Friday, April 19, 2024

डीएसआर (Direct Seeder Rice) टेक्निक से करें धान की बुआई, आयेंगी कम लागत और कम मेहनत। dsr method of rice in hindi

हमारे देश भारत मे धान की खेती बङे पैमाने पर की जाती हैं खाद्यान्न फसलों में धान अनाज वाली फसलों में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है। चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन होता है। चीन, भारत और इंडोनेशिया दुनिया के शीर्ष तीन धान उत्पादक देश हैं। पश्चिम बंगाल भारत में धान का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है इस राज्य में एक वर्ष में धान की दो फसलें उगाई जाती हैं।

धान की खेती में बढ़ती लागत चिंता का विषय हैं मज़दूर न मिलने से धान की रोपाई में बहुत परेशानी होती है। साथ ही महंगी होती मजदूरी से खेती की लागत भी काफ़ी बढ़ जाती है। जिससे किसानों को धान की खेती करने मे कई तरह के परेशनियों का सामना करना पङता हैं। धान की खेती करने मे किसानों को कई तरह के कार्य करने होते है यह कार्य काफ़ी मेहनत भरा होता हैं।

धान की खेती करने के लिए किसानों को सबसे पहले धान की नर्सरी तैयार करनी होती है उसके बाद धान की नर्सरी से धान के पौध को उखारकर मुख्य खेत में एक-एक पौधे की रोपाई करनी होती है। रोपाई करने से पहले खेत की तैयारी करनी होती हैं यानि की खेत मे कडवा (puddling) तैयार करना होता है। इसके बाद खेत की तैयारी पूरी करके रोपाई की जाती है। धान की फसल को उन क्षेत्रों मे सफलता पूर्वक उगाया जा सकता हैं जहां 4 से 6 महीनों तक वायु का औसत तापमान 21° से. अथवा इससे अधिक रहता हो। धान की फसल की अच्छी बढ़वार के लिए 25° से 30° से. और पकने के लिए 20° से 25° से. तापमान उपयुक्त होता हैं। इसकी खेती के लिए अधिक जलधारण क्षमता वाली मृदाएं जैसे कि चिकनी, मटियार या मटियार-दोमट मृदा प्रायः उपयुक्त होती हैं।

अन्य फसलों की तरह आज धान की खेती करना किसानों के लिए काफी खर्चीला होते जा रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक सुझावों को अपनाकर सही तरीके से कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाए तो खर्च को कम किया जा सकता हैं। आज के इस लेख मे ऐसे ही कृषि यंत्र डीएसआर मशीन (Direct Seeder Rice) के बारे मे चर्चा किया गया है। इस कृषि यंत्र से धान की खेती (Paddy Cultivation) करने पर न केवल धान के क्षेत्रफल और उत्पादन मे बढ़ोतरी की जा सकती हैं, बल्कि रोपाई द्वारा की जाने वाली खेती की तुलना मे धान उत्पादन मे आने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता हैं। तो आइये जानते है डीएसआर मशीन (DSR Machine) के बारे मे।

Direct Seeder Rice
Direct Seeder Rice

क्या हैं डीएसआर मशीन (Direct Seeder Rice kya hain in hindi)

इस मशीन से धान की खेती करने पर धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती हैं इससे धान की बीजों की खेत मे सीधी बुआई की जाती हैं। इस मशीन को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता हैं जिससे खेत मे इस मशीन की सहायता से धान की बुआई होती हैं। इससे धान की बुआई करने पर धान की पैदावार रोपाई किए गए धान के बराबर ही होता है। इससे बुआई करने पर श्रमिकों तथा पानी की कम आवश्यकता होती है साथ ही अधिक क्षेत्र मे कम समय मे बुआई की जा सकती हैं।

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कैसें करता हैं डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन कार्य (How Direct Seeded Rice Machine Works)

डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन (direct seeded rice in hindi) धान की परंपरागत रोपाई से हटकर कार्य करती हैं यह मशीन ट्रैक्टर द्वारा संचालित होकर धान की बुआई करने का कार्य करती हैं। इस मशीन से बुआई करने से पहले खेत को समतल करना होता है अगर खेत समतल न हो तो लेजर लेवलर मशीन चलाकर खेत को समतल किया जा सकता हैं। उसके बाद डीएसआर मशीन ((dsr machine)) के द्वारा बुआई की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। इस माशीन से खाद और बीज को एक साथ बोया जाता है। यह मशीन बुआई करते समय खेत की भूमि मे पतली लाइन चीरता हैं मशीन के साथ लगी दो अलग-अलग पाइप से उर्वरक और बीज अलग-अलग गिरता हैं जिससे धान की बीज की बुआई होता हैं।

Direct Seeder Rice
Direct Seeder Rice

डीएसआर मशीन से बुआई करने के फायदें (Advantages of sowing paddy with Direct Seeder Rice machine)

इससे बुआई करने पर एक या दो मजदूर की ही आवश्यकता होती हैं ज्यादा श्रमिकों की आवश्यकता नहीं होती हैं।

इस मशीन से बुआई करने पर उपज रोपाई के तुलना मे समान या अधिक होता हैं।

धान की रोपाई मे कडवा (puddling) न होने से भूमि पर पङने वाले दुष्प्रभाव से बचाव होता हैं।

फसल अवधि रोपाई की अपेक्षा 7 से 10 दिन कम होती हैं।

इससे कम समय मे अधिक क्षेत्र मे धान की बुआई किया जा सकता हैं।

डीएसआर मशीन से धान की बुआई करने पर 20 से 35 प्रतिशत तक पानी की बचत हो जाती है. ऐसे में जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है वहां के किसान इस तकनीक से बुआई करके धान की खेती कर सकते हैं।

इससे बुआई करने पर कडवा (puddling) की जरूरत नहीं होती हैं जिसके वजह से प्रति हेक्टेयर 1600 से 2000 रुपये तक की बचत होती हैं। 

खेतों मे 25 से 30 फीसदी नमी की उपस्थिति मे भी इस मशीन से बुआई संभव हैं।

इससे बुआई करने पर धान की नर्सरी तैयार की ज़रूरत नहीं होती हैं।

खरपतवार नियंत्रण (weed control)

धान की सीधी बुआई मे खरपतवार एक प्रमुख्य समस्या है जिससे धान की उपज पर प्रभाव पङता हैं अगर सही समय पर धान की फसल मे खरपतवार का नियंत्रण न किया गया तो इसका बुरा प्रभाव उत्पादकता पर पङता हैं। सुखी मिट्टी मे सीधे बोये गए धान मे ऐसे घास एवं खरपतवारों की अधिकता हो सकती हैं जो की उपजाऊ भूमि मे अधिक पाए जाते हैं। इन खरपतवारों से निजात पाने के लिए शाकनाशकों का आवश्यकता अनुसार प्रयोग किया जा सकता हैं। खरपतवारों को हाथों के द्वारा, खुरपी, पेडीवीडर या मशीनों को संयुक्त रूप से प्रयोग कर भी खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं। 

Direct Seeder Rice
Direct Seeder Rice
पहले तैयार हो जाती हैं फसल (The crop is prepared first)

डीएसआर मशीन (dsr machine) से धान की बुआई करने पर धान की फसल रोपाई करके लगाई गई धान की फसल के तुलना मे 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाता हैं। जिससे धान की फसल के बाद लगने वाली फसलों को समय पर लगाया जा सकता हैं।

कम श्रमिकों की आवश्यकता (Less labor required)

डीएसआर मशीन से धान की बुआई करने पर कम श्रम की आवश्यकता होती है साथ ही यह श्रमिकों की कमी की समस्या को भी हल करती हैं। क्योंकि इस पद्धति से एक एकङ खेत मे धान लगाने के लिए मात्र 2 या 3 श्रमिकों की आवश्यकता होती हैं। वहीं बात करें जब पारंपरिक तरीकों से धान की खेती की जाती हैं तो सबसे पहले धान की नर्सरी तैयार करना होता हैं और ये नर्सरी तैयार होने मे 21 से 30 दिनों का समय लगता है उसके बाद नर्सरी से पौध को उखारकर कडवा किए हुए मुख्य खेत मे धान के एक-एक पौध की रोपाई की जाती है। जो की काफी मेहनत भरा कार्य होता है। साथ ही पारंपरिक तरीकों से धान की खेती करने पर ज्यादा श्रमिकों की भी आवश्यकता होती हैं।

Agriculture in hindi

डीएसआर मशीन पर सब्सिडी (Subsidy on DSR Machine)

डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन पर कई राज्य समय-समय पर योजना चलाकर अनुदान भी प्रदान करती है अनुदान का लाभ लेकर किसान कम दामों पर इस कृषि यंत्र की खरीदारी कर सकते हैं। किसान सब्सिडी की और अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग के आधिकारियों से भी संपर्क कर सकते है या कृषि विभाग की पोर्टल पर सब्सिडी की जानकारी चेक कर सकते हैं।

tray type paddy nursary
tray type paddy nursary
डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन की कीमत (dsr machine price)

डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन की कीमत की शुरुआत करीब 50 हजार रुपये से हो जाती हैं और यह 80 से 90 हजार तक की कीमत की होती हैं। कीमत कंपनी, तकनीक, परफॉरमेंस, टाइन (कुङो) की संख्या और गुणवत्ता पर निर्भर करती है। डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन कई बङी कंपनियों से लेकर छोटी कंपनियाँ बनाती हैं।

➢ Direct paddy Seeder machine को अनलाइन यहाँ से ऑर्डर किया जा सकता हैं – Click here

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तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन (direct seeded rice in hindi) की जानकारी पहुँचाए।

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