Wednesday, April 24, 2024

Gulab Ki Kheti : होगा बंपर मुनाफा, गुलाब की खेती से : Rose Farming in hindi

गुलाब (Gulab) लोकप्रिये फूलों मे से एक हैं यह सभी फूलों मे एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। यह फूल अपनी सुंदरता, आकार, रूप, रंग, मनमोहक सुगंध एवं औषधिये गुणों के कारण इस फूल को काफी महत्व दिया जाता हैं। गुलाब फूल का इस्तेमाल आज सजावट, सुंदरता, गुलदस्ते, हार बनाने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इसका इस्तेमाल मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे कि गुलाब तेल, गुलाब जल, गुलकंद, गुलाब शरबत एवं इत्र बनाने मे भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा हैं। गुलाब को फूलों का राजा भी कहा जाता हैं। 

गुलाब के फूल एवं इससे निर्मित उत्पाद की स्थानिये बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार मे भी अच्छी मांग होती हैं जिसके कारण इसकी खेती करना काफी मुनाफे का सौदा हो सकता हैं। हमारे देश के कई किसान ऐसे भी हैं जो गुलाब की व्यवसायिक खेती करके इससे अच्छे-खासे मुनाफा कमा रहे हैं। गुलाब की खेती (Rose Farming) करने का सबसे अच्छा फायदा यह हैं कि इसकी पौधों की एक बार रोपाई करने के बाद अगले 10 सालों तक इससे उत्पादन मिलता रहता हैं। जो की किसानों को काफी ज्यादा पसंद आता हैं। सभी फूलों के तरह ही गुलाब का फूल भी बहुत जल्दी खराब होता हैं इसलिए गुलाब के फूलों के खराब होने से पहले इसका अगर मूल्य संवर्धन (value addition) कर दिया जाए यानि कि इससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना लिया जाए तो किसानों को इन उत्पादों से अच्छा मूल्य मिल सकता हैं।

हमारे देश मे गुलाब की खेती मुख्यतः गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्रप्रदेश आदि राज्यों मे की जाती हैं। गुलाब की वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर किसानों को धान एवं दलहनी फसलों की तुलना मे इससे कई गुना अधिक आमदनी होता हैं। हाल के दिनों मे गुलाब की खेती (Gulab Phool Ki Kheti) करने वाले किसानों की संख्या मे बढ़ोत्तरी हुई हैं जिसका मुख्य कारण हैं गुलाब की खेती मे लागत का कम लगना एवं मुनाफा का अधिक होना। अधिक मुनाफा होने के कारण ही देश भर मे गुलाब की खेती पर अधिक ध्यान दिया जा रहा हैं। जिससे की हमारे देश मे लघु और सीमांत किसान भी इसकी खेती कर अधिक से अधिक आमदनी कर अपनी आर्थिक स्थिति मे सुधार ला रहे हैं।

Gulab Ki Kheti
Flower farming

गुलाब की फूल की खेती कैसे करें (Gulab Phool Ki Kheti Kaise karen)

गुलाब की फूलों की खेती करने वाले किसानों को ये जानकारी होना चाहिए कि कब बुआई करनी हैं, खेत कैसें तैयार करना, सिंचाई कितनी करनी, उर्वरक की कितनी मात्रा देना हैं, कौन-कौन से रोग लगते हैं इससे बचाव के क्या उपाय हैं आदि के बारे मे पहले से ही जानकारी होना चाहिए। तभी गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) से अच्छी आमदनी की जा सकती हैं तो आइये जानते हैं गुलाब फूल की खेती (Phool ki kheti) के बारे मे।

भूमि (land)

गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) विभिन्न प्रकार की मिट्टियों मे की जा सकती हैं बलुई दोमट मिट्टी जिसमे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भरपूर हो इसकी खेत के लिए अच्छी मानी जाती हैं मिट्टी का पी.एच. मान 5.5 -7.0 के बीच मे होना चाहिए। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाला भूमि काफी अच्छा होता है।

मिट्टी की तैयारी (Soil preparation)

गुलाब की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी अच्छे से करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं। किसान खेत की तैयारी करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल यानि एमo बीo प्लाऊ से कर सकते हैं तथा 2-3 जुताई देशी हल से करके मिट्टी को भुरभुरा बनाकर खेत को समतल कर ले। इसके बाद क्यारी बनाना शुरू करें। अच्छी तरह से जुताई की गई भुरभुरी मिट्टी मे जमीन की सतह से 30 सेंटीमीटर उठी 1 मीटर चौङी एवं सुबिधा के अनुसार लंबी क्यारियाँ बनानी चाहिए। दो क्यारियों की बीच मे 40 से 45 सेंटीमीटर का रास्ता रखना चाहिए।

गुलाब के प्रचलित एवं उन्नत किस्में (Popular and improved varieties of roses)

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित गुलाब की किस्में

  • पूसा मोहित
  • पूसा अभिषेक
  • पूसा मनहर
  • पूसा मुस्‍कान
  • पूसा उर्मिल
  • पूसा रंजना
  • पूसा मोहित
  • पूसा अर्जुन
  • पूसा अजय
  • पूसा कोमल
  • पूसा शताब्‍दी

अन्य गुलाब की किस्में

फर्स्ट रेड, गुलजार, मिलिंद, मृणालिनी, रक्त्गंधा, सोमा, सुरभी, नूरजहाँ, लम्बाडा, अंबेससड़ोर (Ambassidor), क्रीम प्रोफाइट, नोबलेसी साशा, पैपिलॉन, ग्रैंड गाला, स्काईलाइन पोलो, कंफ़ेद्दी रवेल लवली, गोल्डेन टाइम्स, रेड ओसियाना, गोल्डन गेट, ट्यूनिके आदि

Gulab Ki Kheti
Flower farming
गुलाब की फूल की पौध की रोपाई एवं दूरी (Planting and spacing of rose flower seedlings)
मैदानी क्षेत्रों मे गुलाब का रोपण का समय अक्टूबर से नवम्बर तथा फरवरी से मार्च को अच्छा समय माना जाता हैं। वहीं पहाङी क्षेत्रों मे गुलाब का रोपण का समय सितंबर से अक्टूबर एवं मार्च को अच्छा माना जाता हैं। पॉलीहाउस मे गुलाब की रोपाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 50 सेंटीमीटर तथा पौधों से पौधों की बीच की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर रखते हैं। क्यारी मे गुलाब को 20 से 25 सेंटीमीटर के फासला पर दोनों पंक्तियों मे पौध रोपण करते हैं। पौध रोपण के 10 से 12 दिनों के बाद गुलाब मे नई वृद्धि शुरू हो जाती हैं।
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गुलाब की पौध की सिंचाई (Rose plant irrigation)

फूल उत्पादन के लिए भूमि मे उचित मात्रा मे नमी की उपलब्धता होना आवश्यक होता हैं भूमि मे नमी बनी रहे इसके लिए समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए। सामान्यतः 7 से 10 दिनों के अंतराल पर आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। शुष्क मौसम मे सिंचाई पर विशेष ध्यान दे। फसलों को सिंचाई की आवश्यकता पङने पर ही फसलों को आवश्यकतानुसार सिचाई करें। क्यारियों मे पानी का जमाव न हो इसके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। बरसात मे अत्याधिक पानी के निकासी के लिए जल निकास नाली पहले से तैयार रखनी चाहिए।

Agriculture in hindi

गुलाब की खेती मे खरपतवार नियंत्रण (Weed control in rose cultivation)

गुलाब की पौध की रोपाई हो जाने के बाद खेत मे खरपतवार हो जाते हैं खरपतवार नियंत्रण करने के लिए पौध की रोपाई के बाद खेत से खरपतवार को निकालते रहना चाहिए। अच्छे फूलों के उत्पादन के लिए कम से कम एक या दो निराई-गुङाई करनी चाहिए। गुङाई करने से मिट्टी भुरभुरी बनी रहती हैं जिससे पौधों की जङो की अच्छी वृद्धि एवं विकास होता हैं। पॉलीहाउस मे गुलाब की खेती करने पर खरपतवार की बहुत कम समस्या आती हैं।

गुलाब की पौधों की कटाई-छटाई (Pruning roses)

गुलाब के पौधों से फूलों का अच्छा उत्पादन पाने के लिए कटाई-छटाई का कार्य करना काफी आवश्यक माना जाता हैं। इसमे पौधों के पुरानी टहनियों को काटा जाता हैं जिससे नई शाखाएँ फूल धारण कर सके। इसके बाद पौधों की सुखी टहनियों, रोगग्रस्त, कमजोर एवं अंदर घुसी हुई शखाओं उसके तने से निकाल दिया जाता हैं।

गुलाब की फूल की तोङाई (Plucking of roses)

जब फूल पूर्ण रूप से खिल जाता हैं तो फूल की तुङाई करनी चाहिये। फूल को सुबह या शाम मे तोङना चाहिए जिससे सूर्य के तेज किरणें फूल पर न पङे। फूल के तुङाई होने के बाद फूल को छायादार स्थान पर रखना चाहिए। कट फ्लवार के रूप मे इस्तेमाल करने के लिए फूलों को टहनी के साथ काटना चाहिए।

Gulab Ki Kheti
Gulab Ki Kheti
गुलाब की फूल की 1 हेक्टेयर मे उपज (Rose flower yield in 1 hectare)

गुलाब की उपज गुलाब की किस्म, खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति, एवं इसकी कैसी देखभाल की गई है इस पर भी निर्भर करता है वैसे आमतौर पर करीब 2.5 से 5.0 लाख पुष्प डंठल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होता हैं। इसकी उपज पूरी तरह से इसकी किस्म पर निर्भर करती है। पॉलीहाउस मे कट फ्लावर हेतु उत्पादन करने के लिए हाइब्रिड ‘टि’ वर्ग की प्रजातियाँ मे 140 से 220 तथा फ्लोरिबंडा वर्ग की प्रजातियों मे 220 से 350 डंडियाँ प्रतिवर्ग मे उत्पादित होती हैं।

farming in hindi

गुलाब की खेती से बंपर मुनाफा (Bumper profit from rose cultivation)

प्राचीन काल से ही गुलाब को इसकी सुंदरता, आकार, रूप, औषधिए गुण एवं सुगंध के कारण फूलों का राजा माना गया हैं गुलाब का इस्तेमाल सजावट के अलावे गुलाब जल, गुलाब तेल, गुलकंद, गुल रोगन, गुलाब शरबत एवं इत्र आदि को भी बनाने मे इस्तेमाल किया जाता हैं। हमारे देश की जलवायु गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) के लिए अनुकूल हैं फिर भी इसकी खेती बङे पैमाने पर नहीं किया जाता हैं। अगर इसकी खेती बङे पैमाने पर किया जाए तो इसकी खेती से बंपर कमाई किया जा सकता हैं।

अगर किसान गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) व्यवसायिक तौर पर करें तो गुलाब के फूल बेचकर आमदनी तो होगा ही साथ ही गुलाब से बने विभिन्न उत्पादों से आमदनी कमा सकते हैं। गुलाब से इसके उत्पाद को बनाने मे ज्यादा बङे मशीनों आदि की आवश्यकता नहीं होती हैं जिसके कारण इसके उत्पादों को घर की महिलायें भी घर बैठे इन उत्पादों को तैयार कर बाजार मे बेच कर अच्छा आमदनी कर सकती हैं।

Rose Farming
Rose Farming

हमारे देश द्वारा गुलाब तेल अमेरिका, रूस, बुल्गारिया, तुर्की जैस देशों से आयात किया जाता हैं अगर हमारे देश मे बङे पैमाने पर गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) की जाए और इससे बनने वाले उत्पाद जैसे कि गुलाब जल, गुलाब तेल एवं इत्र आदि को गुलाब से प्रसंस्करण कर बनाया जाए तो आयात पर खर्च होने वाली पैसे को बचाया जा सकता हैं। साथ ही गुलाब का प्रसंस्करण कर किसान इससे बनने वाले मूल्यवर्धित उत्पादों की बिक्री कर अपने आय मे वृद्धि कर सकते हैं। गुलाब के फूल और तेल की बाजार में भारी मांग बनी रहती है ऐसे में किसान गुलाब फूल की खेती से लागत से कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं।

Important

फूलों की खेती से जुड़े प्रशिक्षण भी समय-समय पर चलाया जाता हैं जिसमे किसान भाग लेकर फूलों की खेती कैसें करनी हैं इसकी बारीकियों को सिख सकते हैं। वैसे तो आज के इस आधुनिक युग मे लगभग हर किसी के हाथ मे स्मार्टफोन हैं जिसमे इंटरनेट होता ही हैं इंटरनेट के माध्यम से आजकल बहुत सारी जानकारी लिया जा सकता हैं। फिर भी फूलों की खेती (Flower farming) शुरू करने से पहले किसान को कृषि वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों या अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से जरूर संपर्क करना चाहिये।

  • गुलाब के पौधों को यहाँ से खरीदा जा सकता हैं – Click here 
गुलाब की खेती से संबंधित पूछे गए प्रश्न (FAQs)
Q. गुलाब का एक फूल कितने रुपये मे मिलता हैं?
समान्यतः गुलाब का एक फूल 10 से 20 रुपये मे मिलता हैं। 
Q. क्या गुलाब के पौधे को गमले मे उगाया जा सकता हैं?
जी, हाँ

तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

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