Friday, April 26, 2024

Aam ki variety : जानिए 15+ लोकप्रिय भारतीय आमों की किस्मों की जानकारी एवं इसे पहचाने की तरीके – Famous Indian Mangoes Variety

फलों के राजा कहे जाने वाले आम की कई तरह की प्रजातियाँ है जैसे कि दशहरी, लंगरा, चौसा, हापुस, अमरपाली, तोतापुरी, बादामी आदि और हर प्रजाति की अलग अलग खसियत है। जैसे कि आम की चौसा वैरायटी बहुत मीठा होने के लिए जाना जाता है वहीं बात करें तोतापुरी की तो इसके नाम से ही जैसा की पता चलता है की इसका नाम तोता पक्षी से लिया गया है क्योंकि यह आम की वैरायटी (Aam ki variety) तोते की चोंच सा दिखता है. इसलिए ही इसे तोतापुरी नाम दिया गया है।

आज के इस आर्टिकल मे आम की वैरायटी के बारे मे ही बताया गया है तथा इसके साथ ही इन आमों की क्या खास बात है इसके बारे मे भी बताया गया है। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आमों की वैरायटी को पहचाने मे मदद मिलेगी। 


आम की किस्में (Mango varieties)

Types of Mango in hindi/variety of mango in hindi

S.N आम की किस्में (Mango Name in hindi)
1. Deshehari (देशहरी)
2. Langra (लँगरा)
3. Alphonso (अलफोनसों)
4. Totapuri (तोतापुरी)
5. Neelam (नीलम)
6. Malgoa (मलगोआ)
7. Gulab khas (गुलाब खास)
8. Chausa (चौसा)
9. Amrapali (आम्रपाली)
10. Banganapalli (बैगनपल्ली)
11. Mallika (मालिका)
12. Pusa Lalima (पूसा लालिमा)
13. Sindhu (सिंधु)
14.
Ratnagiri (रत्नागिरि)
15.
Himsagar (हिमसागर )
16.
 Badami Aam (बादामी आम)
17.
 Malda (मालदा)
18.
Kesar (केसर)
19.
Zardalu (जरदालू)
20.
Bombay Green (बाम्बे ग्रीन)
21.
Sukul (सुकुल)

Famous Indian Mangoes Variety
Famous Indian Mangoes Variety

Deshehari (देशहरी)

इस आम की प्रजाति को भारत की उत्तरी भागों में ज्यादातर उगाया जाता है। यह किस्म उत्तर प्रदेश की दशहरी गांव में मातृवृक्ष होने के कारण इस किस्म को दशहरी नाम से जाना जाता है। इस आम की स्वाद की बात करे तो इसकी स्वाद मीठा होता है।


Langra (लँगरा)

इस आम की प्रजाति को भारत की उत्तर प्रदेश क्षेत्र बनारस और बिहार क्षेत्र के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सबौर, दीघा आदि में उगाई जाती है इसके फलों का स्वाद मीठा होता है। जिससे यह अत्यन्त स्वादिष्ट किस्म की आम मानी जाती है। इस आम की खास बात ये है की इसकी फलों का छिलका बहुत पतला होता है और साथ ही फलों में गूदे की मात्रा अधिक तथा गुठली पतली होती है जिसके कारण इसे बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है।


Alphonso (अलफोनसों)

इस आम की प्रजाति को देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नाम से जानी जाती है जैसे- बादामी, गुन्डू, खादर, हापुस और कागदी हापुस महाराष्ट्र क्षेत्र की यह मुख्य व्यावसायिक किस्म का आम है। इसके फल स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है। इसे काफी दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसलिए इसका निर्यात अधिक किया जाता है इस आम की किस्म का अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। 

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Totapuri (तोतापुरी)

तोतापुरी की तो इसके नाम से ही जैसा की पता चलता है की इसका नाम तोता पक्षी से लिया गया है क्योंकि यह आम की वैरायटी तोते की चोंच सा दिखता है. इसलिए ही इसे तोतापुरी नाम दिया गया है। इसके फल का आकार साधारण लम्बा एवं आधार गले के आकार का होता है। इसके फल स्वाद के मामले में उतना अच्छा नहीं होता है क्योंकि यह ज्यादा मीठा नहीं होता है। इसलिए इसका ज्यादातर उपयोग सलाद और अचार बनाने मे किया जाता है। 


Neelam (नीलम)

इस आम की किस्म से कई संकर किस्म के आम को तैयार करने में उपयोग किया गया है आम्रपाली और मल्लिका किस्में इसी के संकर से तैयार की गई हैं। ये किस्म देश के हर हिस्से में उगाई जाती है। ये किस्म ज्यादातर तमिलनाडु क्षेत्र की यह प्रमुख किस्म है।


Malgoa (मलगोआ)

इस आम की प्रजाति को दक्षिण भारत मे व्यावसायिक तौर पर इस आम की किस्म को लगाया जाता है। इसका फल देखने में बड़ा, गोलाकार तथा उठा हुआ होता है इसके फल कि गूदा पीला तथा स्वाद अत्यन्त अच्छा होता है। इसके फल को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। ये आम की किस्म ज्यादातर मई और जून मे बाजारों मे उपस्थित होता है।

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Chausa (चौसा)

इस आम की प्रजाति को इसके फल के मीठे होने के लिए जाना जाता है ये आम की किस्म लोकप्रिये आमों की किस्मों मे से एक है। जो की स्वाद और मीठेपन की वजह से इसकी मार्केट मे काफी मांग होती है। यह आम की किस्म आमतौर पर गर्मी मौसम के अंत मे और बारिश के प्रारंभ में बाजार मे उपलब्ध होता है।


Mangoes Variety
Mangoes Variety

Amrapali (आम्रपाली)

यह आम की किस्म दशहरी और नीलम के क्रॉस से बनी संकर प्रजाति है। जो की लाल सुर्ख रंग और हल्के खट्टे-मीठे स्वाद के कारण जाना जाता है। इस आम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विटामिन की मात्रा अन्य आमों की तुलना में ज्यादा पाई जाती है। इस आम की एक और खास बात ये है कि अन्य आमों की तुलना इस आम की प्रजाति को ज्यादा जगह ही जरूरत नहीं होती है। इसे ग्रह वाटिका यानि की kitchin garden मे भी आसानी से उगाया जा सकता है।  इस आम की किस्म को एक हेक्टेयर करीब 1600 पौधे उगाए जा सकते हैं।


Banganapalli (बैगनपल्ली)

इस आम की किस्म को ज्यादातर आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु के क्षेत्रों मे ज्यादातर उगाया जाता है। इस आम की फल की बात करें तो इसकी फल की आकार लम्बा-तिरछा तथा अन्डाकार होता है। फल का रंग सुनहरा-पीला होता है और इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। यह मध्य मौसम में पकने वाली आम की किस्म है। 

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Mallika (मालिका)

यह आम की किस्म नीलम और दशहरी के क्रॉस से बनी संकर किस्म की प्रजाति है। इसका फल नारंगी पीले रंग का होता है। जिसमें गहरे नारंगी रंग का गूदा और एक बहुत पतली गुठली होती है। गुठली के पतले होने और इसकी फल का स्वाद के अच्छे होने के कारण इस आम की मांग बाजारों मे काफी देखने को मिलता है।


Pusa Lalima (पूसा लालिमा)

यह आम की किस्म दशहरी और सेंसेशन (Sensation) के क्रॉस से बनी संकर किस्म की प्रजाति है। इसका फल लाल रंग के बहुत ही आकर्षक होते है जून के महीने मे इसका फल पकना प्रारंभ हो जाता है। इसे नियमित फलन और शीघ्र पकने वाली किस्म के कारण भी जाना जाता है।


Himsagar (हिमसागर)

इस आम की किस्म ज्यादातर पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में पाया जाता है। यह आम के फल दिखने मे हरा होता है. लेकिन स्वाद में लाजवाब होता है। इसकी फल मध्यम आकार की होती है। और इसकी वजन 250-350 ग्राम के बीच होता है और इसमें मलाईदार गुदा होता है जो डेसर्ट और शेक बनाने के लिए अच्छा माना जाता है। ये बाहर से भले ही हरे रंग का होता है लेकिन इसके गूदे पीले रंग के होते हैं।


Kesar (केसर)

इस आम को ज़्यादातार गुजरात के क्षेत्रों मे उगाया जाता है गुजरात में इस आम की किस्म का व्यावसायिक खेती होती है। इस आम की फल की बात करें तो इसकी फल की दोनों ऊपरी छोरों पर लाल रंग होता है और फल का आकार लम्बा होता है। इस आम के किस्म को रंग और स्वाद के कारण ज्यादा प्रसंद किया जाता है। इसका उपयोग डेसर्ट, शेक और अन्य आकर्षक चीज़ें बनाने मे किया जाता है। 


Zardalu (जरदालू)

इस किस्म की आमों की ज्यादातर उत्पादन उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और बिहार मे किया जाता है बिहार के सभी ज़िलों में इस आम का उत्पादन होता है। यह बाजार में सबसे पहले उपलब्ध होने वाली किस्मों में से एक है। इसकी खेती बिहार के भागलपुर जिले में बहुतायत में होती है। इसके फल के पकने के बाद यह उत्तम मिठास और विशिष्ट सुगंध युक्त हो जाता है। इसका भंडारण गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है एवं फल की तुड़ाई के बाद इसे चार-पांच दिनों तक सामान्य तापमान पर भंडारित किया जा सकता है। यह निर्यात के लिए उत्तम किस्म है।


Bombay Green (बाम्बे ग्रीन)

बाम्बे ग्रीन आम की प्रजाति को उत्तर भारत में खास तौर से बिहार या आस-पास के क्षेत्र में अधिक लगाया जाता है। यह आम अगेती किस्म की है। इसका फल का रंग हरा तथा आकार अन्डाकार होता है। इसका फल मध्यम आकार व अच्छे स्वाद वाला अधिक मीठा होता है।


Sukul (सुकुल)

यह आम की किस्म ज्यादातर बिहार के क्षेत्र मे उगाया जाता है इसकी फल का आकार बङा होता है तथा इसकी फलों मे अधिक रेशा पाया जाता है इस आम का ज्यादातर उपयोग आचार बनाने के लिए किया जाता है। 

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तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको भारतीय आम की किस्में से जुड़ी जानकारी पसंद आयी होगी इस पोस्ट मे भारतीय आम की किस्में के बारे मे बताया गया है तथा कौन से आम की क्या खासियत है इसके बारे मे भी जानकारी दि गई है। अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई भीं सवाल हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी भारतीय आम की किस्में के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

धन्यबाद

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