मिर्च नगदी फसलों मे से एक हैं मिर्च हमारे देश की मुख्य मसाला फसल हैं। इसकी खेती देश के लगभग सभी राज्यों मे की जाती हैं। हरी मिर्च से लेकर पकी लाल मिर्च का इस्तेमाल सब्जियों आदि बनाने मे किया जाता हैं। सब्जियों तथा अन्य व्यंजनों मे तिखापन के लिए मिर्च का ही इस्तेमाल किया जाता हैं। मिर्च मे विटामिन ए, सी एवं खनिज लवण भी पाया जाता हैं। सभी के घरों मे खाने बनाने मे मिर्च का इस्तेमाल प्रतिदिन किया जाता हैं चाहे वो दाल बनानी हो या सब्जी सभी मे मिर्च का इस्तेमाल होता ही हैं। हरी मिर्च, सुखी लाल मिर्च एवं मिर्च पाउडर का बाजार मे मांग पूरे साल होता हैं और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती हैं।
हमारे देश मे मिर्च की खेती (Chilli Varieties) व्यवसायिक तौर पर भी की जा रही हैं कई किसान ऐसे है जो मिर्च की व्यवसायिक खेती करके अच्छे मुनाफे कमा रहे हैं। इसकी खेती से कम लागत मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों ने मिर्च के कई ऐसे किस्में विकसित किए हैं जिनकी उपज क्षमता तो अच्छी हैं ही साथ यह किस्में कई रोगों एवं कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी हैं। मिर्च की खेती करने के लिए ऐसी किस्मों को काफी अच्छा माना जाता हैं जो उपज मे अच्छी और वो रोग प्रतिरोधी भी हो।
मिर्च की खेती करने से पहले मिर्च की किस्मों (Mirch ki kisme) के बारे मे जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि मिर्च की कई ऐसी किस्में है जिनकी अलग-अलग पैदावार और विशेषता होती है। मिर्च की उन्नत किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय अनुकूलता और बीजाई के समय को ध्यान में रखकर किसानों को करना चाहिए, ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ लिया जा सके। अगर किसान मिर्च की सही किस्मों का चुनाव करें तो उन्हें अच्छी पैदावार (High Yield Chilli ki veriety) के साथ अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है। नीचे के सारणी मे मिर्च की कुछ किस्मों के साथ उसकी पैदावार और विशेषता की जानकारी दी गई है तो आइये विस्तार से जानते है कि मिर्च की खेती के लिए कौन-कौन से किस्मे है और इन किस्मों की क्या खासियत है। (types of chillies)
Page Contents
मिर्च की किस्म (Mirch ki kism)
अर्का अबीर (Arka Abeer) |
पूसा ज्योति (Pusa Jyoti) |
के.टी 19 (K.T 19) |
पूसा क्रांति (Pusa Kranti) |
सिंदूर (Sindur) |
आन्ध्र ज्योति (Andhra Jyoti) |
कल्याणपुर येलो (Kalyanpur Yellow) |
ज्वालामुखी (Jwalamukhi) |
अर्का लोहित (Arka Lohit) |
पूरी रेड (Puri red) |
पूसा सदाबहार (Pusa Sadabhar) |
अग्नि (Agni) |
पूसा ज्वाला (Pusa Jwala) |
MDU 1 |
भाग्य लक्ष्मी (bhagya lakshmi) |
अपर्णा (Aparna) |
पंजाब लाल (Punjab Lal) |
मथानिया लोंग (Mathaniya Long) |
भास्कर (Bhaskar) |
कल्याणपुर टाइप 1 (Kalyanpur Type 1) |
जवाहर मिर्च (Jawahar Mirch) |
पटना सूर्या (Patna Surya) |
अर्का मेघना (Arka Meghna) |
पंत सी 1 (Pant C 1) |
एन पी 46 ए (N.P 46 A) |
एलीफेंट ट्रंक (elephant trunk) |
जी 3 (G 3) |
जी 5 (G 5) |
हंगेरियन वैक्स (Hungarian Wax) |
पंत सी 2 (Pant C 2) |
जवाहर 218 (Jawahar 218) |
काशी अर्ली (Kashi Early) |
आर सी एच 1 (R.C.H 1) |
कल्याणपुर चमन (Kalyanpur Chaman) |
एल ए सी 206 (L.A.C 206) |
तेजस्विनी (Tejaswini) |
एस.सी.ए 235 (S.C.A 235) |
अर्का हरित (Arka Hrit) |
पंजाब सुर्खा (Punjab Surkha) |
अर्का मोहिनी (Arka Mohini) |
सूर्य रेखा (Surya Rekha) |
अर्का बसंत (Arka Basant) |
काशी अनमोल (Kashi Anmol) |
अर्का गौरव (Arka Gaurav) |
फुले ज्योति (Phule Jyoti) |
इंदिरा (Indira) |
काशी गौरव (Kashi Gaurav) |
काशी तेज (Kashi Tej) |
काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) |
मुसालवादी सिलेक्शन (Musalwadi Selection) |
हिसार शक्ति (Hisar Shakti) |
अग्नि रेखा (Agni Rekha) |
फुले सूर्यमुखी (Phule surymukhi) |
फुले मुक्ता (Phule Mukta) |
फुले साई (Phule Sai) | काशी रतना (Kashi Ratna) |
काशी अभा (Kashi Abha) |
काशी सिंदूरी (Kashi Sindoori) |
काशी सुर्खा (Kashi Surkha) |
कल्याणपुर चमत्कार (Kalyanpur Chamtkar) |
chilli varieties in india
मिर्च की किस्मों की विशेषताएं और पैदावार (Characteristics and yield of chilli varieties)
अर्का मेघना (Arka Meghna)
➢ इस मिर्च के किस्म (Mirch ke kism) के पौधे लंबे एवं फैलने वाले होते हैं इसके फल गहरे हरे रंग के होते हैं इस किस्म की पकने की अवधि 150 से 160 दिनों का होता हैं। इस किस्म की हरी मिर्च की औसत उपज 33 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सुखी मिर्च की उपज होती हैं। यह किस्म चूर्णिल आसिता एवं वायरस के प्रति सहनशील हैं।
पंजाब लाल (Punjab Lal)
➢ इस किस्म के पौधे बौने होते हैं एवं इसका फल मध्यम आकार के एवं पकने पर लाल हो जाते हैं। इस किस्म की पकने की अवधि 120 से 180 दिनों की होती हैं। इस किस्म की हरी मिर्च की औसत उपज 100 से 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं 9 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सुखी मिर्च की उपज होती हैं।
पंत सी 1 (Pant C 1)
➢ इस किस्म के पौध छोटे आकार के होते हैं जब इस किस्म के फल पक जाते हैं तो फल लाल रंग मे परिवर्तित हो जाते हैं। इस किस्म की पकने की अवधि 90 से 130 दिन का होता हैं। इस किस्म की हरी मिर्च की औसत उपज 100 से 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं 9 से 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सुखी मिर्च की उपज होती हैं। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के प्रति सहनशील होती हैं।
पूसा सदाबहार (Pusa Sadabhar)
➢ इस किस्म के पौध की पत्तियां चौङी तथा फल लंबे होते हैं यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के प्रति प्रतिरोधी हैं। इस किस्म की पकने की अवधि 150 से 170 दिन की हैं। इस किस्म की हरी मिर्च की औसत उपज 110 से 125 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सुखी मिर्च की उपज होती हैं।
पूसा ज्वाला (Pusa Jwala)
➢ इस किस्म की पौधे की लंबाई ज्यादा नही होता हैं इसके फल हरे रंग के होते हैं जो पकने के बाद लाल रंग मे परिवर्तित हो जाते हैं। इस किस्म की पकने की अवधि 130 से 150 दिन की हैं। इस किस्म की हरी मिर्च की औसत उपज 75 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं एवं 7 से 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सुखी मिर्च की उपज होती हैं।
अर्का हरिता (Arka Hrita)
➢ इस किस्म के फल पतले लंबे एवं हरे रंग के होते हैं इस किस्म मे पौधा रोपण के 55 दिनों के बाद हरे फलों की पहली तुङाई की जा सकती हैं। इस किस्म की हरे फलों की उपज लगभग 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी तेज (Kashi Tej)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। यह मिर्च की जल्दी पकने वाली हाइब्रिड किस्म हैं इस किस्म मे पौधा रोपण के 35 से 40 दिनों के बाद हरे फलों की पहली तुङाई की जा सकती हैं। इस किस्म की बीज दर 300 से 400 ग्राम प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी रतना (Kashi Ratna)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। काशी रतना मिर्च की जल्दी पकने वाली किस्म हैं इस किस्म की हरे फलों की उपज लगभग 20 से 22 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म की बीज दर 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी अभा (Kashi Abha)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म के फल छोटे कद के होते हैं। इस किस्म की हरे फलों की उपज लगभग 15 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म की बीज दर 450 ग्राम प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी सिंदूरी (Kashi Sindoori)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म के पौधे फैलने वाले होते हैं। इस किस्म की लाल पके फलों की उपज लगभग 14 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म की बीज दर 450 ग्राम प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी गौरव (Kashi Gaurav)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म के पौधे झाङीदार होते हैं। इस किस्म की लाल पके फलों की उपज लगभग 15 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म की बीज दर 450 ग्राम प्रति हेक्टेयर की हैं। इसके फल गहरे हरे रंग के होते हैं और पकने के बाद गहरे लाल रंग के हो जाते हैं।
काशी सुर्खा (Kashi Surkha)
➢ यह मिर्च की किस्म (Mirch ke kism) भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म के फल हल्के हरे रंग के होते हैं। इस किस्म की लाल पके फलों की उपज लगभग 14 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। एवं हरे फल की उपज 24 टन प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म के फलों की लंबाई 11 से 12 सेंटीमीटर की होती हैं। यह लाल तथा हरे फल उत्पादन के लिए उपयुक्त किस्म हैं।
काशी अनमोल (Kashi Anmol)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म की पहली तुङाई 55 दिन बाद शुरू हो जाती हैं। हरे फल की उपज 25 टन प्रति हेक्टेयर की हैं।
काशी अर्ली (Kashi Early)
➢ यह मिर्च की किस्म भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकशीत की गई हैं। इस किस्म के पौधे लंबे होते हैं। इसके हरे फलों की पहली तुङाई लगभग 45 दिनों के बाद शुरू होती हैं। इसके फल गहरे हरे रंग के होते हैं और पकने पर चमकीले लाल रंग के हो जाते हैं।
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