Friday, April 26, 2024

Tamatar ki kheti : कैसें करें टमाटर की खेती, जानिए टमाटर की खेती की A to Z जानकारी। Tomato Farming in hindi

टमाटर की खेती (Tomato Farming) जहां बङे पैमाने पर की जाती हैं वहीं इसे घर के किचन गार्डनिंग, गमले, बैकयार्ड फार्मिंग आदि मे भी खूब उगाया जाता हैं। इसका उपयोग कम या ज्यादा मात्रा मे लगभग सभी प्रकार की सब्जियों को बनाने मे किया जाता हैं जिसकी वजह से इसकी मांग बाजारों मे पूरे साल भर होती हैं टमाटर की बाजारों मे पूरे साल मांग होने से एवं अच्छी कीमत मिलने से इसकी खेती पूरे वर्ष पॉलीहाउस आदि मे की जाती हैं। पूरे साल इसकी खेती होने से बाजारों मे पूरे साल टमाटर उपलब्द होता हैं।

टमाटर एक महत्वपूर्ण फसल है जिसे काफी प्रसंद किया जाता है. यह हमारे देश मे उगाई जाने वाली सब्जी फसल है जिसे हमारे देश के लगभग सभी राज्यों मे उगाया जाता हैं। टमाटर मे कैल्शियम, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा एवं अम्ल प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। टमाटर विटामिन A, B और C का अच्छा स्त्रोत है टमाटर का उपयोग सब्जी, सूप, सलाद, सॉस, कैचअप एवं इसके आलवा इसका उपयोग व्यवसायिक तौर पर किया जाता है। टमाटर की खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतर जरिया है, क्योंकि टमाटर की खेती एक व्यवसाय के रूप में अपना स्थान रखती है। टमाटर का लाल रंग लाइकोपिन के कारण होता है एवं टमाटर का पीला रंग कैरोटीन के कारण होता है।

Tomato Farming
Tomato

हमारे देश के प्रमुख्य टमाटर उत्पादक राज्य बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, उङीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल हैं। इन सभी राज्यों मे टमाटर की बङे स्तर पर खेती की जाती हैं कई किसान ऐसे भी हैं जो पूरे साल भर टमाटर की व्यवसायिक खेती करके इससे बङा मुनाफा कमाते हैं। अगर किसान 1 हेक्टेयर मे टमाटर की खेती करते हैं तो लगभग 50 से 80 टन तक टमाटर का उत्पादन होता हैं अगर बाजार मे इसका अच्छा कीमत मिल गया तो इससे काफी अच्छी आमदनी होती हैं। वैसे तो टमाटर की खेती करना आसान हैं अगर किसानों को मौसम आदि का साथ मिले तो। इसकी खेती करने के दौरान अगर किसान कुछ चीजों का ध्यान रखे तो इसकी खेती मे सफलता पाई जा सकती हैं तो आइये अब जानते हैं टमाटर की खेती से जुङी जानकारी।

टमाटर की खेती कैसें करें (Tamatar ki kheti kaise karen)

टमाटर की किस्म (Tamatar ki kisam)

Pusa Rohini (पूसा रोहिणी) Kashi Amul (काशी अमूल)
Pusa Sadabahar (पूसा सदाबहार) Kashi Adarsh (काशी आदर्श)
Pusa Hybrid 8 (पूसा हाइब्रिड 8) Kashi Aman (काशी अमन)
Pusa Hybrid 4 (पूसा हाइब्रिड 4) Kashi Abhiman (काशी अभिमन)
Pusa Uphar (पूसा उपहार) Kashi Anupam (काशी अनुपम)
Arka Vishesh (H-391) (अर्का विशेष) Kashi Vishesh (काशी विशेष)
Arka Apeksha (अर्का अपेक्षा) Kashi Hemant (काशी हेमंत)
Arka Abhed (अर्का अभेद) Kashi Amrit (काशी अमृत)
Arka Rakshak (अर्का रक्षक) Dhanshree (धनश्री)
Arka Samrat (अर्का सम्राट) Bhagyashree (भाग्यश्री)
Arka Ananya  (अर्का अनन्या) Rajashree (राजश्री)
Arka Meghali (अर्का मेघाली) Phule Raja (फुले राजा)
Arka Alok (अर्का अलोक) Phule Kesari (फुले केसरी)
Arka Abha (अर्का अभा) Phule Jayshree (फुले जयश्री)
Arka Vikas (अर्का विकास) Hisar Arun (हिसार अरुण)
Arka Saurabh (अर्का सौरभ) Hisar Lalima (हिसार लालिमा)
HS-101 Hisar Lalit (हिसार ललित)
HS-102 Hisar Anmol (हिसार अनमोल)
HS-110 Punjab Chhuhara
CO-1 Paiyur-1
CO-2 Sonali (सोनाली)

टमाटर की हाइब्रिड किस्म (Tamatar ki hybrid kisam)

Arka Vishal Pusa Hybrid -4
Arka Vardan Pusa Hybrid -8
Arka Shreshta Rajashree
Arka Samrat COTH-1
Arka Rakshak COTH-2
Arka Ananya COTH-3
Arka Abhijit Pant Hybrid-1
Pusa Divya Pant Hybrid-2
Pusa Hybrid -1 TH-2312
Pusa Hybrid -2 TH-802

ऊपर के सारणी मे कुछ टमाटर के किस्मों का नाम दिया गया है।

टमाटर की खेती के लिए मिट्टी एवं जलवायु (Soil and climate for tomato cultivation)

वैसे तो टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) सभी प्रकार की मिट्टियों मे की जा सकती हैं लेकिन इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी जिसमे जल जमाव न हो इसकी खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं। यानि कि किसान जिस खेत मे टमाटर की खेती कर रहे हैं उसमे जल जमाव न हो इसके लिए किसानों को पहले से ही इसका उपाय कर लेना चाहिए। इसकी खेती के लिए खेत की मिट्टी का पी0 एच0 मान 6.0 से 7.0 हो तो ऐसी भूमि टमाटर कि खेती के लिए अच्छी होती है।
जलवायु टमाटर की खेती (Tamatar ki kheti) पर काफी प्रभाव डालता हैं क्योंकि टमाटर का रंग और आकार दोनों जलवायु से प्रभावित होती हैं और टमाटर की तो रंग और आकार ही गुणवत्ता हैं। 18 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता हैं, न तो ये फसल ज्यादा गर्मी सहन कर पाता हैं और नाही ज्यादा ठंडी क्योंकि ज्यादा गर्मी से इसकी फलों के रंग एवं स्वाद पर प्रतिकूल प्रभाव पङता हैं और ठंडी के दिनों मे इसकी फसल पाला सहन नही कर पाती हैं।
Tomato Farming
Tomato Farming

टमाटर की खेती के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for tomato cultivation)

टमाटर के रोपाई करने से पहले खेत की जुताई करके खेत को खरपतवार रहित कर लेना चाहिए। खेत की जुताई करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल यानि की मोल्ड बोर्ड हल (Mould Board Plough) तथा बाद मे 2 से 3 जुताई देशी हल या कल्टीवेटर आदि से करना चाहिए। खेत की मिट्टी को समतल करने के लिए पाटा का उपयोग करना काफी अच्छा होता है।
 
महत्वपूर्ण – टमाटर के बीजों को सीधे खेत मे बुआई नही करते हैं बल्कि इसके बीज से पहले टमाटर की नर्सरी तैयार कर लेते हैं और जब नर्सरी मे पौध 4 से 5 सप्ताह का हो जाता हैं तो पौध को मुख्य खेत मे रोपाई कर देते हैं तो आइये अब जानते हैं टमाटर की नर्सरी तैयार करने की विधि के बारे में।
टमाटर की नर्सरी कैसें तैयार करें (Tamatar ki nursery kaise taiyar kare)
  • जिस जगह पर टमाटर की फसल के लिए नर्सरी तैयार करनी है उस जगह की मिट्टी की तैयारी करना भी आवश्यक होता है. उस जगह की जुताई हो जाने के बाद खेत की मिट्टी मे उपलब्द खरपतवार को चुनकर निकाल लेना चाहिए जिससे की नर्सरी मे खरपटवारों का प्रकोप न हो। एवं इसकी मिट्टी मे गोबर एवं कम्पोस्ट की खाद को जरूरत के हिसाब से मिलाकर मिट्टी को समतल कर लेना चाहिए। 
  • टमाटर की पौध तैयार करने के लिए क्यारियों का निर्माण कर ले। क्यारियों का निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रखे कि क्यारी जमीन से ऊंची उठी हुई हो ताकि वर्षा होने से क्यारी मे पानी न लग पाए। इसके बाद पौधशाला के क्यारियों मे बुआई करें।
  • नर्सरी मे बीजों की बुआई करने से पहले बीजों को केप्तान या बाविस्टीन से 2 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से बीज को उपचारित कर ले। 
  • क्यारियों मे बीज की बुआई हो जाने के बाद फौव्वारे/हजारे से हल्की मात्रा मे पानी का छिङकाव करें।
  • खरीफ की फसल के लिए टमाटर की नर्सरी जून महिना मे तैयार करे एवं गर्मी की फसल के लिए दिसम्बर-जनवरी माह मे तैयार करें। वहीं सर्दी की फसल के लिए सितंबर मे ही नर्सरी तैयार करें।
  • अगर आप एक एकङ खेत मे टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो आप नर्सरी तैयार करने के लिए क्यारियों का चौङाई 1 मीटर एवं लंबाई 5 मीटर रखेगे तो आपको 25 क्यारियों की आवश्यकता होगी।
  • जब नर्सरी मे पौध 4 से 5 सप्ताह का हो जाता हैं तो पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाता हैं।
1 हेक्टेयर मे टमाटर की खेती के लिए बीज की मात्रा (Seed quantity for tomato cultivation in 1 hectare)

एक हेक्टेयर मे टमाटर की खेती के लिए संकर किस्मों की 200 से 250 ग्राम एवं अन्य किस्मों के लिए 400 से 500 ग्राम बीज पर्याप्त होता हैं। 

Agriculture in hindi

टमाटर के पौध की रोपाई का समय (Tamatar ki ropai kab karen)
खरीफ जुलाई से अगस्त
रबी अक्टूबर से नवंबर

टमाटर की गर्मी की फसल के लिए पौध की रोपाई फरवरी माह के अंत तक कर देनी चाहिए। 

टमाटर की पौध की रोपाई (Tamatar ki ropai kaise karen)

टमाटर की पौध की रोपाई 60 सेंटीमीटर की दूरी पर बनी कतारों मे करे साथ ही पौध से पौध की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर रखे। संभव हो तो तैयार खेत मे पौध की रोपाई करने के लिए शाम के समय का चयन करें। पौध की रोपाई करते समय इस बात का ध्यान रखे कि वैसे पौधे को न लगाया जाए जो कि पहले से ही रोगों से ग्रसित हो और जो पौधा शुरू मे ही रोपाई के समय या रोपाई के कुछ दिन बाद मर जाए या सुख जाए तो वैसे पौधों के जगह पर नई पौधों का रोपाई करें।

Tomato Farming
Tomato Plants
टमाटर की फसल मे सिंचाई (Tamatar mein kab sichai karen)

गर्मियों के दिनों मे 5 से 6 दिनों के अंतराल पर एवं सर्दियों के मौसम मे 8 से 10 दिनों के अंतराल पर टमाटर की फसल की सिंचाई करें। फसलों को सिंचाई की आवश्यकता पङने पर ही फसलों को आवश्यकतानुसार सिचाई करें।

टमाटर की फसल मे खरपतवार नियंत्रण (Weed control in tomato crop)

टमाटर की फसल मे खरपतवार का ज्यादा प्रकोप होने पर इसका नियंत्रण करना काफी महत्वपूर्ण होता है। पौध लगाने के 20 से 25 दिन बाद प्रथम निराई एवं गुङाई का कार्य करें। इसकी फसल मे निराई-गुङाई करके खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता है इसके अलावा खरपतवार पर नियंत्रण पाने के लिए खरपतवारनाशी का उपयोग कर सकते है।

पौधों की जङो की समुचित विकाश के लिए निराई-गुङाई करना काफी आवश्यक माना जाता है इसकी फसल मे निराई-गुङाई करने से जङो के आस-पास की मिट्टी ढीली हो जाती है जिससे की हवा का आवागमन अच्छी तरह से होता है जिसका अच्छा प्रभाव हमारी फसल के पैदावार पर पङती है अगर सिंचाई करने या वर्षा के मौसम मे पौधों की जङो के पास की मिट्टी हट गई हो तो ऐसे मे चारों तरफ से पौधों के जङो के पास मिट्टी चढ़ा देना चाहिए।

farming in hindi

टमाटर की फसल मे लगने वाले रोग एवं कीट (Diseases and pests of tomato crop)

टमाटर की फसल मे भी कई तरह के रोग एवं कीट लगते है जिनमे प्रमुख्य कीट सफेद मक्खी (व्हाइट फ्लाई), टमाटर फल छेदक (टोमेटो फ्रूट), तंबाकू की इल्ली (टोबैको कैटरपिलर), पत्ती सुरंगक किट (लीफ माइनर) आदि कीट लगते है इन कीटों पर अगर समय रहते नियंत्रण न किया जाए तो इसका बुङा प्रभाव हमारी फसल पर पङती है जो की हमारी उपज को प्रभावित करती है। इन कीटों के आलवा टमाटर की फसल मे रोग का भी प्रकोप बना रहता है टमाटर की फसल मे प्रमुख्य रोग पर्ण कुंचन (लीफ कर्ल), बकाय रॉट आदि जैसे रोग टमाटर की फसल मे लगते है। इन सभी रोगों से बिना ज्यादा नुकसान के बचा जा सकता है बस जरूरत होती है फसल की अच्छी देखभाल की। अच्छी देखभाल के साथ-साथ अगर किसान को किसी रोग का लक्षण दिखे तो शुरुआती लक्षण दिखते ही इसके रोकथाम का इंतजाम करना चाहिए।

Tomato Farming
Cherry Tomato Farming
टमाटर की उपज (Tomato yield)

टमाटर की उपज टमाटर की किस्म, खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति, एवं इसकी कैसी देखभाल की गई है इस पर भी निर्भर करता है वैसे आमतौर पर इसकी उपज लगभग 50 से 80 टन प्रति हेक्टेयर तक होती है इसकी उपज पूरी तरह से इसकी किस्म पर निर्भर करती है।

➢ टमाटर के बीज को ऑनलाइन यहाँ से ऑर्डर किया जा सकता हैं – Click here

टमाटर की खेती से संबंधित पूछे गए प्रश्न (FAQs)
टमाटर की अर्का रक्षक किस्म की कितनी उपज हैं?
टमाटर की अर्का रक्षक उच्च उपज देने वाली संकर किस्म है जो कि प्रति हेक्टेयर 60 से 80 टन तक की पैदावार देती है।
टमाटर की उत्पत्ति स्थान कहाँ हैं?
टमाटर की उत्पत्ति स्थान दक्षिण अमेरिका (South America) हैं।

तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी टमाटर की खेती (Tamatar ki kheti) के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

यह भी पढे..

spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

आसानी से करें खेत समतल, खेत बराबर करने वाली मशीन के बारे मे यहां से जानें : Laser Land Leveler in hindi

अच्छी फसल उत्पादन के लिए खेत की भूमि का समतल होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं खेत की भूमि का उबर-खाबर होने से किसानों...

Mirch ki Kheti : मिर्च की खेती कैसें करें, जानें मिर्च की खेती की पूरी जानकारी। Chilli Farming in hindi

मिर्च की खेती (Mirch ki Kheti) लगभग देश के सभी राज्यों मे की जाती हैं। भारत मे आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, पश्चिम...

Tamatar ki Variety : जानिए टमाटर के हाइब्रिड एवं उन्नत किस्मों, इसकी विशेषताएं और पैदावार के बारे मे। Tomato Varieties

टमाटर (Tomato) एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे काफी प्रसंद किया जाता है. यह हमारे देश मे उगाई जाने वाली सब्जी फसल है जिसे हमारे...

Irrigation का हिंदी मतलब क्या होता है, जानियें इरगैशन के बारें में। Irrigation Meaning in hindi

इरगैशन (Irrigation) का हिन्दी मतलब (Irrigation Meaning in hindi) “सिंचाई” होता है। पौधों के वृद्धि एवं विकाश के लिए जल की आवश्यकता होती हैं...

Aam Papad : आम पापड़ बनाना यहां से सीखे। Aam Papad Recipe in hindi

आम फलों का राजा है, आम किसे नहीं पसंद होता हैं खासकर बच्चों को तो ये बहुत पसंद होता हैं। आम हमारे सेहत के...

जानिए कल्टीवेटर के प्रकार एवं उनके कार्यों के बारे मे – Types of cultivators and their functions

Types of cultivators and their functions हमारी फसल से अच्छी पैदावार हो इसके लिए खेती-किसानी के अनेकों कार्यों को अच्छे ढंग से करने की जरूरत...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

  • Connect with us
error: Content is protected !! Do\'nt Copy !!