Wednesday, May 1, 2024

Bajra Variety : जानिए, बाजरा के उन्नत किस्मों एवं इसकी विशेषताएं और पैदावार के बारे मे। bajra ki kisme in hindi

बाजरा खरीफ की फसल हैं। मोटे अनाज वाली फसलों मे बाजरा का एक महत्वपूर्ण स्थान हैं बाजरे के हरे तथा सूखे पौधे का इस्तेमाल पशुओं को खिलाने के लिए किया जाता हैं पशुओं को भी बाजरा का हरा चारा खूब पसंद आता हैं पशु खूब चाव से इसके चारे को खाती है। बाजरा मे प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन एवं खनिज लवण प्रचुर मात्रा मे पाया जाता हैं जिससे इसके नियमित सेवन करने से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता हैं। बाजरा के नियमित सेवन कुपोषण, एनिमिया, कब्ज, मधुमेह एवं उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने मे लाभकारी हैं। बाजरा को उत्तम आहार के रूप मे जाना जाता हैं। बाजरा की रोटी भी बनाई जाती हैं कई लोग रोटी का मतलब सिर्फ गेहूं के आटे से बने रोटी को ही जानते होगें। लेकिन बाजरे का रोटी भी गेहूं के आटे की रोटी से कम नही हैं।

हमारे देश मे बाजरा की खेती (Bajra Variety) व्यवसायिक तौर पर भी की जा रही हैं कई किसान ऐसे है जो बाजरा की व्यवसायिक खेती करके अच्छे मुनाफे कमा रहे हैं। इसकी खेती से कम लागत मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों ने बाजरा के कई ऐसे किस्में विकसित किए हैं जिनकी उपज क्षमता तो अच्छी हैं ही साथ यह किस्में कई रोगों एवं कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी हैं। बाजरा की खेती करने के लिए ऐसी किस्मों को काफी अच्छा माना जाता हैं जो उपज मे अच्छी और वो रोग प्रतिरोधी भी हो।

बाजरा की खेती करने से पहले बाजरा की किस्मों (bajra ki kisme) के बारे मे जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि बाजरा की कई ऐसी किस्में है जिनकी अलग-अलग पैदावार और विशेषता होती है। बाजरा की उन्नत किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय अनुकूलता और बीजाई के समय को ध्यान में रखकर किसानों को करना चाहिए, ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ लिया जा सके। अगर किसान बाजरा की सही किस्मों का चुनाव करें तो उन्हें अच्छी पैदावार (High Yield Bajra ki veriety) के साथ अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है। नीचे के सारणी मे बाजरा की कुछ किस्मों के साथ उसकी पैदावार और विशेषता की जानकारी दी गई है तो आइये विस्तार से जानते है कि बाजरा की खेती के लिए कौन-कौन से किस्मे है और इन किस्मों की क्या खासियत है।

Bajra Variety
Bajra Variety

बाजरा की किस्म (Bajra ki kism)

आई.सी.बी.एम 155 (I.C.B.M 155)
पूसा 322 (Pusa 322)
डब्लू.सी.सी 75 (W.C.C 75)
पूसा 23 (Pusa 23)
आई.सी.टी.बी 8203 (I.C.T.B 8203)
आई.एम.एच 451 (I.M.H 451)
राज 171 (Raj 171)
जी.एच.वी 316 (G.H.V 316)
जे.बी.वी 2 (J.B.V 2)
पी.एच.बी 14 (P.H.B 14)
विजय कम्पोजित (Vijay Composites)
बी.के 560 (B.K 560)
एच.एच.बी 67-2 (H.H.B 67-2)
आई.सी.एम.एच 356 (I.C.M.H 356)
सी.जेड.पी 9802 (C.Z.P 9802)
जी.एच.बी 538 (G.H.B 538)
आर.एच.बी 121 (R.H.B 121)
जी.एच.बी 719 (G.H.B 719)
पूसा 605 (Pusa 605)
एच.एच.बी 90 (H.H.B 90)
सुपर 82 (Super 82)
एच.एच.बी 226 (H.H.B 226)
एम.पी.एम.एच 21 (M.P.M.H. 21)
एम.पी.एम.एच 17 (M.P.M.H 17)
आर.एच.बी 177 (R.H.B 177)
एम.बी.सी 2 (M.B.C 2)
एम.एच 169 (M.H 169)
बी.एच.बी 1202 (B.H.B 1202)
बलवान (Balvan)
जी.के 1116 (G.K 1116)
आर.एच.बी 223 (R.H.B 223)
जे.के.बी.एच 1008 (J.K.B.H 1008)
एच.एच.बी 272 (H.H.B 272)
पी.बी 1852 (P.B 1852)
जे.के.बी.एच 1326 (J.K.B.H 1326)
डी.एच.बी.एच 1397 (D.H.B.H 1397)
प्रोएग्रो 9450 (Proagro 9450)
पूसा 1201 (Pusa 1201)
पी.बी 1705 (P.B 1705)
एक्स.एम.टी 1497 (X.M.T 1497)
के.बी.एच 3940 (K.B.H 3940)
बायो 8145 (Bio 8145)
86 एम 82 (86 M 82)
86 एम 84 (86 M 84)
पी.एच.बी 2884 (P.H.B 2884)
फुले महाशक्ति (Phule Mahashakti)
महाबीज 1005 (Mahabij 1005)
पी.बी.एच 306 (P.B.H 306)

बाजरा की किस्मों की विशेषताएं और पैदावार (Characteristics and yields of Bajra varieties)

बाजरा की किस्म (Bajra ki veriety)

सी.जेड.पी 9802 (C.Z.P 9802)

यह मध्यम ऊंचाई वाली बाजरा की किस्म हैं इसकी ऊंचाई 185 से 200 सेंटीमीटर तक की होती हैं यह बाजरा की किस्म (Varieties of bajra) 70 से 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। हल्का पीलापन लिए हुए इसके दानों का रंग होता हैं। इस किस्म की उपज 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं।

एच.एच.बी 90 (H.H.B 90)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म मे सुखा सहन करने की क्षमता भी हैं। इसकी ऊंचाई 170 से 180 सेंटीमीटर तक की होती हैं इस किस्म का दाना हल्का पीला भुरापन लिए हुए होता हैं। इस किस्म की उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं।

जी.एच.बी 719 (G.H.B 719)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 165 से 170 सेंटीमीटर तक की होती हैं इस किस्म का दाना भूरे रंग का होता हैं। इस किस्म की उपज 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोग के लिए प्रतिरोधी हैं एवं कीङो के प्रति सहनशील हैं साथ ही इस किस्म मे सुखा सहन करने की क्षमता हैं। यह बाजरे की किस्म 70 से 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं।

जी.एच.बी 538 (G.H.B 538)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 155 से 165 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोग के लिए प्रतिरोधी हैं एवं तना मक्खी और तना छेदक के प्रति सहनशील हैं साथ ही इस किस्म मे सुखा सहन करने की क्षमता हैं। यह बाजरे की किस्म 70 से 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं।

एम.एच 169 (M.H 169)

इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 165 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 20 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं साथ ही इस किस्म मे मध्यम सुखा सहन करने की क्षमता हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म का दाना हल्का स्लेटी रंग का होता हैं एवं इसके दाने मोटे होते हैं।

एच.एच.बी 67 (H.H.B 67)

इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 140 से 195 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म तुलासिता रोग प्रतिरोधी हैं साथ ही यह किस्म वर्षा की कमी और अधिकता दोनों ही परिस्थितियों के लिए उपयुक्त हैं। यह बाजरे की किस्म 65 से 70 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के दाने सामान्य मोटाई के होते हैं।

राज 171 (Raj 171)

इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 170 से 200 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म तुलासिता रोग प्रतिरोधी हैं साथ ही यह किस्म मध्यम एवं सामान्य वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। यह बाजरे की किस्म 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के दाने हल्का पीलापन लिए हुए हल्का स्लेटी होता हैं।

Bajra Variety
Bajra Variety

पूसा 605 (Pusa 605)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 125 से 150 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 9 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 से 80 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं।

आर.एच.बी 121 (R.H.B 121)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 165 से 175 सेंटीमीटर तक की होती हैं। इस किस्म की उपज 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 से 78 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं साथ ही इस किस्म मे मध्यम सुखा सहन करने की क्षमता हैं।

जे.के.बी.एच 1008 (J.K.B.H 1008)

इस किस्म की उपज 23 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म राजस्थान, गुजरात एवं हरियाणा के सुखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। 

एम.पी.एम.एच 21 (M.P.M.H. 21)

इस किस्म की उपज 24 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म राजस्थान, गुजरात एवं हरियाणा के सुखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। 

पी.बी 1852 (P.B 1852)

इस किस्म की उपज 33 से 34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 82 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं दिल्ली के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। 

विजय कम्पोजित (Vijay Composites)

इस किस्म (bajra ki kisme) की उपज 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के सूखे चारे की उपज 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

जी.एच.वी 316 (G.H.V 316)

इस किस्म की उपज 24 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के सूखे चारे की उपज 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

जे.बी.वी 2 (J.B.V 2)

इस किस्म की उपज 21 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 70 से 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के सूखे चारे की उपज 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

आई.सी.टी.बी 8203 (I.C.T.B 8203)

इस किस्म की उपज 16 से 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 70 से 75 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। इस किस्म के सूखे चारे की उपज 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं।

आई.सी.एम.एच 356 (I.C.M.H 356)

इस किस्म की उपज 18 से 21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 से 80 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं।

सी.जेड.पी 9802 (C.Z.P 9802)

इस किस्म की उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 75 से 80 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं।

Bajra Variety
Bajra Variety

आर.एच.बी 177 (R.H.B 177)

यह बाजरे की संकर किस्म हैं इस किस्म की पौधे की ऊंचाई 150 से 160 सेंटीमीटर तक की होती हैं इस किस्म का दाना हल्का भूरा रंग का होता हैं। इस किस्म की उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह किस्म जोगिया रोगरोधी हैं यह बाजरे की किस्म 74 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं।

86 एम 82 (86 M 82)

इस किस्म (Bajra variety) की उपज 38 से 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 84 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं दिल्ली के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। 

86 एम 84 (86 M 84)

इस किस्म की उपज 38 से 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की हैं। यह बाजरे की किस्म 80 से 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह बाजरे की किस्म राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं दिल्ली के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। 

नीचे दिये गए लिंक की मदद से बाजरा के अलग-अलग किस्मों को ऑर्डर करके घर मगाया जा सकता हैं।

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तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी बाजरा की किस्मों (Bajra ki veriety) के बारे मे जानकारी पहुँचाए।

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