Sunday, April 28, 2024

यहाँ से जानें बकरियों की टॉप 10 नस्लों के बारें में : Top 10 Goat Breeds for Commercial Farming in hindi

प्राचीन काल से ही बकरी (Goat) पालन होते हुए आ रहा हैं बकरी पालन ग्रामीणों कि आर्थिक स्थिति को सुधारने मे काफी मददगार साबित हुआ है। बकरी को गरीब की गाय एवं गरीबों का ए.टी.एम कहा जाता हैं। एक समय था जब बकरी पालन गरीब ग्रामीणों, खेतिहर मजदूरों, लघु एवं सीमांत किसानों की आय का साधन माना जाता था। लेकिन आज के समय मे बकरी पालन व्यवसायिक रूप ले चुका हैं और बकरियों का पालन व्यवसायिक तौर पर हो रहा हैं। बकरी पालन अन्य कृषि और दुग्ध उत्पादन वाले व्यवसाय की तुलना मे कम लागत, सरल तकनीक, कम खर्च तथा कम जोखिम वाला व्यावसाय हैं।

हमारे देश के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन करते है जिसमे बकरी पालन भी किसानों के खेती के साथ-साथ कम खर्च में अधिक मुनाफा देने वाला एक अच्छा व्यवसाय है। बकरी एक बहुपयोगी पशु है जिससे बकरी पालकों को दूध, मांस, चमङे आदि की प्राप्ति होती है। ये देश में भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों का भरण पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसान अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का सहारा लेते है जिसमे मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन के अलावा बकरी पालन का भी काम कई वर्षों से करते आ रहे है। बकरी पालन की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे छोटी से छोटी जगह पर तथा खाने एवं खिलाने मे खर्च कम आता है इसी कारण से किसान आसानी से बकरी पालन कर लेते है।

Bakri palan
Bakri palan

बकरी पालन सहज तथा हल्का होने के कारण महिलाये भी बकरी पालन आसानी से कर सकती है और अपने परिवार के लिए एक अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकती है। बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर भी कई प्रकार के अनुदान एवं प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। जिसका लाभ लेकर बकरी पालन व्यवसायिक तौर पर आसानी से कर सकते है।

आज के इस लेख मे हमलोग जानने वाले हैं बकरियों के टॉप 10 नस्लों के बारें में। ये नस्ल व्यवसायिक तौर पर बकरी पालन करने वाले किसानों एवं उधमी के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकता हैं। तो आइये जानते हैं बकरियों की टॉप 10 नस्लों के बारें में। 

भारतीय बकरियों के नस्ल (Indian goat breeds)

नस्ल (Goat Breeds)
स्थान
बारबरी (Barbari)
उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान
मारवारी (Marwari)
राजस्थान एवं गुजरात
जमुनापरी (Jamunapari)
उत्तर प्रदेश
ब्लैक बंगाल (black bengal)
पशिचम बंगाल एवं आसाम
मालवार (malwar)
संगमनेरी (Sangamneri)
बीटल (Beetal)
पंजाब एवं हरियाणा
जाकरना (Jhakrana)
राजस्थान
सिरोही (Sirohi)
गुजरात एवं राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों
कश्मीरी (Kashmiri) कश्मीर
सोजत (Sojat)
राजस्थान
करवली (Karavli)
गुजारी (Gujari)
उस्मानाबादी (Osmanabadi)
महाराष्ट्र
तेल्लीचेरी (tellicherry)
केरल
चेगू (Chegoo)
हिमांचल प्रदेश
चांगथांगी (changthangi)
लढ़ाख

विदेशी बकरियों के नस्ल (Exotic goat breeds)

नस्ल (Goat Breeds)
स्थान
अल्पाइन (Alpine)
फ्रांस देश के आल्पस पवर्त शृंखला
एंग्लोनुवियन (Anglonuvian)
यूरोप के विभिन्न देशों में
सन्नेन (Sannen)
स्विटजरलैंड
अंगोर (Angoor)
तुर्की या एशिया
टोगेनवर्ग (Togenberg)
स्विटजरलैंड
न्युबियन (Nubian) पूर्वोंतर अफ्रीका का नूबिया

बकरियों की टॉप 10 नस्ल (Top 10 Goat Breeds for Commercial Farming in hindi)

1. जमुनापारी (Jamunapari Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ उत्तर प्रदेश मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरियों का आकार बङा होता है, इसके नाक काफी उभरे रहते हैं। जिसे ‘रोमन’ नाक कहते हैं। सींग छोटा एवं चौड़ा होता है। इस नस्ल की बकरियों के पिछली टांगों पर घने लंबे बाल होते है। इसके शरीर पर सफेद एवं लाल रंग के लम्बे बाल पाये जाते हैं। इसका शरीर बेलनाकार होता है। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 20 से 25 महीने की हैं। इस नस्ल की दैनिक दूध उत्पादन क्षमता 2 से 2.5 किलोग्राम प्रति दिन की होती हैं।

2. सिरोही (Sirohi Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ गुजरात एवं राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों मे पाई जाती है। इसका शरीर गठीला एवं रंग सफेद, भूरा या सफेद एवं भूरा का मिश्रण लिये होता है। इस नस्ल की बकरियाँ दूध एवं मांस के लिए भी पाला जाता है। इस नस्ल की बकरियों को बिना चराये भी पाला जा सकता है। यानि की इसे बांधकर पाला जा सकता है। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 19 महीने की हैं। इस नस्ल की दैनिक दूध उत्पादन क्षमता 500 से 700 ग्राम प्रति दिन की होती हैं।

बकरी पालन
बकरी पालन
3. मारवारी (Marwari Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ राजस्थान एवं गुजरात मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरियों का शरीर माध्यम आकार का एवं शरीर लंबे बालों से ढका होता है तथा इसके चपटे कान, सिंग छोटे नुकीले पीछे की ओर मूङे होते है। इस बकरी के नस्ल मे रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती हैं। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 22 से 24 महीने की हैं। इस नस्ल की प्रति ब्यांत दूध उत्पादन (Milk Yield in 90 Days) क्षमता 84 से 110 किलोग्राम की हैं।

4. बीटल (Beetal Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ पंजाब एवं हरियाणा के क्षेत्रों मे ज्यादा पाई जाती है। इसका शरीर का आकार बङा और इसका रंग काला, भूरा होता है। यह दिखने मे जमुनापारी बकरियाँ जैसी लगती है परन्तु ऊँचाई एवं वजन की तुलना में जमुनापारी से छोटी होती है। इस नस्ल की नर बकरियाँ 50 से 60 किलोग्राम एवं मादा बकरियाँ 40 से 50 किलोग्राम की होती हैं। इसका लंबा कान, उभरी नाक, सींग पीछे की ओर मुङे हुए घुमावदार होते हैं। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 20 से 22 महीने की हैं। इस नस्ल की प्रति ब्यांत दूध उत्पादन (Milk Yield in 90 Days) क्षमता 150 से 200 किलोग्राम की हैं।

5. बारबरी (Barbari Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरियों का कद छोटा, छोटे कान, छोटे सिंग तथा रंग ज्यादातर सफेद या भूरा होता है। इस नस्ल की बकरियों को घर मे रखकर पाला जा सकता है। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 15 महीने की हैं। इस नस्ल की प्रति ब्यांत दूध उत्पादन (Milk Yield in 90 Days) क्षमता 72 किलोग्राम की हैं। इस नस्ल की बकरियाँ दूध एवं मांस के लिए पाला जाता है।

6. ब्लैक बंगाल (black bengal Goat Breeds)

इस नस्ल की बकरियाँ पशिचम बंगाल एवं आसाम मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरियों का कद छोटा और रंग काला/भूरा होता है। तथा इसके कान छोटे तथा चपटे होते है। इसका शरीर गठीला होने के साथ-साथ आगे से पीछे की ओर ज्यादा चौड़ा तथा बीच में अधिक मोटा होता है। इस नस्ल की बकरियाँ मांस एवं चमङा के लिए पाला जाता है। इस नस्ल की प्रजनन क्षमता काफी अच्छी हैं। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 9 से 12 महीने की हैं। इस नस्ल की नर एवं मादा दोनों बकरियों मे दाढ़ी होती हैं।

7. उस्मानाबादी (Osmanabadi Goat Breeds)

उस्मानाबादी बकरी की नस्ल मांस एवं दूध के लिए पाली जाती हैं इस नस्ल का शरीर मध्यम आकार का होता हैं एवं इसका रंग काला होता हैं यह नस्ल महाराष्ट्र के उस्मानाबाद प्रांत मे पाई जाती हैं। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 19 से 20 महीने की हैं।

bakri palan
bakri palan
8. कश्मीरी (Kashmiri Goat Breeds)

यह नस्ल कश्मीर तथा हिमाचल का तराई भाग हिमांचल प्रदेश मे पाई जाती हैं इस नस्ल की बकरी का पालन मुख्य रूप से बालों के लिए किया जाता हैं। इस नस्ल की बकरी का शरीर लंबा होता हैं एवं शरीर के ऊपर लंबे भूरे व सफेद रंग का बाल पाया जाता हैं।

9. जाकरना (Jhakrana Goat Breeds)

जाकरना राजस्थान की ऐसी नस्ल हैं जो सबसे ज्यादा दूध देती हैं इस नस्ल का पालन दूध एवं मांस के लिए किया जाता हैं। दूध उत्पादन के लिए ये नस्ल अच्छा हैं। इस नस्ल की बकरियाँ अलवर राजस्थान मे पाई जाती है। इस नस्ल की पहली बार बच्चा पैदा करने की उम्र 19 महीने की हैं। इस नस्ल की प्रति ब्यांत दूध उत्पादन (Milk Yield in 90 Days) क्षमता 95 किलोग्राम की हैं। 

10. सोजत (Sojat Goat Breeds)

इस नस्ल का पालन दूध एवं मांस के लिए किया जाता हैं। इस नस्ल की प्रति ब्यांत दूध उत्पादन (Milk Yield in 90 Days) क्षमता 80 से 90 किलोग्राम की हैं। यह नस्ल राजस्थान के सोजत एवं पाली के क्षेत्र मे पाया जाता हैं। इस बकरी का रंग सफेद होता हैं।

अगर आप किसान या उधमी हैं और आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो आप बकरी के सही नस्लों का चुनाव करके बकरी पालन शुरू कर सकते हैं। बकरी पालन शुरू करने से पहले आपको सबसे पहले बकरी पालन का प्रशिक्षण करना चाहिए। अगर आप बकरी पालन मे प्रशिक्षण लेना चाहते है तो बकरी पालन के प्रशिक्षण मे आपकी राज्य के कृषि विश्वविद्यालय या आपके जिले के कृषि विज्ञान केंद्र आपकी मदद कर सकता है। या तो फिर प्रशिक्षण की और अधिक जानकारी के लिए केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की आधिकारिक वेबसाईट पर जाकर प्रशिक्षण से जुङी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान आधिकारिक वेबसाईट – https://www.cirg.res.in/

बकरी से संबंधित पूछे गए प्रश्न (FAQs)
दुग्ध की रानी किस बकरी को कहा जाता हैं?
दुग्ध की रानी सानेन बकरी को कहा जाता हैं।
देसी बकरी कितना दूध देती है?
बकरियों की औसत दूध उत्पादन क्षमता 1.5 किलोग्राम होती हैं। 
बकरी कितने महीने तक दूध देती है?
समान्यतः बकरी 3 महीने तक दूध देती है।
बकरा कितने माह मे प्रजनन योग्य हो जाता हैं?
बकरा 6 माह मे प्रजनन योग्य हो जाता हैं।
बकरी मे प्रथम बार बच्चा देने का आयु कितना हैं?
बकरी मे प्रथम बार बच्चा देने का आयु 1.5 से 2 वर्ष की हैं।

तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी बकरियों की टॉप 10 नस्लों के बारे मे जानकारी पहुँचायें।

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