Sunday, May 5, 2024

Arhar ki Kisme : पढ़िए, अरहर की किस्मों एवं इसकी विशेषताएं और पैदावार के बारे में। Arhar ki veriety in hindi

दलहनी वाली फसलों मे अरहर का एक विशेष स्थान हैं अरहर का ज्यादातर इस्तेमाल हमारे घरों मे दाल के रूप मे किया जाता हैं। अरहर की दाल (Arhar ki daal) मे प्रोटीन की मात्रा लगभग 20 से 21 प्रतिशत पाई जाती हैं इसलिए अरहर के दाल का सेवन करना हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता हैं। अरहर की खेती मुख्य रूप से खरीफ के मौसम मे की जाती हैं इसकी खेती हमारे देश के लगभग सभी राज्यों मे की जाती हैं। कम सिंचाई वाले क्षेत्रों तथा बारानी क्षेत्रों के लिए अरहर की फसल काफी उपयोगी हैं क्योंकि इसकी फसल को ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नही होती हैं। इसकी फसल से अरहर तो प्राप्त होती ही हैं साथ ही इसकी लकङी जलाने, छप्पर छाने, झोपङी बनाने, कृत्रिम मल्च आदि मे प्रयोग होती हैं। अरहर की भूसी एवं चूनी को पशुओं के आहार के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।

हमारे देश मे अरहर की खेती (Arhar Varieties) व्यवसायिक तौर पर भी की जा रही हैं कई किसान ऐसे है जो अरहर की व्यवसायिक खेती करके अच्छे मुनाफे कमा रहे हैं। इसकी खेती से कम लागत मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों ने अरहर के कई ऐसे किस्में विकसित किए हैं जिनकी उपज क्षमता तो अच्छी हैं ही साथ यह किस्में कई रोगों एवं कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी हैं। अरहर की खेती करने के लिए ऐसी किस्मों को काफी अच्छा माना जाता हैं जो उपज मे अच्छी और वो रोग प्रतिरोधी भी हो।

Arhar ki veriety
Arhar ki veriety

अरहर की खेती करने से पहले अरहर की किस्मों (Pigeon Pea Varieties) के बारे मे जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि अरहर की कई ऐसी किस्में है जिनकी अलग-अलग पैदावार और विशेषता होती है। अरहर की उन्नत किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय अनुकूलता और बीजाई के समय को ध्यान में रखकर किसानों को करना चाहिए, ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ लिया जा सके। अगर किसान अरहर की सही किस्मों का चुनाव करें तो उन्हें अच्छी पैदावार (High Yield Arhar ki veriety) के साथ अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है। नीचे के सारणी मे अरहर की कुछ किस्मों के साथ उसकी पैदावार और विशेषता की जानकारी दी गई है तो आइये विस्तार से जानते है कि अरहर की खेती के लिए कौन-कौन से किस्मे है और इन किस्मों की क्या खासियत है।

अरहर की किस्म (Arhar ki kism)

प्रभात (Prabhat)
ग्वालियर 3 (Gwalior 3)
आई.सी.पी.एल 88039 (I.C.P.L 88039)
यू.पी.ए.एस 120 (U.P.A.S 120)
बी.डी.एन 2 (B.D.N 2)
आई.सी.पी.एल 151 (I.C.P.L 151)
नरेंद्र अरहर 1 (Narendra Arhar 1)
आई.सी.पी.एल 87 (I.C.P.L. 87)
नरेंद्र अरहर 2 (Narendra Arhar 2)
बहार (Bahar)
आजाद अरहर (Azad Arhar)
उपास 120 (Upas 120)
अमर (AMAR)
पारस (Paras)
पूसा 9 (Pusa 9)
शरद (Shrad)
बी.आर 65 (B.R 65)
मानक (Manak)
पूजा 992 (Puja 992)
बी.डी.एन 1 (B.D.N. 1)
पूसा 885 (Pusa 885)
आई.सी.पी.एल 87119 (I.C.P.L 87119)
बिरसा अरहर 1 (Birsa Arhar 1)
टाइप 21 (type 21)
मालवीय चमत्कार (मालवीय 13)
अभया (Abhaya)
लक्षमी (Laxmi)
पलान्ड़ू (एल.आर.जी. 332) Palandu (L.R.G. 332)
प्रगति (Pragti)
मारुति (Maruti)
एम.ए 6 (M.A 6)
पूसा 16 (Pusa 16)
राजीव लोचन (Rajeev Lochan)
आई.सी 550413 (I.C 550413)
टी.ए.टी 9629 (T.A.T 9629) जे.ए 4 (J.A 4)
टी.जे.टी 501 (T.J.T 501) जे.के.एम 189 (J.K.M 189)
राजेश्वरी PT0012 (Rajeshwari PT0012) जे.के.एम 7 (J.K.M 7)
बी.आर.जी 2 (B.R.G 2)
बी.डी.एन 711 (B.D.N 711)
बी.डी.एन 708 (B.D.N 708)
एन.डी.ए 2 (N.D.A 2)
बी.एस.एम.आर. 853 (B.S.M.R 853)
बी.एस.एम.आर. 736 (B.S.M.R 736)
पूसा 855 (Pusa 855)
पूसा 33 (Pusa 33)
पी.ए.यू 881 (P.A.U 881) आई.सी.पी.एल 84031 (I.C.P.L 84031)
पंत अरहर 291 (Pant Arhar 291)
जवाहर अरहर 4 (Jawahar Arhar 4)
एम.ए.एल 13 (M.A.L 13) पी.पी.एच 4 (P.P.H 4)
आई.सी.पी.एल 8 (I.C.P.L 8)
जी.टी.एच 1(G.T.H 1)
आई.सी.पी.एच 2671 (I.C.P.H 2671)
आई.सी.पी.एच 2740 (I.C.P.H 2740)
वी.एल.अरहर 1 (V.L Arhar 1)
बी.डी.एन. 2 (B.D.N. 2)
जी.टी 101 (G.T 101)
पूसा 991 (Pusa 991)
बी.एस.एम.आर.736 (B.S.M.R 736)
एम.ए 3 (M.A 3)

अरहर की किस्मों की विशेषताएं और पैदावार (Pigeon pea varieties characteristics and yields)

Arhar ki veriety
Arhar ki kheti

अरहर के किस्म (Arhar ki veriety)

आई.सी.पी.एल 87 (I.C.P.L. 87)

यह किस्म 140 से 150 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इसकी पौधों की ऊंचाई 90 से 100 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की फलियां मोटी तथा लंबी होती हैं इसकी फलियां गुच्छों मे आती हैं और एक साथ पककर तैयार होती हैं। यह किस्म झुलसा रोगरोधी हैं इस किस्म की उपज 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

यू.पी.ए.एस 120 (U.P.A.S 120)

यह किस्म 120 से 140 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इसकी पौधों की ऊंचाई 150 से 200 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 10 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

प्रभात (Prabhat)

यह किस्म 115 से 120 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इस किस्म के दानों का रंग पीला होता हैं एवं इसकी 1000 दानों का वजन लगभग 50 से 55 ग्राम होती हैं। इस किस्म की उपज 12 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

ग्वालियर 3 (Gwalior 3)

यह किस्म 180 से 250 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इसकी पौधों की ऊंचाई 225 से 275 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 8 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

आई.सी.पी.एल 151 (I.C.P.L 151)

यह अरहर की जल्दी पकने वाली किस्म (Arhar ki veriety ) है। यह किस्म 120 से 145 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इसकी पौधों की ऊंचाई 100 से 120 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इसकी फलियां एक साथ पककर तैयार होती हैं। इस किस्म का दाना बङा एवं हल्का पीले रंग का होता हैं। यह किस्म भारी मिट्टी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं इस किस्म की उपज 12 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

आई.सी.पी.एल 88039 (I.C.P.L 88039)

यह किस्म 140 से 150 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है इसकी पौधों की ऊंचाई 200 से 225 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म के दानों का रंग भूरा होता हैं एवं इसकी 100 दानों का वजन लगभग 9 से 10 ग्राम होती हैं। इस किस्म की उपज 14 से 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

बी.डी.एन 2 (B.D.N 2)

यह किस्म 155 से 165 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के दानों का रंग सफेद होता हैं। इस किस्म की उपज 16 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। बी.डी.एन 2 किस्म अंतर फसल (Intercropping) के लिए उपयुक्त हैं।

बिरसा अरहर 1 (Birsa Arhar 1)

यह किस्म 200 से 220 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म पठारी क्षेत्र के लिए उपयुक्त हैं। इस किस्म की बुआई का समय 15 जून से 15 जुलाई की हैं।

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अभया (Abhaya)

यह किस्म 170 से 175 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म की बुआई का समय 1 से 31 जुलाई की हैं। यह फली छेदक अवरोधी किस्म हैं। 

जे.के.एम 7 (J.K.M 7)

यह किस्म 170 से 180 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह उकठा रोग रोधी एवं फली बेधक के प्रति निरोधी किस्म हैं। इस किस्म का पौधा लंबा होता हैं। इसके दाने का रंग लाल भूरा एवं आकार मध्यम बङा होता हैं।

पूसा 991 (Pusa 991)

यह किस्म 140 से 145 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह उकठा, फाइटोप्थोरा ब्लाईट तथा बांझपन मोजैक रोग के प्रति सहनशील हैं।

टी.ए.टी 9629 (T.A.T 9629)

यह किस्म 154 से 189 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 19 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह कम फैलाव तथा फली बेधक एवं फल मक्खी के प्रति सहनशील हैं।

पूसा 16 (Pusa 16)

यह किस्म 125 से 130 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बहुरोग रोधी, जल्दी पकने वाली एवं सुखा सहनशील करने वाली किस्म हैं।

एम.ए 3 (M.A 3)

यह किस्म 178 से 262 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 22 से 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह उकठा रोग रोधी वाली किस्म हैं। इस किस्म के दाने लंबा अंडाकार तथा रंग मे भूरा होता हैं।

आई.सी.पी.एल 87119 (I.C.P.L 87119)

यह किस्म 160 से 202 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म पठारी मैदानी क्षेत्र के लिए उपयुक्त हैं। इस किस्म की बुआई का समय 1 से 31 जुलाई की हैं।

Arhar ki veriety
Arhar ki veriety

मारुति (Maruti)

यह किस्म 150 से 180 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म उकठा अवरोधी हैं।

राजेश्वरी PT0012 (Rajeshwari PT0012)

यह किस्म 135 से 150 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म फली बेधक तथा फल मक्खी के प्रति सहनशील हैं।

जे.के.एम 189 (J.K.M 189)

यह किस्म 170 से 175 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। इस किस्म का दाना लाल रंग का होता हैं। यह किस्म सिंचित तथा असिंचित क्षेत्रों मे भी अच्छा उत्पादन देता हैं।

नरेंद्र अरहर 1 (Narendra Arhar 1)

यह किस्म (Arhar ki veriety ) 260 से 270 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

नरेंद्र अरहर 2 (Narendra Arhar 2)

यह किस्म 250 से 260 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 28 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

टाइप 21 (type 21)

यह किस्म 160 से 170 दिनों मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

नीचे दिये गए लिंक की मदद से अरहर के अलग-अलग किस्मों को ऑर्डर करके घर मगाया जा सकता हैं।

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