देश कि किसानों की समस्याओ को देखते हुए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार समय-समय पर किसानों कि मदद पहुचने के लिए अनेक प्रकार कि योजनाओ की शुरुआत करती रहती है उन्ही योजनाओ मे से एक है. परंपरागत कृषि विकास योजना जिसका मुख्य उदेश्य आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना | हमारे देश में केमिकल आधारित खेती पर निर्भरता लगातार दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। अनाजों के साथ ही विभिन्न प्रकार की फल और सब्जियों की खेती में भी पेस्टिसाइड का भरपूर मात्रा मे प्रयोग किया जा रहा है. केमिकल आधारित खेती या रासायनिक खेती पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य में भी कई प्रकार के बीमारियों को दावत दे सकती है| इन्ही सभी परेशनियों को देखते हुए सरकार ने इस योजना को पेश किया है। इस योजना के तहत किसानों को ऑर्गेनिक खेती की जानकारी दी जाएगी। साथ ही सरकार किसानों की वित्तीय मदद भी करेगी।
परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है [ Paramparagat Krishi Vikas Yojana kya hai ]
सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत जैविक खेती (ऑर्गेनिक खेती) को बढ़ावा देने के लिए कि है. तथा इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से सरकार जैविक उत्पादों के सर्टिफिकेशन (प्रमाणीकरण) और मार्केटिंग को प्रोत्साहित करने की कार्य करती है।
रासायनिक खेती करने की वजह से दिन प्रति दिन मिट्टी की उपजाऊ क्षमता पर असर पड़ रहा है जो की पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य में भी कई प्रकार के बीमारियों को दावत दे रही है | परंपरागत कृषि विकास योजना वो योजना है जिसमें फसल उगाने के लिए रासायनिक फर्टिलाइजर, रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं करते हैं. बल्कि इसके जगह पर जैविक बायोफर्टिलाइजर, जैव कीटनाशक, नीम तेल, वर्मी कम्पोस्ट एवं पंच गव्य आदि के उपयोग करके फसल को उगाने का कार्य किया जाता है. जो की हमारे और हमारे वातावरण दोनों के लिए लाभदायक है. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है |
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परंपरागत कृषि विकास योजना उदेश्य {Paramparagat Krishi Vikas Yojana Purpose}
परंपरागत कृषि विकास योजना का मुख्य उदेश्य किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक करना और जो किसान जैविक खेती के प्रति अपनी रूचि दिखाएंगे उन्हें बाद में जैविक खेती करने की बारीकियां सिखाई जाएगी. साथ ही सरकार किसानों की जैविक खेती के लिए बीज, खाद और जैविक उर्वरक भी उपलब्ध कराएगी.
इस योजना के तहत तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है. सरकार इसमें किसानों को जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों और वर्मी कंपोस्ट आदि खरीदने के लिए देती है |
Paramparagat Krishi Vikas Yojana Highlights
योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना |
इनके द्वारा शुरू की गयी | केंद्र सरकार द्वारा |
लॉन्च कि तारीक | 2015 में |
योजना का उदेश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देना |
लाभार्थी | देश के किसान |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://pgsindia-ncof.gov.in/ |
परंपरागत कृषि विकास योजना के लाभ (Paramparagat Krishi Vikas Yojana labh)
- इस योजना के लाभ लेने से हमारे खेत की मिट्टी उपजाऊ क्षमता में वृध्दि हो जाती है. एवं सिंचाई अंतराल में वृध्दि होती है।
- इससे किसानों को रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है. उत्पादकता में वृध्दि होती है।
- मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है. जिससे बीमारियों में कमी आती है।
- किसानों को इस योजना के तहत तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है. सरकार इसमें किसानों को जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों और वर्मी कंपोस्ट आदि खरीदने के लिए देती है |
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तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है तथा इससे किसानों को क्या लाभ है इसकी पूरी जानकारी दि गई है | अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।
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