भाग मे एक छेद होता हैं जिसमे लकङी का हत्था लगाया जाता हैं इस हत्थे को पकरकर ही कुल्हाड़ी से कार्य किया जाता हैं।

Axe
Axe
कुल्हाड़ी का उपयोग (Axe use)
  1. कुल्हाड़ी का उपयोग लकङी काटने मे एवं पेङो की कटाई-छंटाई करने मे किया जाता हैं।
  2. युद्ध मे एक बेहतर हथियार के रूप मे भी कुल्हाड़ी का इस्तेमाल किया जाता था। 
  3. लकङी को फारने मे भी कुल्हाड़ी का इस्तेमाल किया जाता हैं।

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लपेटा पाइप (Lapeta Pipe)

जो किसान होंगे उन्हे पता होगा की लपेटा पाइप क्या होता हैं लपेटा पाइप फसलों की सिंचाई करने मे काम आता हैं। ट्यूबवेल या सिंचाई मोटर जिससे भूमि से पानी निकाला जाता है उसमे इस पाइप को जोङकर फसलों की सिंचाई की जाती हैं। पहले के समय मे ट्यूबवेल से सिंचाई करने के लिए खेतों तक नालियों का निर्माण किया जाता था इन नालियों मे पानी को डालकर फसल वाली खेत तक ले जाया जाता था जिससे फसलों की सिंचाई होती थी। नालियों के माध्यम से सिंचाई करने पर पानी की बर्बादी होती हैं। पानी का बर्बादी न हो इसके लिए लपेटा पाइप बनाया गया जिससे इस पाइप के माध्यम से फसलों की सिंचाई की जाती हैं। जब सिंचाई हो जाती है तो इस पाइप को लेपट लिया जाता हैं। जब भी कभी फसलों की सिंचाई करनी होती हैं इस पाइप को आसानी से खेतों मे बिछाकर फसलों की सिंचाई कर ली जाती हैं। 

Lapeta Pipe
Lapeta Pipe
लपेटा पाइप का उपयोग (Use of Lapeta Pipe)
  1. लपेटा पाइप का उपयोग फसलों की सिंचाई करने मे किया जाता हैं।
  2. नालियों, नालों, तलाबों आदि से पानी को निकालने के लिए भी लपेटा पाइप का उपयोग किया जाता हैं।

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डिबलर (Dibbler)

यह बुआई करने का कृषि यंत्र है जो कि नियत दूरी एवं गहराई तक छेद करके उसमे बीज गिराने एवं मिट्टी द्वारा ढंकने का कार्य करता है। इस यंत्र का ज्यादातर उपयोग कम क्षेत्र मे बुआई के लिए किया जाता है। इस यंत्र को सब्जियों एवं मक्का की बीजों की बुआई के लिए इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

Dibbler
Dibbler

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स्प्रेयर मशीन (Sprayer Machine)
Sprayer Machine
Sprayer Machine

स्प्रेयर मशीन से किसान फसलों पर तरल (liquid) खाद और कीटनाशक का छिङकाव करते हैं फसलों पर कीटनाशकों एवं दवाइयों का छिंङकाव करने के लिए स्प्रेयर मशीन का इस्तेमाल किया जाता हैं। स्प्रेयर मशीन हाथ से चलने वाला एवं बैटरी से चलने वाला आता हैं जो मशीन हाथ से चलने वाला होता हैं उसे हाथ से चलाना पङता हैं। और जो बैटरी से संचालित होता हैं वह पूरी तरह से स्वचालित होता हैं इसे चालू करने से लिए सिर्फ बटन को ऑन करना पङता हैं। स्प्रेयर मशीन से धान, गेहूं, मसूर, चना एवं सब्जी वाली फसल आदि मे आसानी से दवाइयों का छीरकाव किया जा सकता हैं।

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कोनो वीडर (Cono Weeder)

कोनो वीडर धान की फसल मे खरपतवार को नियंत्रण करने की मशीन हैं इस मशीन का कार्य हैं धान की फसल से खरपतवार को निकालना/काटकर मिट्टी मे मिला देना हैं। इस यंत्र को खङे होकर चलाया जाता हैं। इस मशीन के अगले हिस्से मे फ्लोट लगा होता है जो मशीन को खेत की मिट्टी मे धसने से बचाता हैं साथ ही इस मशीन मे टी प्रकार के बङे हैंडेल के नीचे शंकु आकार के दो खांचेदार रोलर एक दूसरे के आगे-पीछे लगे होते हैं। यह यंत्र खरपतवार को नष्ट तो करता ही हैं साथ ही यह यंत्र खेत की ऊपरी सतह को खुरचकर फसल की जङो को हवा देने का भी कार्य भी करता हैं। यह मशीन झुककर निदाई करने से छुटकारा दिलाता हैं। इस मशीन का कीमत 1200-1500 रुपये होती हैं यंत्र की कीमत कम होने से इस यंत्र को छोटे किसान भी आसानी से खरीद सकते हैं।

Cono weeder
Cono weeder

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ब्रश कटर मशीन (Brush Cutter)

ब्रश कटर मशीन छोटे किसानों के लिए काफी उपयोगी यंत्र है जो फसल कि कटाई के साथ-साथ खेती के कई और कार्य करती है। इस यंत्र मे कुछ अटैचमेट (Attachment) जैसे कि Weeder Attachment को लगाकर खेतो से खरपटवारों को नष्ट किया जा सकता है। साथ ही इसमे ग्रास कटर ब्लेड (Grass Cutter Blade) लगाकर घास की कटाई भी बहुत कम समय मे किया जा सकता हैं।

यह यंत्र बैकपैक और साइड पैक मे आते हैं किसान अपनी सुबिधा एवं जरूरत के हिसाब से इसका चयन करके इसकी खरीदारी कर सकते हैं कई कंपनियाँ ब्रश कटर मशीन बनाती हैं जो कि 2 स्ट्रोक और 4 स्ट्रोक मॉडल में उपलब्ध हैं। इसकी औसतन वजन 8 से 10 किलो तक की होती हैं इस मशीन को कंधे से लटकाकर या पीठ के सहारे फसलों की कटाई, खेत या बगीचों से खरपतवार का निपटारण आदि का कार्य कर सकते हैं। 

Grass Cutter Machine
Grass Cutter Machine

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प्रो-ट्रे (Pro Tray)

प्रो ट्रे प्लास्टिक के पिरामिड, गोला एवं षष्टकोणिय आकार के होते है जिसे विभिन्न प्रकार के  फसलों की नर्सरी तैयार करने के लिए उपयोग मे लाया जाता है। प्लास्टिक से बने प्रो ट्रे मे सब्जियों की नर्सरी तैयार की जाती है। प्रो ट्रे मे नर्सरी तैयार करने के लिए विशेष तरह के खाद का मिश्रण डालकर संतुलित पानी और तापमान पर नर्सरी मे पौध को तैयार की जाती हैं।

Pro Tray Nursery
Pro Tray Nursery

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पावर टिलर (Power tiller)

पावर टिलर (Power tiller) खेती-बाङी की एक ऐसी मशीन है। जिसका इस्तेमाल खेत की जुताई, थ्रेसर, रीपर, कल्टीवेटर, बीज ड्रिल मशीन, पावर टिलर में पानी का पंप जोड़कर किसान तालाब, पोख़र, नदी आदि से पानी निकाल सकते है। इस मशीन से जिस प्रकार देशी हल से एक सीध पर बुआई की जाती है उसी प्रकार इससे भी बुआई की जा सकती है। पावर टिलर को चलाना बेहद आसान है।

Power tiller
Power tiller
पावर टिलर के कार्य (Power Tiller Functions)
  1. पावर टिलर से हमलोग पानी का पंप जोड़कर तालाब, पोख़र, नदी आदि से पानी निकाल सकता है।
  2. इससे हमलोग थ्रेसर जोड़कर फसल की कटाई आदि कर सकता है।
  3. पावर टिलर मे बीज ड्रिल मशीन लगाकर बीज की बुआई हम अपनी खेतों मे कर सकते है।
  4. पावर टिलर की रोटरी को उल्टा करके हम इससे क्यारी, गन्ने मे मिट्टी डालना हो या तो आपको मेङ बनाना हो ये सभी कार्य आप पावर टिलर से कर सकते है।
  5. यह यंत्र खेती की जुताई से लेकर फसल बुवाई तक में मददगार है।
  6. मिनी पावर टिलर से आप फसल के बीच से खरपतवार को जुताई करके नष्ट कर सकते है।

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डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन (Direct Seeded Rice Machine)

इस मशीन से धान की खेती करने पर धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती हैं इससे धान की बीजों की खेत मे सीधी बुआई की जाती हैं। इस मशीन को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता हैं जिससे खेत मे इस मशीन की सहायता से धान की बुआई होती हैं। इससे धान की बुआई करने पर धान की पैदावार रोपाई किए गए धान के बराबर ही होता है। इससे बुआई करने पर श्रमिकों तथा पानी की कम आवश्यकता होती है साथ ही अधिक क्षेत्र मे कम समय मे बुआई की जा सकती हैं।

Direct Seeder Rice
Direct Seeder Rice
डीएसआर मशीन से बुआई करने के फायदें (Advantages of sowing paddy with Direct Seeder Rice machine)
  1. इससे बुआई करने पर एक या दो मजदूर की ही आवश्यकता होती हैं ज्यादा श्रमिकों की आवश्यकता नहीं होती हैं।
  2. इस मशीन से बुआई करने पर उपज रोपाई के तुलना मे समान या अधिक होता हैं।
  3. धान की रोपाई मे कडवा (puddling) न होने से भूमि पर पङने वाले दुष्प्रभाव से बचाव होता हैं।
  4. फसल अवधि रोपाई की अपेक्षा 7 से 10 दिन कम होती हैं।
  5. इससे कम समय मे अधिक क्षेत्र मे धान की बुआई किया जा सकता हैं।
  6. डीएसआर मशीन से धान की बुआई करने पर 20 से 35 प्रतिशत तक पानी की बचत हो जाती है. ऐसे में जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है वहां के किसान इस तकनीक से बुआई करके धान की खेती कर सकते हैं।
  7. इससे बुआई करने पर कडवा (puddling) की जरूरत नहीं होती हैं जिसके वजह से प्रति हेक्टेयर 1600 से 2000 रुपये तक की बचत होती हैं।
  8. खेतों मे 25 से 30 फीसदी नमी की उपस्थिति मे भी इस मशीन से बुआई संभव हैं।
  9. इससे बुआई करने पर धान की नर्सरी तैयार की ज़रूरत नहीं होती हैं।
पटैटो प्लांट मशीन (Potato Planter Machine)

पटैटो प्लांटर मशीन आलू की बुआई करने का कृषि यंत्र है जिसके इस्तेमाल से कम समय मे अधिक क्षेत्र मे आलू की बुआई आसानी से किया जा सकता हैं। इस यंत्र मे कतार से कतार एवं पौधों से पौधों के बीच की दूरी को आवश्यता के अनुसार बढ़ाया या घटाया जा सकता हैं। इस आलू बोने की मशीन को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता हैं। इस यंत्र मे खाद डालने के लिए उर्वरक बॉक्स लगा होता हैं जो बुआई के समय मे उर्वरक डालने मे काम आता हैं।

Potato Planter
Potato Planter
पोटैटो प्लांटर मशीन से लाभ (Aalu bone ki machine se Labh)
  1. आलू की बुआई एक निश्चित गहराई और निश्चित दूरी पर होने से आलू का अंकुरण भी अच्छा होता हैं। 
  2. पटैटो प्लांटर मशीन की सहायता से काफी कम समय मे अधिक क्षेत्र मे आलू की बुआई आसानी से की जा सकती हैं।
  3. आलू की खेती मे इस कृषि यंत्र का उपयोग करने से श्रमिको की कम आवश्यकता होती हैं।
  4. इस कृषि यंत्र का इस्तेमाल करने से समय, लागत एवं श्रम तीनों की बचत होती हैं।
  5. आलू की खेती मे किसान इस मशीन का इस्तेमाल करके समय की बचत तो करते ही है साथ ही समय पर आलू की बुआई हो जाने से आलू की अच्छी पैदावार होती हैं एवं आलू की फसल पर कीटों एवं रोगों का प्रकोप भी कम देखने को मिलता हैं।  
शुगर केन प्लांटर (SugarCane Planter)

शुगर केन प्लांटर गन्ने की रोपाई करने का कृषि यंत्र है इस यंत्र के द्वारा गन्ने की बुआई कतारों मे उचित दूरी तथा उचित गहराई पर की जाती हैं। शुगर केन प्लांटर को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है इसे चलाने के लिए इस यंत्र को ट्रैक्टर के पीछे जोङकर इससे रोपाई का कार्य किया जाता हैं। यह मशीन प्रायः दो से तीन फालों वाली होती हैं इस मशीन मे गन्ने के टुकङे काटने वाली इकाई, उर्वरक इकाई, गन्ने को रखने का ट्रे एवं मशीन पर बैठने का सीट लगा होता हैं। गन्ने की बुआई करने के लिए श्रमिक मशीन पर बैठकर लोहे की ट्रे मे रखे गन्ने को एक-एक उठाकर कटाई यूनिट मे डालते है कटाई यूनिट मे घूमने वाले ब्लेडों से गन्ने के टुकङे होकर नालीनुमा कूँड मे गिरता हैं। नालीनुमा कूँड मे गिरने से पहले गन्ने के टूकङो के साथ-साथ उर्वरक भी गिरता हैं इसी तरह से इस यंत्र से गन्ने की रोपाई की जाती हैं।

SugarCane Planter
SugarCane Planter
शुगर केन प्लांटर से लाभ (SugarCane Planter se labh)

गन्ना रोपाई यंत्र से गन्ना की बुआई करने पर किसानों को कम मेहनत एवं कम समय लगता हैं साथ ही रोपाई के लागत मे कमी आती है। इससे प्रतिदिन करीब 2 से 3 हेक्टेयर खेत मे गन्ने की बुआई की जा सकती हैं वहीं अगर गन्ने की बुआई किसान पारंपरिक तरीकों से करते है तो उन्हे इतने ही क्षेत्र मे बुआई करने मे कई दिन लग जाता हैं। साथ ही किसानों को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पङता है जैसे की मजदूर न मिलने के कारण होने वाली परेशानी।

इससे बुआई करने पर सिंचाई करने मे आसानी होती हैं साथ ही निराई-गुराई का कार्य करने मे भी आसानी होती हैं। गन्ने की बुआई कतारों मे उचित दूरी तथा उचित गहराई पर होने से फसल अच्छा होता है जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिलता हैं।

कंबाइन हार्वेस्टर (Combine Harvester)

यह एक बहुमुखी कृषि यंत्र (farming machines) है यह एक साथ एकही समय मे फसल की कटाई से लेकर थ्रैशिंग दानों की सफाई आदि का कार्य करता हैं। इस यंत्र का उपयोग खेत मे ही फसल की कटनी, थ्रैशिंग, दानों की सफाई एवं अन्न भंडारण हेतु किया जाता हैं। इसमे कटीग यूनिट, थ्रैशिंग यूनिट, क्लीनींग यूनिट एवं कलेक्टिंग यूनिट आदि लगे होते है।

कटीग यूनिट का कार्य हैं फसलों की कटाई कर थ्रैशिंग यूनिट मे भेजना। इसका दांतदार पट्टी फसल को काटती हैं। थ्रैशिंग यूनिट का कार्य हैं फसलों से दाना एवं भूसा को अलग-अलग करना। साथ ही इसमे लगे छलनी से अनाज साफ हो जाता है इसमें एक स्टोन ट्रैप यूनिट भी लगी होती है, जो कि फसल के साथ आए हुए कंकड़, मिट्टी आदि को अलग कर देता है जिससे किसानों को साफ आनज प्राप्त होता हैं।

Combine harvester
Combine harvester
कम्बाईन हार्वेस्टर से लाभ (Combine Harvester se labh)
  1. इससे बहुत कम समय मे फसलों की कटाई की जा सकती हैं।
  2. इससे फसलों की कटाई करने पर मजदूरों की समस्या दूर होती हैं साथ ही यह यंत्र कम समय मे ज्यादा क्षेत्र की कटाई कर सकता हैं। 
  3. कम्बाईन हार्वेस्टर से फसलों की कटाई करने पर एकही समय मे कटाई, गहाई एवं अनाजों की सफाई एकही साथ हो जाता हैं।
  4. इस मशीन के उपयोग करने से किसान प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से भी बच सकते है इससे समय रहते फसलों की कटाई कर सकते है।
  5. कंबाइन हार्वेस्टर के साथ फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र का उपयोग करके किसान फसलों के अवशेष का प्रबंधन भी कर सकते हैं। जिससे किसानों के फसलों के अवशेषों का नुकसान नहीं होता हैं।
  6. कंबाइन हार्वेस्टर को किराये पर चलाकर अच्छी कमाई भी की जा सकती है। 
मल्टीक्रॉप थ्रेसर (Multi Crop Thresher)

यह एक गहाई यंत्र है जो फसलों की गहाई करने के काम मे आता हैं इस यंत्र से गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, सरसों, सोयाबीन, तुअर, चना, मूंग, मसूर, राई, अरहर व मूंगफली आदि जैसी फसलों की गहाई की जाती हैं। इस यंत्र मे मुख्य रूप से थ्रेशिंग सिलिंडर, औसिलेटिंग बॉक्स, वीनोइंग (ओसौनी), स्ट्रावाकर एवं दानों की सफाई करने की अटैचमेंट लगे होते हैं। इस कृषि यंत्र को ट्रैक्टर के माध्यम से चलाया जाता है इसे 35 एचपी या इससे अधिक के ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जा सकता हैं।

Multi Crop Thresher
Multi Crop Thresher
मल्टीक्रॉप थ्रेशर से लाभ (Benefit from multi crop thresher)
  • इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी आसान हैं इसे ट्रैक्टर की मदद से खेत मे ले जाकर भी थ्रेशिंग का कार्य किया जा सकता हैं।
  • इसके उपयोग से किसान मजदूरी, समय और श्रम की बचत कर सकते हैं। 
  • यह यंत्र एकही बार मे फसलों से दाने एवं भूसे को अलग कर देती हैं इसमे बार-बार अनाज को डालने की आवश्यकता नहीं होती हैं। यह एकही बार मे आनज से भूसे, मिट्टी के छोटे टूकङे आदि को अलग कर बिल्कुल साफ-सुथरा आनाज देती हैं। 
  • इस यंत्र का सही से देखभाल एवं सही तरीके से चलाया जाए तो यह लंबे समय तक चलता हैं। 
  • इस यंत्र को किराये पर चलाकर भी अतिरिक्त आमदनी कमाया जा सकता हैं। 
हैप्पी सीडर (happy seeder)

पिछले कुछ वर्षों से धान की कटाई के लिए कम्बाइन हार्वेस्टर का उपयोग किया जा रहा है जिससे धान के खेतो मे फसल अवशेष यानि की पराली काफी मात्रा मे रह जाता है। पराली से छुटकारा पाने के लिए किसान इसे जला देते है जिससे की हमारे वातावरण को भी नुकसान पहुंचता है साथ ही मिट्टी के स्वस्थ्य पर भी प्रभाव पङता हैं।

हैप्पी सीडर धान के अवशेष वाले खेतो मे बिना जुताई किए गेहूं की बुआई कर सकता हैं। यानि कि पराली को खेतो से बिना निकले गेहूं की सीधी बुआई करता हैं। यह यंत्र फसल की बची हुई अवशेषों एवं फसल के डंठल को काटकर मिट्टी मे दबाने के साथ-साथ फसलों की बीजों को कतारों मे बुआई करने का कार्य करता है। जिससे कि फसलों की बुआई के साथ-साथ अवशेषों एवं फसल के डंठल मे उपलब्द कार्बन तत्व मिट्टी मे मिल जाते है जो की हमारी फसल के लिए अच्छा साबित होता है।

Happy Seeder
Happy Seeder

हैप्पी सीडर के प्रयोग से न सिर्फ पर्यावरण को बचाया जा सकता है बल्कि अगर किसान इस यंत्र का प्रयोग गेहूं की बुआई के लिए करें तो प्रति हैक्टेयर 4 से 5 हजार रुपये तक की बचत भी कर सकते हैं। साथ ही गेहूं की पैदावार मे भी बढ़ोतरी होती है जिससे किसानों को अतिरिक्त उपज प्राप्त होता हैं। गेहूं की बुआई हैप्पी सीडर से करने पर किसानों की लागत, समय, श्रम और पानी की भी बचत होती हैं।

ज़ीरो टिलेज (zero tillage)

ज़ीरो टिलेज मशीन का उपयोग गेहूं की बुआई करने मे किया जाता हैं गेहूं की बुआई धान की कटाई के तुरंत बाद खेत मे उपस्थित नमी का उपयोग करके बिना जुताई किए हुए खेत में एक निश्चित गहराई मे मिट्टी के नीचे खाद तथा बीज को कतारों में बनाए गए कूड़ों में रखना इस मशीन का कार्य है। यह यंत्र धान की हाथ से कटाई की गई खेतो मे गेहूं की बुआई के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं। इस मशीन से एक निश्चित दूरी एवं निश्चित गहराई पर बीज की बुआई होने से बीज का जमाव अच्छा होता है। लाइन में बुआई होने से सिंचाई, निराई, कटाई आदि का कार्य करने मे भी आसानी होती है। 

zero tillage
zero tillage
स्वचालित रीपर बाइंडर (Self Propelled Reaper Binder)

यह कृषि यंत्र फसल की कटाई के साथ-साथ कटी हुई फसल को बंडल बनाने का कार्य भी करता हैं यह यंत्र फसल की कटाई के बाद खङी अवस्था मे एक विशेष प्रकार की सुतली से कटी हुई फसल को बांधकर खेत मे कतार मे गिराती जाती हैं। इस बंडल को बाद मे किसान एकत्रित करके थ्रैशिंग (गहाई) कर सकते हैं। मशीन से फसल की बंडल बन जाने से किसानों को एकत्रित करने मे आसानी होती हैं स्वचालित रीपर बाइंडर गेहू, धान एवं जौ जैसी फसलों की कटाई के लिए उपयुक्त हैं।

Self Propelled Reaper Binder
Self Propelled Reaper Binder
पोटैटो डिगर क्या है (Potato digger)

पोटैटो डिगर आलू को मिट्टी से पूरी तरह बाहर निकालने की मशीन है जिसे ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। इस मशीन मे ब्लेड, चेन, कन्वेयर बेल्ट, गिअर बॉक्स आदि होते है जो आलू को मिट्टी से बाहर निकालने एवं आलू मे लगे मिट्टी को हटाने का भी कार्य करता हैं। साथ ही इस मशीन मे गहराई नियंत्रण के लिए दो चक्के फ्रेम पर लगे होते हैं। किसान आवश्यकता अनुसार गहराई को सेट कर खेत से आलू की खुदाई करने का कार्य कर सकते हैं।

Potato Digger Machine
Potato Digger Machine
पोटैटो डिगर की विशेषताएं (Features of Potato Digger)
  1. यह मशीन आलू को बिना नुकसान पहुचाएं मिट्टी से आलू को निकालने का कार्य करता हैं। जिससे आलू की बर्बादी नहीं होती हैं। 
  2. यह मशीन मिट्टी से आलू को निकालने के दौरान आलू मे लगे मिट्टी को झाङने का कार्य भी करता है। जिससे आलू साफ निकलता हैं। 
  3. इस मशीन से आलू की खुदाई करने पर आलू कट्टे नहीं है। जिससे आलू की गुणवत्ता भी अच्छी रहती हैं। 
  4. इससे कम समय एवं कम लागत मे अधिक जमीन पर आलू की खुदाई कर सकते हैं। 
पैडी ट्रांसप्लांटर (Paddy Transplanter)

पैडी ट्रांसप्लांटर धान की रोपाई करने का कृषि यंत्र है जिससे की धान की रोपाई कतारबद्ध तरीके से होती है धान की रोपाई कतारबद्ध होने से धान की फसल मे अगर खरपतवार हो जाए तो इसे निकालने मे भी काफी आसानी होती है इस यंत्र की मदद से एक दिन मे करीब 5 से 6 एकङ खेत की रोपाई की जा सकती है। इस कृषि यंत्र से धान की रोपाई करने पर कम मजदूरों की आवश्यकता होती है तथा इसके साथ ही इससे रोपाई करने पर समय के साथ-साथ खर्च मे भी कमी आती है।

paddy
धान की रोपाई मशीन के द्वारा
पैडी ट्रांसप्लांटर के फायदें (Advantages of paddy transplanter)
  1. इस कृषि यंत्र को धान की रोपाई मे उपयोग मे लाने से काफी कम मजदूरों की आवश्यकता होती है जिससे किसानों को धान की रोपाई मे कम खर्च आता है।
  2. इससे रोपाई करने मे समय काफी कम लगता है जिससे कि किसान कम समय मे अधिक खेत की रोपाई कर पाते है। 
  3. यह कृषि यंत्र उचित संख्या मे पौधों की कतारबद्ध रोपाई करता है जिससे किसानों को धान की फसल मे उगे हुए खरपटवारों को निकालने मे भी आसानी होती है। 
  4. इस यंत्र की मदद से एक दिन मे करीब 5 से 6 एकङ खेत की रोपाई की जा सकती है।
  5. यह कृषि यंत्र बहुत बढ़िया तरीके से बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को एडजस्ट कर रोपाई करती है।
  6. इस कृषि यंत्र मे बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है यानि की किसान चाहे तो बीचङो की संख्या, पौधे से पौधे की दूरी एवं इसकी गहराई आदि को बढ़ा या घाटा भी सकते है। 
मोल्ड बोर्ड हल (Mould Board Plough)

एमo बीo प्लाऊ ट्रैक्टर चालित कृषि यंत्र है जो कि ट्रैक्टर की मदद से खेत की जुताई करने के कार्यों मे उपयोग मे लाया जाता है। इसका उपयोग खेत की प्राथमिक जुताई के लिए किया जाता है यह खरपतवार एवं फसलों के अवशेषों को मिट्टी मे दबाने का कार्य करता है तथा इसके साथ ही इसका उपयोग हरी खाद की फसल को मिट्टी मे दबाने मे भी इसका उपयोग किया जाता है। इस हल को अधिक गहरी जुताई और अधिक मिट्टी पलटते के लिए जाना जाता है। यह हल गर्मी के मौसम मे खेत की गहरी जुताई के लिए तथा हरी खाद ढैचा, सनई आदि फसल को मिट्टी काटकर दबाने का कार्य करता है।

MB Plough
MB Plough

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एमo बीo प्लाऊ से लाभ (MB Plough se labh)

एमo बीo प्लाऊ से खेतो की जुताई करने से किसानों को अनेकों प्रकार के लाभ होते है इस कृषि यंत्र से खेत की जुताई करने से खेतो मे उगे हुए खरपतवार एवं फसलों के अवशेषों को मिट्टी मे दबाकर नष्ट कर देता है इस हल की मदद से खेतो मे कंपोस्ट खाद और गोबर की खाद को मिट्टी मे मिलाने का भी कार्य किया जाता है। यह कृषि यंत्र खेत की जुताई करने के साथ-साथ हरी खाद फसल जैसे – ढैचा, सनई आदि को मिट्टी मे दबाने का भी कार्य करता है।

कल्टीवेटर (Cultivator)

यह कृषि यंत्र खेत की जुताई करने के साथ-साथ फसल के बीच से खरपतवार को निकालने का भी कार्य करता है। फसलों से खरपतवार को निकालने के लिए फसलों की पंक्तियों के बीच एक  निश्चित दूरी होना जरूरी होता है। यह कृषि यंत्र (farming machines) भूपरिष्करण कार्य करता है ये यंत्र मिट्टी पलटने के साथ मिट्टी को भुरभुरा बनाता है इस यंत्र को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। यह यंत्र बलुई तथा बलुई दोमट मिट्टी वाली खेत की जुताई के लिए अच्छी मानी जाती है।

Cultivator
Cultivator
तवेदार हैरो (Disc Harrow)

तवेदार हैरो को डिस्क हैरो के नाम से भी जाना जाता है इस कृषि यंत्र (farming machines) का उपयोग भूमि की प्राथमिक जुताई करने के लिए किया जाता है तथा इसके साथ ही इसका ज्यादातर उपयोग कङे एवं शुष्क, खरपतवार एवं पथरीली भूमि की जुताई के लिए किया जाता है। इस जुताई यंत्र से करीब 30 cm भूमि की गहरी जुताई की जा सकती है। इस कृषि यंत्र को ट्रैक्टर की सहायता से चलाई जाती है।

Disc Harrow
Disc Harrow

यह यंत्र घास-फूस तथा खरपतवार वाली खेत की जुताई के किए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि यह यंत्र घास-फूस तथा जङो को काटकर मिट्टी मे मिलाने, मिट्टी के बङे भागों को तोङने तथा मिट्टी की दशा को सुधारने के साथ-साथ मिट्टी को भुरभुरा भी बनाने का कार्य करता है।

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रोटावेटर (Rotavator)

रोटावेटर को रोटरी टिलर के नाम से भी जाना जाता है यह कृषि यंत्र ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. की मदत से चलता है। रोटावेटर प्रथम जुताई का एक अच्छा एवं उपयोगी यंत्र है। इस यंत्र मे एल टाइप के ब्लेड लगे होते है जो की रोटरी के घूमने से मिट्टी को काटता है एवं खेत मे लगे खरपतवार एवं अवशेषों को छोटे-छोटे टुकङो मे काटकर जमीन मे दबा देता है। इस यंत्र का उपयोग सुखी एवं पानीयुक्त भूमि दोनों की जुताई करने मे किया जाता है।

Agricultural Rotavator
Agricultural Rotavator

यह कृषि यंत्र धान की खेत की तैयारी यानि की धान की रोपाई के लिए कडवा (puddling) तैयार करने के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है। यह पाँच से छः इंच गहराई तक मिट्टी की जुताई करने मे सक्षम है। इस यंत्र की कीमत इसकी लंबाई एवं ब्लेड की संख्या पर निर्भर करता है।

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ड्रम सीडर (drum seeder)

यह धान की बुआई करने का कृषि यंत्र है जो कि कदवा किए हुए खेत मे धान की बुआई करने के काम मे आता है। इस कृषि यंत्र से धान की सीधी बुवाई की जा सकती है. यह काफी सस्ती और आसान तकनीक वाली मशीन है। इसमे सीड ड्रम लगा होता है जिसमे की धान की बीजों को डाला जाता है सीड ड्रम मे निश्चित दूरी पर छिद्र बने होते है जिससे धान की बीज निश्चित दूरी पर गिरता है जिससे धान की बुआई होती है।

drum seeder
drum seeder

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मिनी पावर टिलर (Mini power tiller)

मिनी पावर टिलर पावर टिलर का ही एक छोटा रूप है। इससे हम खेती-किसानी से जूङे अनेक प्रकार के कार्य को कर सकते है। मिनी पावर टिलर मशीन से हम खेतों की जुताई, खेतों मे मेङ का निर्माण करना, सब्जी के खेतों मे मेङ के बीच मे से खरपतवार को नष्ट करना, बहुत कम वाली जगह पर भी आसानी से ले या ला जा सकते है। इस मशीन को पहाङी क्षेत्रों मे भी आसानी से खेती करने के लिए ले जा सकते है. ये मशीन वजन मे काफी हल्का होता है तथा इसकी कीमत भी काफी कम होती है। इन्ही सभी बातों को देखते हुए मिनी पावर टिलर की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह मशीन के अलग-अलग मॉडेल आते है जैसे – 3 HP, 5 HP, 7 HP आदि।

mini power tiller
Mini Power Tiller
मिनी पावर टिलर से लाभ (Mini Power Tiller se labh)
  1. वजन मे काफी हल्का होने के कारण इसे कही भी आसानी से ले जा सकते है।
  2. इसका कीमत भी काफी कम होता है जिससे छोटे या तो मध्यम वर्ग के किसान आसानी से खरीद सकते है।
  3. इस मशीन से हम अनेक प्रकार के काम ले सकते है जैसे – निराई-गुराई, खेतों की जुताई, खेतों मे मेङ का निर्माण करना, मेङ पर मिट्टी डालने आदि प्रकार के कार्य इस मशीन से ले सकते है।
  4. इस मशीन के अलग-अलग मॉडेल आते है जिसकी जैसी जरूरत हो वो उस अनुसार इस मशीन को ले सकता है।
  5. इसके साथ कुछ और टूल्स लगाकर इसे और उपयोगी बना सकते है।

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झटका मशीन (Jhatka machine)
Jhatka machine
Jhatka machine

झटका मशीन अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग आकार की बनाती हैं। यह झटका मशीन 12 वोल्ट की करंट उत्पन्न करती हैं। इन झटका मशीनों मे आमतौर पर दो तरह के तार लगे होते हैं जिसमे से एक अर्थ का तार होता है, तो दूसरा करंट का। इन तारों से कनेक्शन कर खेत के चारों ओर तार की फेंसिंग की जाती है और उसमें बैटरी के जरिए करंट दिया जाता है। खेत के चारों ओर तार की फेंसिंग होने से जैसे ही कोई जानवर या व्यक्ति मशीन से जुड़े तार से टच होता है, तो उसे झटका लगता है और वह खेत से दूर हो जाता हैं। साथ ही झटका मशीन मे सायरन की भी सुबिधा होती हैं जिससे तार की फेंसिंग मे कोई जानवर या व्यक्ति टच होता हैं तो ठीक वैसे ही मशीन मे सायरन बजना शुरू हो जाता हैं जिससे किसान को पता चल जाता हैं की फसल मे कोई घुसने की कोशिश किया हैं। यह झटका मशीन सामान्यतः बैटरी, डायरेक्ट बिजली एवं सोलर से भी चलता हैं।

तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी खेती मे इस्तेमाल होने वाले औजार एवं मशीन से जुङी जानकारी पहुँचाए।

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